जेल में बंद कैदी के खाते से निकाले 47 हजार:शाखा प्रबंधक समेत कैशियर पर एफआईआर, जमानत पर जेल से छूटने के बाद हुई जानकारी

गोंडा में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक और कैशियर द्वारा मिली भगत से खाते से पैसे निकाला गया। जेल में बंद कैदी रामभोग के खाते से 47000 विड्रॉल के माध्यम से फर्जी हस्ताक्षर बनाकर निकाले जाने का मामला सामने आया। 18 साल बाद जेल से छूटकर आने के बाद जब कैदी रामभोग को खाते से 47000 निकल जाने की जानकारी हुई। पीड़ित ने अधिकारियों के यहां शिकायती पत्र देकर के कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे परेशान हो करके अब न्यायालय के आदेश पर पीड़ित राम भोग ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बड़गांव शाखा और तत्कालीन कैशियर सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बड़गांव शाखा के खिलाफ गोंडा के नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। उपनिरीक्षक को सौंपी गई पूरे मामले की जांच गोंडा नगर कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करके उपनिरीक्षक विपिन कुमार पांडे को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। दरअसल मोटाजोत मल्हारी गांव के रहने वाले रम्भो हत्या के मामले में 21 अप्रैल 2004 को जेल गया था। बीते 28 जून 2022 तक गोंडा जिला कारागार में बंद था। जेल में कैदी रामभोग के बंद होने के दौरान उनकी सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा बड़ागांव के खाते से बीते 18 नवंबर 2014 को 47000 में निकाल लिया गया। मुकदमा दायर करके कार्रवाई की मांग पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि जब जेल से छूटने के बाद रुपए निकालने गया, तो पता चला कि मेरा फर्जी हस्ताक्षर बनाकर मेरे पैसे निकाल लिए गए हैं। पीड़ित ने तत्काल सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारियों समेत कई पुलिस अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर की कार्रवाई की मांग की। बीते 13 जून 2023 को पीड़ित ने रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से गोंडा पुलिस अधीक्षक को भी शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की। लेकिन जब अधिकारियों द्वारा पीड़ित की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। तो पीड़ित राम भोग ने अपने अधिवक्ता रामकरन वर्मा के माध्यम से न्यायालय में एक मुकदमा दायर करके कार्रवाई की मांग की थी। न्यायालय द्वारा नगर कोतवाली पुलिस को तत्कालीन बैंक मैनेजर और तत्कालीन कैशियर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके पूरे मामले में जांच कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। वहीं पूरे मामले को लेकर नगर कोतवाल मनोज कुमार पाठक ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन बैंक कैशियर और बैंक मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप लगाया गया की जेल में बंद होने के दौरान फर्जी तरीके से हस्ताक्षर बनाकर की कैदी के खाते से 47000 निकाल लिए गए हैं। फिलहाल पूरे मामले की जांच नगर कोतवाली पुलिस द्वारा की जा रही है।

Nov 17, 2024 - 11:05
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जेल में बंद कैदी के खाते से निकाले 47 हजार:शाखा प्रबंधक समेत कैशियर पर एफआईआर, जमानत पर जेल से छूटने के बाद हुई जानकारी
गोंडा में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक और कैशियर द्वारा मिली भगत से खाते से पैसे निकाला गया। जेल में बंद कैदी रामभोग के खाते से 47000 विड्रॉल के माध्यम से फर्जी हस्ताक्षर बनाकर निकाले जाने का मामला सामने आया। 18 साल बाद जेल से छूटकर आने के बाद जब कैदी रामभोग को खाते से 47000 निकल जाने की जानकारी हुई। पीड़ित ने अधिकारियों के यहां शिकायती पत्र देकर के कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे परेशान हो करके अब न्यायालय के आदेश पर पीड़ित राम भोग ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बड़गांव शाखा और तत्कालीन कैशियर सेंट्रल बैंक आफ इंडिया बड़गांव शाखा के खिलाफ गोंडा के नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। उपनिरीक्षक को सौंपी गई पूरे मामले की जांच गोंडा नगर कोतवाली पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करके उपनिरीक्षक विपिन कुमार पांडे को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। दरअसल मोटाजोत मल्हारी गांव के रहने वाले रम्भो हत्या के मामले में 21 अप्रैल 2004 को जेल गया था। बीते 28 जून 2022 तक गोंडा जिला कारागार में बंद था। जेल में कैदी रामभोग के बंद होने के दौरान उनकी सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा बड़ागांव के खाते से बीते 18 नवंबर 2014 को 47000 में निकाल लिया गया। मुकदमा दायर करके कार्रवाई की मांग पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि जब जेल से छूटने के बाद रुपए निकालने गया, तो पता चला कि मेरा फर्जी हस्ताक्षर बनाकर मेरे पैसे निकाल लिए गए हैं। पीड़ित ने तत्काल सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के अधिकारियों समेत कई पुलिस अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर की कार्रवाई की मांग की। बीते 13 जून 2023 को पीड़ित ने रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से गोंडा पुलिस अधीक्षक को भी शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की। लेकिन जब अधिकारियों द्वारा पीड़ित की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। तो पीड़ित राम भोग ने अपने अधिवक्ता रामकरन वर्मा के माध्यम से न्यायालय में एक मुकदमा दायर करके कार्रवाई की मांग की थी। न्यायालय द्वारा नगर कोतवाली पुलिस को तत्कालीन बैंक मैनेजर और तत्कालीन कैशियर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके पूरे मामले में जांच कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। वहीं पूरे मामले को लेकर नगर कोतवाल मनोज कुमार पाठक ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन बैंक कैशियर और बैंक मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप लगाया गया की जेल में बंद होने के दौरान फर्जी तरीके से हस्ताक्षर बनाकर की कैदी के खाते से 47000 निकाल लिए गए हैं। फिलहाल पूरे मामले की जांच नगर कोतवाली पुलिस द्वारा की जा रही है।

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