दीपावली पर रोशनी से जगमगाया श्री काशी विश्वनाथ धाम:गर्भगृह से गंगा द्वार तक जले हजारों दीप, बाबा की हुई विशेष पूजा अर्चना

दीपावली के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ कारिडोर को दुल्हन की तरह सजाया गया। दीपों व रंग-बिरंगे लाइटों की रोशनी से कारिडोर नहा उठा। धाम की भव्यता और दिव्यता देखते ही बन रही थी। गंगा द्वार से लेकर पूरे कारिडोर को दीयों से सजाया गया। बाबा विश्वनाथ धाम में बाबा के पांचों वक्त की आरती व शृंगार के साथ ही गर्भगृह के अलावा धाम परिसर में सभी विग्रहों पर 11 दीप जलाए जलाए गए। इसके अलावा धाम में दीप जलाने के लिए देश और विदेश से हजारों से अधिक लोगों ने दान किया था। उनके नाम का भी दीप जलाया गया। मंदिर प्रांगण में जलाया गया दीप मंदिर के अर्चकों ने बाबा का विधि विधान से पूजा अर्चना की। उसके बाद बाबा के गर्भ गृह में दीपमाला सजाई गई। पूरे मंदिर परिसर में जगह-जगह रंगोलिया बनाई गईं और उसे दीपों से सजाया गया। इस दौरान भक्त भी अपने घर से दीप लेकर पहुंचे थे, जो मंदिर में जलाकर पूरे वर्ष बाबा से सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हुए दिखाई दिए। आइए पहले तस्वीरें देखते हैं भगवान विश्वनाथ की हुई षोडशोपचार आराधना प्रथम बार इस विशिष्ट आराधना उत्सव में मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा सपरिवार याजक की भूमिका का निर्वहन किया गया। श्री विश्वेश्वर मंदिर प्रांगण में स्थित श्री सत्यनारायण भगवान के मंदिर में महालक्ष्मी और गणपति की आराधना संपन्न की गई। सनातन समाज, राष्ट्र एवं विश्व के संपन्न एवं सुखी होने की कामना के साथ सनातन आराधना का आयोजन किया गया। आज के आयोजन में भगवान विश्वनाथ की षोडशोपचार आराधना के पश्चात माता अन्नपूर्णा का पूजन संपन्न किया गया। तत्पश्चात शुभ मुहूर्त विचार के अनुसार महालक्ष्मी गणपति की प्रकाश आराधना संपन्न कर प्रसाद वितरण किया गया।

Oct 31, 2024 - 21:25
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दीपावली पर रोशनी से जगमगाया श्री काशी विश्वनाथ धाम:गर्भगृह से गंगा द्वार तक जले हजारों दीप, बाबा की हुई विशेष पूजा अर्चना
दीपावली के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ कारिडोर को दुल्हन की तरह सजाया गया। दीपों व रंग-बिरंगे लाइटों की रोशनी से कारिडोर नहा उठा। धाम की भव्यता और दिव्यता देखते ही बन रही थी। गंगा द्वार से लेकर पूरे कारिडोर को दीयों से सजाया गया। बाबा विश्वनाथ धाम में बाबा के पांचों वक्त की आरती व शृंगार के साथ ही गर्भगृह के अलावा धाम परिसर में सभी विग्रहों पर 11 दीप जलाए जलाए गए। इसके अलावा धाम में दीप जलाने के लिए देश और विदेश से हजारों से अधिक लोगों ने दान किया था। उनके नाम का भी दीप जलाया गया। मंदिर प्रांगण में जलाया गया दीप मंदिर के अर्चकों ने बाबा का विधि विधान से पूजा अर्चना की। उसके बाद बाबा के गर्भ गृह में दीपमाला सजाई गई। पूरे मंदिर परिसर में जगह-जगह रंगोलिया बनाई गईं और उसे दीपों से सजाया गया। इस दौरान भक्त भी अपने घर से दीप लेकर पहुंचे थे, जो मंदिर में जलाकर पूरे वर्ष बाबा से सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हुए दिखाई दिए। आइए पहले तस्वीरें देखते हैं भगवान विश्वनाथ की हुई षोडशोपचार आराधना प्रथम बार इस विशिष्ट आराधना उत्सव में मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा सपरिवार याजक की भूमिका का निर्वहन किया गया। श्री विश्वेश्वर मंदिर प्रांगण में स्थित श्री सत्यनारायण भगवान के मंदिर में महालक्ष्मी और गणपति की आराधना संपन्न की गई। सनातन समाज, राष्ट्र एवं विश्व के संपन्न एवं सुखी होने की कामना के साथ सनातन आराधना का आयोजन किया गया। आज के आयोजन में भगवान विश्वनाथ की षोडशोपचार आराधना के पश्चात माता अन्नपूर्णा का पूजन संपन्न किया गया। तत्पश्चात शुभ मुहूर्त विचार के अनुसार महालक्ष्मी गणपति की प्रकाश आराधना संपन्न कर प्रसाद वितरण किया गया।

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