दिवाली पर देश भर में छाया गोरखपुर का टेराकोटा:मिट्टी से बने सामानों से मानेगी दिवाली, ODOP योजना से मिली नई पहचान

गोरखपुर के टेराकोटा को ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना में शामिल किए जाने के बाद से शिल्पकारों की दुनिया बदल गई है। एक समय दम तोड़ता यह पारंपरिक शिल्प अब पूरे देश में अपनी चमक बिखेर रहा है। शिल्पकारों के पास काम इतना है कि उनके पास आराम का भी वक्त नहीं। हर साल बढ़ती मांग के चलते इस बार शिल्पकारों की कारोबारी दिवाली नवरात्र से पहले ही शुरू हो गई। देश के विभिन्न राज्यों में करीब 30 ट्रक टेराकोटा उत्पाद भेजने के बाद अब गोरखपुर के शिल्पकार स्थानीय बाजार के ऑर्डर्स को पूरा करने में जुट गए हैं। दोगुनी हुई मांग, टेराकोटा शिल्प ने दशहरा और दिवाली में मचाई धूम गोरखपुर के टेराकोटा शिल्प की लोकप्रियता इस बार दशहरा और दिवाली के मौके पर चरम पर है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल टेराकोटा उत्पादों की मांग दोगुनी हो गई है। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिल्पकार राजन प्रजापति ने इस बार 15 ट्रक टेराकोटा उत्पाद हैदराबाद, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली और राजस्थान के बड़े शहरों में भेजे हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 8 ट्रक था। राजन प्रजापति के अलावा पन्नेलाल प्रजापति, हरिओम आजाद, मोहनलाल, सोहनलाल और हीरालाल प्रजापति भी सैकड़ों ट्रक उत्पाद भेज चुके हैं। अब ये सभी शिल्पकार दिवाली के लिए लोकल मार्केट की मांग पूरी करने में व्यस्त हैं। लोकल बाजार की बढ़ती मांग से जगमगाई शिल्पकारों की उम्मीदें शिल्पकारों का कहना है कि देशभर में टेराकोटा उत्पादों की मांग में जबरदस्त उछाल के बाद अब गोरखपुर के लोकल बाजार में भी उनकी मांग तेजी से बढ़ी है। ODOP योजना के तहत टेराकोटा शिल्प को मिली नई पहचान ने स्थानीय बाजार में भी इसकी डिमांड को कई गुना बढ़ा दिया है। शिल्पकार अब अपनी पूरी तैयारी लोकल मार्केट की मांग पूरी करने में लगा रहे हैं, जिससे उनकी दिवाली और भी खास हो जाएगी। विज्ञापन की भी नहीं पड़ी जरूरत शिल्पकार अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। राजन प्रजापति कहते हैं, “हमें अपने उत्पाद बेचने के लिए किसी विज्ञापन की जरूरत नहीं पड़ती। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद टेराकोटा की ब्रांडिंग इतनी जबरदस्त तरीके से की है कि हमारे पास काम की कभी कमी नहीं रहती।” हाल ही में ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में गोरखपुर के टेराकोटा शिल्प ने देश-विदेश के आगंतुकों को आकर्षित किया और शिल्पकारों को बड़े ऑर्डर्स भी मिले हैं। योगी आदित्यनाथ की पहल से नई पीढ़ी भी जुड़ी इस प्राचीन कला से गोरखपुर के शिल्पकार मानते हैं कि 2017 तक टेराकोटा शिल्प धीरे-धीरे खत्म हो रहा था, लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह शिल्प फिर से जीवंत हो उठा। 2018 में इसे ODOP योजना में शामिल करने के बाद से शिल्पकारों को संसाधन, वित्तीय और तकनीकी सहायता मिल रही है, जिससे यह कला नई ऊंचाइयों को छू रही है। आज टेराकोटा के पुराने शिल्पकारों के पास काम की कोई कमी नहीं है, और बेहतर संभावनाओं को देखते हुए नई पीढ़ी भी इस हुनर से जुड़ रही है। टेराकोटा के कायाकल्प में योगी सरकार का बड़ा योगदान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में टेराकोटा शिल्प को एक नया जीवन मिला है। ODOP में शामिल होने के बाद शिल्पकारों को इलेक्ट्रिक चाक, डिजाइन मशीन और अन्य आधुनिक उपकरण मिले हैं, जिससे उनकी उत्पादकता तीन से चार गुना बढ़ गई है। गुणवत्ता में भी बड़ा सुधार हुआ है, जिससे गोरखपुर का टेराकोटा न सिर्फ भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना रहा है। टेराकोटा उद्योग का सुनहरा भविष्य टेराकोटा शिल्पकारों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल किसी वरदान से कम नहीं है। ODOP योजना के तहत मिली सरकारी मदद से गोरखपुर का यह पारंपरिक शिल्प अब नए आयाम छू रहा है। शिल्पकारों का मानना है कि सरकार की मदद से उनका कारोबार हर साल और ज्यादा फल-फूल रहा है, जिससे टेराकोटा का भविष्य बेहद उज्ज्वल नजर आ रहा है।

Oct 21, 2024 - 12:55
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दिवाली पर देश भर में छाया गोरखपुर का टेराकोटा:मिट्टी से बने सामानों से मानेगी दिवाली, ODOP योजना से मिली नई पहचान
गोरखपुर के टेराकोटा को ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (ODOP) योजना में शामिल किए जाने के बाद से शिल्पकारों की दुनिया बदल गई है। एक समय दम तोड़ता यह पारंपरिक शिल्प अब पूरे देश में अपनी चमक बिखेर रहा है। शिल्पकारों के पास काम इतना है कि उनके पास आराम का भी वक्त नहीं। हर साल बढ़ती मांग के चलते इस बार शिल्पकारों की कारोबारी दिवाली नवरात्र से पहले ही शुरू हो गई। देश के विभिन्न राज्यों में करीब 30 ट्रक टेराकोटा उत्पाद भेजने के बाद अब गोरखपुर के शिल्पकार स्थानीय बाजार के ऑर्डर्स को पूरा करने में जुट गए हैं। दोगुनी हुई मांग, टेराकोटा शिल्प ने दशहरा और दिवाली में मचाई धूम गोरखपुर के टेराकोटा शिल्प की लोकप्रियता इस बार दशहरा और दिवाली के मौके पर चरम पर है। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल टेराकोटा उत्पादों की मांग दोगुनी हो गई है। राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिल्पकार राजन प्रजापति ने इस बार 15 ट्रक टेराकोटा उत्पाद हैदराबाद, अहमदाबाद, मुंबई, दिल्ली और राजस्थान के बड़े शहरों में भेजे हैं, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 8 ट्रक था। राजन प्रजापति के अलावा पन्नेलाल प्रजापति, हरिओम आजाद, मोहनलाल, सोहनलाल और हीरालाल प्रजापति भी सैकड़ों ट्रक उत्पाद भेज चुके हैं। अब ये सभी शिल्पकार दिवाली के लिए लोकल मार्केट की मांग पूरी करने में व्यस्त हैं। लोकल बाजार की बढ़ती मांग से जगमगाई शिल्पकारों की उम्मीदें शिल्पकारों का कहना है कि देशभर में टेराकोटा उत्पादों की मांग में जबरदस्त उछाल के बाद अब गोरखपुर के लोकल बाजार में भी उनकी मांग तेजी से बढ़ी है। ODOP योजना के तहत टेराकोटा शिल्प को मिली नई पहचान ने स्थानीय बाजार में भी इसकी डिमांड को कई गुना बढ़ा दिया है। शिल्पकार अब अपनी पूरी तैयारी लोकल मार्केट की मांग पूरी करने में लगा रहे हैं, जिससे उनकी दिवाली और भी खास हो जाएगी। विज्ञापन की भी नहीं पड़ी जरूरत शिल्पकार अपनी इस सफलता का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हैं। राजन प्रजापति कहते हैं, “हमें अपने उत्पाद बेचने के लिए किसी विज्ञापन की जरूरत नहीं पड़ती। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद टेराकोटा की ब्रांडिंग इतनी जबरदस्त तरीके से की है कि हमारे पास काम की कभी कमी नहीं रहती।” हाल ही में ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में गोरखपुर के टेराकोटा शिल्प ने देश-विदेश के आगंतुकों को आकर्षित किया और शिल्पकारों को बड़े ऑर्डर्स भी मिले हैं। योगी आदित्यनाथ की पहल से नई पीढ़ी भी जुड़ी इस प्राचीन कला से गोरखपुर के शिल्पकार मानते हैं कि 2017 तक टेराकोटा शिल्प धीरे-धीरे खत्म हो रहा था, लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह शिल्प फिर से जीवंत हो उठा। 2018 में इसे ODOP योजना में शामिल करने के बाद से शिल्पकारों को संसाधन, वित्तीय और तकनीकी सहायता मिल रही है, जिससे यह कला नई ऊंचाइयों को छू रही है। आज टेराकोटा के पुराने शिल्पकारों के पास काम की कोई कमी नहीं है, और बेहतर संभावनाओं को देखते हुए नई पीढ़ी भी इस हुनर से जुड़ रही है। टेराकोटा के कायाकल्प में योगी सरकार का बड़ा योगदान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में टेराकोटा शिल्प को एक नया जीवन मिला है। ODOP में शामिल होने के बाद शिल्पकारों को इलेक्ट्रिक चाक, डिजाइन मशीन और अन्य आधुनिक उपकरण मिले हैं, जिससे उनकी उत्पादकता तीन से चार गुना बढ़ गई है। गुणवत्ता में भी बड़ा सुधार हुआ है, जिससे गोरखपुर का टेराकोटा न सिर्फ भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना रहा है। टेराकोटा उद्योग का सुनहरा भविष्य टेराकोटा शिल्पकारों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल किसी वरदान से कम नहीं है। ODOP योजना के तहत मिली सरकारी मदद से गोरखपुर का यह पारंपरिक शिल्प अब नए आयाम छू रहा है। शिल्पकारों का मानना है कि सरकार की मदद से उनका कारोबार हर साल और ज्यादा फल-फूल रहा है, जिससे टेराकोटा का भविष्य बेहद उज्ज्वल नजर आ रहा है।

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