दिल्ली की हवा लगातार पांचवें दिन बेहद खराब:PM-2.5 लेवल 150 g/m रहा, गुरुवार सीजन की सबसे सर्द रात
दिल्ली की हवा लगातार पांचवें दिन गुरुवार को बेहद खराब की कैटेगरी में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार पिछले 24 घंटे का AQI शाम 4 बजे 325 दर्ज किया गया। यह बुधवार के 303 AQI से ज्यादा है। इसके अलावा गुरुवार रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई। IMD के अनुसार गुरुवार को न्यूनतम तापमान गिरकर 10.1 डिग्री सेल्सियस पर आ गया, जो इस समय के लिए नॉर्मल है। इससे पहले 21 नवंबर की रात 10.2 डिग्री सेल्सियस और 27 नवंबर को 10.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। दिन में शहर का अधिकतम तापमान नॉर्मल से एक डिग्री ज्यादा 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यह इस सीजन का दूसरा सबसे कम तापमान है। सबसे ठंडे दिन का तापमान 19 नवंबर को 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। IMD ने शुक्रवार का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है। प्रदूषण की 2 तस्वीरें... सभी मॉनीटरिंग स्टेशन पर एयर क्वालिटी बेहद खराब
राजधानी के सभी 39 मॉनीटरिंग स्टेशनों पर एयर क्वालिटी बेहद खराब कैटेगरी में दर्ज की गई। हालांकि, 20 नवंबर को AQI 419 (गंभीर कैटेगरी) पर पहुंच गया था। इसके अलावा प्राइमरी पॉल्युटेंट PM-2.5 का लेवल गुरुवार को 150 g/m रहा। ये महीन कण बेहद खतरनाक माने जाते हैं, क्योंकि ये फेफड़ों में गहराई तक जाकर खून में मिल सकते हैं। एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए केंद्र के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) ने अनुमान जताया कि 21.6% प्रदूषण गाड़ियों से निकले वाले धुंए की वजह से था। DSS गाड़ियों से निकले धुंए के लिए रोज अनुमान जारी करता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 103, पंजाब में 34 और हरियाणा में 7 घटनाएं सामने आईं। सैटेलाइट डेटा के अनुसार 15 सितंबर से 28 नवंबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 10,855, हरियाणा में 1380 और उत्तर प्रदेश में 5554 घटनाएं दर्ज की गईं। सुप्रीम कोर्ट बोला-दिल्ली में 2 दिसंबर तक लागू रहेगा GRAP-4
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में सभी GRAP-4 उपाय 2 दिसंबर तक लागू रहेंगे। हालांकि स्कूलों के लिए बनाए गए नियमों में छूट दी जा सकती है। जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा - कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकारी प्रतिबंधों का पालन करवाने में फेल रहे हैं। इसमें गंभीर चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तेजी से होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को भी निर्देश दिया कि वह अपने अधिकारियों को निर्देश दे कि वे किसानों को सैटेलाइट डिटेक्शन से बचने के लिए शाम 4 बजे के बाद पराली जलाने की सलाह न दें। 25 नवंबर को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था- प्रदूषण कम होने तक दिल्ली में ग्रैप-4 लागू रहेगा। साथ ही एयर क्वालिटी कमीशन से पूछा था कि दो दिन में बताएं दिल्ली में जल्द स्कूल कैसे खुलेंगे। मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि सिर्फ तकनीक के इस्तेमाल को बेहतर बनाने से न्याय की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा। हमें समस्या का परमानेंट हल निकालना होगा। पूरी खबर पढ़ें... सर्वाधिक प्रदूषित 50 शहरों में 42 भारत के, 87 करोड़ लोगों की सेहत खतरे में बाकी देशों ने प्रदूषण कैसे कम किया... 1. चीन ने ओलिंपिक के समय जंग शुरू की: 1998 में चीन का बीजिंग शहर प्रदूषित हवा के लिए कुख्यात था। यहां 2008 में ओलिंपिक हुए। चीन ने सड़कों से 3 लाख वाहन हटाए। निर्माण रोके। असर- हवा की गुणवत्ता 30% सुधरी। गेम्स के बाद प्रतिबंधों में ढील दी तो प्रदूषण फिर बढ़ा। 2013 में सरकार ने आबादी वाले इलाकों से कारखाने हटाए। कृषि अपशिष्ट जलाने से रोकने के लिए सब्सिडी दी। 2. लंदन 1952 के ग्रेट स्मॉग से बाहर निकला: लंदन को 1952 के आखिर में ग्रेट स्मॉग ने प्रदूषण की गहरी मोटी जहरीली परत से ढंक दिया। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण के सख्त कदम उठाए गए। हवा की गुणवत्ता सुधरी। 2008 में लो एमिशन जोन व2019 में अल्ट्रा लो एमिशन जोन बनाए गए।डीजल-पेट्रोल के वाहनों पर प्रतिबंध। मालवाहक ट्रक सिर्फ रात में डिलीवरी करते हैं। 3. न्यूयॉर्क व लॉस एंजिल्स धुएं से ढंक गए थे: अमेरिका में लॉस एंजिल्स व न्यूयॉर्क को 60-70 के दशक में कार, बिजली घर व लैंडफिल साइट के धुएंने ढंक दिया। फिर प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास हुए।1970 के दशक की शुरुआत से कारखाने, कार, बिजली संयंत्रों के लिए सख्त नियम बने। जंगलों की आग पर काबू पाया गया। प्रदूषण कम करने के लिए एक्सपर्ट के 2 सुझाव... 1. सीएसई के कार्यकारी निदेशक ने कहा- चार साल पहले कोरोना लॉकडाउन ने हमें स्पष्ट रूप से दिखा दिया था कि प्रदूषण के स्रोत क्या हैं और उसका समाधान क्या है? तब फैक्ट्रियों में काम बंद था। निर्माण कार्य बंद थे। सामान्य दिनों में फैक्ट्रियां, परिवहन, निर्माण कार्य बंद नहीं कर सकते, लेकिन हमें बीच का रास्ता ढूंढ़ना होगा, जिसमें गतिविधियों को संतुलित तरीके से नियमित किया जाए। निर्माण स्थलों पर धूल उड़ने से रोकने के उपाय सख्ती से लागू हों। 2. स्काईमेट के विज्ञानी ने महेश पलावत को कहा- सर्दियों में कोहरा प्राकृतिक घटना है। लेकिन स्मॉग मानव निर्मित है। ज्यादा ट्रैफिक, फैक्ट्रियों से प्रदूषण के कारण कोहरा स्मॉग में बदल जाता है। चीन ने प्रदूषण कम करने में इसलिए कामयाबी पा ली, क्योंकि वहां प्रदूषण रोकने के नियमों का सख्ती से पालन किया गया। भारत में प्रदूषण को कम करना मुद्दा ही नहीं बन पाता। यहां न तो राजनीतिक इच्छाशक्ति नजर आती है, न ही जनता की ओर से इसे खत्म करने के लिए दबाव बनाया जाता है। -------------------------------------------------------------- प्रदूषण से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... केदारनाथ घाटी पर नीली धुंध छाई, नैनीताल की हवा भी 'खराब' दिल्ली में प्रदूषण का असर उत्तराखंड तक पहुंच चुका है। नैनीताल में AQI 200 के कर
दिल्ली की हवा लगातार पांचवें दिन गुरुवार को बेहद खराब की कैटेगरी में रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार पिछले 24 घंटे का AQI शाम 4 बजे 325 दर्ज किया गया। यह बुधवार के 303 AQI से ज्यादा है। इसके अलावा गुरुवार रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई। IMD के अनुसार गुरुवार को न्यूनतम तापमान गिरकर 10.1 डिग्री सेल्सियस पर आ गया, जो इस समय के लिए नॉर्मल है। इससे पहले 21 नवंबर की रात 10.2 डिग्री सेल्सियस और 27 नवंबर को 10.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। दिन में शहर का अधिकतम तापमान नॉर्मल से एक डिग्री ज्यादा 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यह इस सीजन का दूसरा सबसे कम तापमान है। सबसे ठंडे दिन का तापमान 19 नवंबर को 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। IMD ने शुक्रवार का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया है। प्रदूषण की 2 तस्वीरें... सभी मॉनीटरिंग स्टेशन पर एयर क्वालिटी बेहद खराब
राजधानी के सभी 39 मॉनीटरिंग स्टेशनों पर एयर क्वालिटी बेहद खराब कैटेगरी में दर्ज की गई। हालांकि, 20 नवंबर को AQI 419 (गंभीर कैटेगरी) पर पहुंच गया था। इसके अलावा प्राइमरी पॉल्युटेंट PM-2.5 का लेवल गुरुवार को 150 g/m रहा। ये महीन कण बेहद खतरनाक माने जाते हैं, क्योंकि ये फेफड़ों में गहराई तक जाकर खून में मिल सकते हैं। एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए केंद्र के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) ने अनुमान जताया कि 21.6% प्रदूषण गाड़ियों से निकले वाले धुंए की वजह से था। DSS गाड़ियों से निकले धुंए के लिए रोज अनुमान जारी करता है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 103, पंजाब में 34 और हरियाणा में 7 घटनाएं सामने आईं। सैटेलाइट डेटा के अनुसार 15 सितंबर से 28 नवंबर के बीच पंजाब में पराली जलाने की 10,855, हरियाणा में 1380 और उत्तर प्रदेश में 5554 घटनाएं दर्ज की गईं। सुप्रीम कोर्ट बोला-दिल्ली में 2 दिसंबर तक लागू रहेगा GRAP-4
दिल्ली में प्रदूषण को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में सभी GRAP-4 उपाय 2 दिसंबर तक लागू रहेंगे। हालांकि स्कूलों के लिए बनाए गए नियमों में छूट दी जा सकती है। जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा - कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट से पता चलता है कि अधिकारी प्रतिबंधों का पालन करवाने में फेल रहे हैं। इसमें गंभीर चूक करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तेजी से होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को भी निर्देश दिया कि वह अपने अधिकारियों को निर्देश दे कि वे किसानों को सैटेलाइट डिटेक्शन से बचने के लिए शाम 4 बजे के बाद पराली जलाने की सलाह न दें। 25 नवंबर को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था- प्रदूषण कम होने तक दिल्ली में ग्रैप-4 लागू रहेगा। साथ ही एयर क्वालिटी कमीशन से पूछा था कि दो दिन में बताएं दिल्ली में जल्द स्कूल कैसे खुलेंगे। मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमें यह भी स्वीकार करना चाहिए कि सिर्फ तकनीक के इस्तेमाल को बेहतर बनाने से न्याय की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा। हमें समस्या का परमानेंट हल निकालना होगा। पूरी खबर पढ़ें... सर्वाधिक प्रदूषित 50 शहरों में 42 भारत के, 87 करोड़ लोगों की सेहत खतरे में बाकी देशों ने प्रदूषण कैसे कम किया... 1. चीन ने ओलिंपिक के समय जंग शुरू की: 1998 में चीन का बीजिंग शहर प्रदूषित हवा के लिए कुख्यात था। यहां 2008 में ओलिंपिक हुए। चीन ने सड़कों से 3 लाख वाहन हटाए। निर्माण रोके। असर- हवा की गुणवत्ता 30% सुधरी। गेम्स के बाद प्रतिबंधों में ढील दी तो प्रदूषण फिर बढ़ा। 2013 में सरकार ने आबादी वाले इलाकों से कारखाने हटाए। कृषि अपशिष्ट जलाने से रोकने के लिए सब्सिडी दी। 2. लंदन 1952 के ग्रेट स्मॉग से बाहर निकला: लंदन को 1952 के आखिर में ग्रेट स्मॉग ने प्रदूषण की गहरी मोटी जहरीली परत से ढंक दिया। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण के सख्त कदम उठाए गए। हवा की गुणवत्ता सुधरी। 2008 में लो एमिशन जोन व2019 में अल्ट्रा लो एमिशन जोन बनाए गए।डीजल-पेट्रोल के वाहनों पर प्रतिबंध। मालवाहक ट्रक सिर्फ रात में डिलीवरी करते हैं। 3. न्यूयॉर्क व लॉस एंजिल्स धुएं से ढंक गए थे: अमेरिका में लॉस एंजिल्स व न्यूयॉर्क को 60-70 के दशक में कार, बिजली घर व लैंडफिल साइट के धुएंने ढंक दिया। फिर प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास हुए।1970 के दशक की शुरुआत से कारखाने, कार, बिजली संयंत्रों के लिए सख्त नियम बने। जंगलों की आग पर काबू पाया गया। प्रदूषण कम करने के लिए एक्सपर्ट के 2 सुझाव... 1. सीएसई के कार्यकारी निदेशक ने कहा- चार साल पहले कोरोना लॉकडाउन ने हमें स्पष्ट रूप से दिखा दिया था कि प्रदूषण के स्रोत क्या हैं और उसका समाधान क्या है? तब फैक्ट्रियों में काम बंद था। निर्माण कार्य बंद थे। सामान्य दिनों में फैक्ट्रियां, परिवहन, निर्माण कार्य बंद नहीं कर सकते, लेकिन हमें बीच का रास्ता ढूंढ़ना होगा, जिसमें गतिविधियों को संतुलित तरीके से नियमित किया जाए। निर्माण स्थलों पर धूल उड़ने से रोकने के उपाय सख्ती से लागू हों। 2. स्काईमेट के विज्ञानी ने महेश पलावत को कहा- सर्दियों में कोहरा प्राकृतिक घटना है। लेकिन स्मॉग मानव निर्मित है। ज्यादा ट्रैफिक, फैक्ट्रियों से प्रदूषण के कारण कोहरा स्मॉग में बदल जाता है। चीन ने प्रदूषण कम करने में इसलिए कामयाबी पा ली, क्योंकि वहां प्रदूषण रोकने के नियमों का सख्ती से पालन किया गया। भारत में प्रदूषण को कम करना मुद्दा ही नहीं बन पाता। यहां न तो राजनीतिक इच्छाशक्ति नजर आती है, न ही जनता की ओर से इसे खत्म करने के लिए दबाव बनाया जाता है। -------------------------------------------------------------- प्रदूषण से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... केदारनाथ घाटी पर नीली धुंध छाई, नैनीताल की हवा भी 'खराब' दिल्ली में प्रदूषण का असर उत्तराखंड तक पहुंच चुका है। नैनीताल में AQI 200 के करीब पहुंच गया है। यह खराब श्रेणी में माना जाता है। केदारनाथ घाटी पर भी नीली धुंध दिखने लगी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दिल्ली की प्रदूषित हवा का असर है। पूरी खबर पढ़ें...