जाट वोटरों के साथ से लगी भाजपा की हैट्रिक:अलीगढ़ में तीन बार आए सीएम योगी, जाट नेताओं ने लगातार खैर आकर दूर की वोटरों की नाराजगी
भाजपा खैर विधानसभा के जाट वोटरों का साथ पाने में सफल रही। यही कारण रहा कि भाजपा ने शनिवार को खैर में जीत की हैट्रिक लगाई। भाजपा के सुरेद्र दिलेर यहां एक तरफा जीते। उन्होंने सपा प्रत्याशी डॉ चारूकेन को 38393 वोटों से हरा दिया। इस जीत श्रेय जाट वोटरों को जाता है। जिन्होंने उप चुनाव में भाजपा का साथ दिया। लेकिन 5 महीने पहले तक यहां का हाल कुछ अलग था। जाट वोटर भाजपा से नाराज थे। इसका असर लोकसभा चुनाव में दिखा था। भाजपा के सतीश गौतम भले ही अलीगढ़ से जीते थे। लेकिन खैर विधानसभा में उन्हें हार मिली थी। इस परिणाम को देखते हुए भाजपा ने यहां पूरी ताकत झोंक दी थी। खुद सीएम योगी ने यहां 3-3 जनसभाएं की। भाजपा को लोकसभा चुनाव में मिली थी हार लोकसभा चुनाव में भाजपा के सतीश गौतम ने अलीगढ़ से 15647 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्हें 501837 वोट मिले थे, तो समाजवादी पार्टी के जाट प्रत्याशी को 486187 वोट मिले थे। लेकिन खैर में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। यहां भाजपा के सतीश गौतम को सपा के हाथों 1491 वोटों से शिकस्त मिली थी। चौ. बिजेंद्र को खैर में 95391 वोट मिले थे, जबकि सतीश गौतम को सिर्फ 93900 वोट ही मिले थे। तीन महीने में सीएम की 3 जनसभाएं खैर के उप चुनाव को सीएम योगी अपनी प्रतिष्ठा बनाकर आगे बढ़े। यही कारण रहा कि वह तीन महीने में 3 बार अलीगढ़ आए और यहां सभाएं की। तीनो बार उन्होंने विधानसभा के अलग-अलग क्षेत्रों में आकर लोगों को संबोधित किया। 28 अगस्त को सीएम योगी ने सबसे पहले खैर के गुरुकुल पब्लिक स्कूल में रोजगार मेले का शुभारंभ किया और लोगों को संबोधित किया। यहां युवाओं को रोजगार बांटने के साथ उन्होंने 600 करोड़ से ज्यादा की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। 9 नवंबर को उन्होंने खैर तहसील में आकर चुनावी जनसभा की और सपा पर जमकर प्रहार किए। यहां उन्होंने एएमयू का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एएमयू देश के रुपए से चलती है, इसलिए यहां आरक्षण की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। उन्होंने यहां बंटोगे तो कटोगे का नारा दिया। 16 नवंबर को सीएम ने आखिरी जनसभा की। उन्होंने खैर के जट्टारी क्षेत्र में संबोधित किया। यहां उन्होंने फिर सपा को निशाना बनाया और कहा कि जिस मुस्लिम लीग की स्थापना अलीगढ़ में हुई थी, न कि करांची या ढ़का में। मुस्लिम लीग ने भारत के दो टुकड़े किए, वैसे ही सपा देश को बांटना चाहती है। जाट मंत्रियों और नेताओं ने डाला डेरा खैर विधानसभा जाटलैंड के नाम से फेमस है। यहां जाट वोट किंगमेकर कहे जाते हैं और हर बार तख्ता पलट करने का काम करते हैं। यही कारण था कि भारतीय जनता पार्टी ने खैर की कमान जाट नेताओं के हाथ में सौंप दी। प्रभारी मंत्री चौ. लक्ष्मी नारायण यहां लगातार लोगों से जनसंपर्क करते रहे। वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह ने भी यहां पर कई जनसभाएं की। इसके साथ ही मथुरा के जाट विधायकों ने भी खैर आकर लगातार लोगों से वोट की अपील की और जाट वोटरों को मनाया। जिसके बाद जाट वोटरों ने एक बार फिर भाजपा पर विश्वास जताया। रालोद के साथ से मजबूत हुई भाजपा खैर के उप चुनाव में भाजपा को रालोद का साथ भी मिला। सीएम और अन्य नेताओं की जनसभाओं के बाद 17 नवंबर को रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी भी खैर आए थे। यहां उन्होंने जाट समाज के लोगों से वोट की अपील की। उन्होंने जाट राजा महेद्र प्रताप और पूर्व पीएम चौ. चरण सिंह के नाम से जाट वोटरों को अपनी ओर मिलाया। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी देकर भाजपा ने राजा महेंद्र प्रताप के सपने को पूरा किया है और भारत रत्न देकर भाजपा ने ही पूर्व पीएम को सम्मान देने का भी काम किया है। खैर में रहे मंत्री संदीप, विधायकों ने संभाले बूथ भाजपा ने खैर उप चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। मंत्री संदीप सिंह उप चुनाव के दौरान खैर में ही डेरा डाले रहे और वोटरों को भाजपा की ओर मोड़ने का काम करते रहे। वहीं भाजपा के हर एक विधायक ने बूथ लेवल पर उतरकर जिम्मेदारी संभाली। इससे जाटों के साथ जाटव और अन्य समाज के लोगों का साथ भी भाजपा को मिला। जाट वोटरों को नहीं मोड़ पाई चारूकेन सपा ने चारूकेन को टिकट देकर जाटव और जाट वोटरों को एक करने की रणनीति बनाई थी। लेकिन चारूकेन जाट वोटरों को अपनी ओर मिलाने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई। वहीं बसपा के प्रत्याशी डॉ पहल सिंह ने जाटव वोटरों में भी सेंध लगाई। इसके साथ आजाद समाज पार्टी और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी ने भी जाटव वोट काटे। जिसका फायदा भाजपा को सीधे तौर पर मिला। पहले राउंड से बनाकर रखी बढ़त खैर उप चुनाव में कुल 31 राउंड थे। जिसमें पहले राउंड से ही भाजपा के सुरेंद्र दिलेर ने बढ़ बनाकर रखी। जैसे-जैसे राउंड बढ़ते गए, सुरेंद्र दिलेर के वोटों की संख्या लगातार बढ़ती रही और सपा प्रत्याशी उनसे पिछड़ती रही। अंत में भाजपा ने 38393 वोटों से जीत हासिल की। इसमें भाजपा को 100181 वोट मिले, जबकि सपा की चारूकेन को 61788 वोट मिले। 2022 में भी चारूकेन दूसरे नंबर पर रही थी। तब वह बसपा से चुनाव लड़ी थी और उन्हें 65302 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के अनूप प्रधान को 1,39,643 वोट मिले थे।
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