दबंग ग्राम प्रधान ने दलित मजदूर को पीटकर मार डाला:बेगारी से मना करने पर फावड़े की बेंत से किया हमला, पत्नी ने कराई आरोपी पर FIR
बाराबंकी के मोहम्मदपुर खाला इलाके में बेगारी से मना करने पर ग्राम प्रधान ने एक दलित मजदूर को फावड़े की बेंत से पीट- पीटकर अधमरा कर दिया। बेहोशी की हालत में घर लाए गए मजदूर को परिजन अस्पताल ले गए। यहां उसकी मौत हो गयी। मजदूर की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी प्रधान के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आरोपी की तलाश की जा रही है। तीन दिन पहले मनरेगा का कार्य करने गया एक मजदूर संदिग्ध परिस्थितियों में घायल हो गया। सोमवार की देर शाम उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पत्नी ने प्रधान पर फावड़े के डंडे से पिटाई करके उसके पति को गंभीर रूप से घायल करने का आरोप लगाया है। जिसके बाद पुलिस ने प्रधान के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया है। मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के अमेरा गांव निवासी रामप्यारी ने तहरीर में बताया कि तीन दिन पूर्व 26 अक्टूबर की सुबह आठ बजे 50 वर्षीय पति विश्राम गौतम को ग्राम प्रधान गेंदलाल चौहान उर्फ गुड्डू मनरेगा में कार्य करने की बात बोलकर उसे पास के फजेहतापुर गांव ले गया था। मनरेगा का काम न करवा कर उसे ट्रैक्टर ट्राली में जबरन पुआल (धान का अवशेष) भरने को कहा। इसी बात को लेकर दोनों के बीच में कहासुनी हुई। प्रधान ने फावड़ा के डंडा से उसके पति की पिटाई कर दी। जिससे उनके शरीर में चोटें आईं। ट्रैक्टर-ट्राली से गिर जाने व चोटें आने की बात बोल प्रधान उन्हें घर छोड़ कर चले गए। पति की हालत बिगड़ती देख उसने उन्हें फतेहपुर सीएचसी में भर्ती कराया। हालत में सुधार न होने के कारण डाक्टरों ने उसे जिला अस्पताल, उसके बाद लखनऊ स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान सोमवार की देर शाम उसके पति की मौत हो गई। उधर प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह ने बताया प्रधान के विरूद्ध जान-बूझकर चोट पहुंचाने, गैर-इरादतन हत्या के प्रयास और एससीएसटी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। गहमागहमी के बीच हुआ अंतिम संस्कार चार भाइयों में सबसे बड़े विश्राम का शव मंगलवार की शाम जैसे गांव पहुंचा, वैसे लोगों में आक्रोश उत्पन्न होने लगा। उधर पुलिस के समझाने बुझाने पर, करीब एक घंटे गहमागहमी के बीच देर शाम विश्राम के शव का अंतिम संस्कार किया गया। विश्राम अपनी पत्नी के संग मजदूरी कर जीवनयापन करता था। झोपडी व कच्चे मकान में रहता थे। मृतक के कोई संतान नहीं थी।
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