दीपावली में मूर्ति फेंके नहीं यहां रखें:शहर के दस स्थानों पर रख सकते है मूर्ति, दैनिक भास्कर एप और उड़ान संस्था की पहल
धार्मिक शास्त्रों में पूजा करने के कई नियम और कायदे बताए गए हैं। इनमें से एक है ईश्वर को फूल अर्पित करना। ईश्वर को सम्मान देने के लिए लोग उन्हें तरह-तरह के सुगंधित फूल अर्पित करते हैं। ईश्वर पर कुछ समय के लिए चढ़ाए गए इन फूलों का बाद में क्या करना चाहिए? यह प्रश्न सभी के मन में उठता है। इस दीवाली हम लोगों ने फैसला किया है कि आप फूल, वस्त्र, मूर्तियों को इघर-उघर न फेंके बल्कि हमकों दें, ताकि इन फूलों से हम लोग अगरबत्ती और वस्त्रों से थैले बनाएंगे और अपने पर्यावरण को शुद्ध रखने में मदद करेंगे। पवित्र नदियों के भी बचाना है उड़ान संस्था की अध्यक्ष संगीता सेंगर ने कहा कि घरों में मंदिर में कई तरह के सामान का प्रयोग होता है, जो खत्म होने के बाद हम उसे अलग किसी पॉलीथिन में रखते जाते हैं। मंदिर से निकलने वाली चीजों को कभी भी ऐसे कहीं भी फेंकना नहीं चाहिए क्योंकि इससे ईश्वर का अपमान होता है और इससे पाप लगता है। वहीं, अगर हम इसे किसी नदी में प्रवाह करते है, तो भी ये पाप है क्योंकि इससे पवित्र नदी भी दूषित होती है। ऐसे में हमें किस तरह से इसका निवारण करना चाहिए आज हम आपको बताएंगे। नदियों में न फेंके कोई सामान प्रदूषण से दम तोड़ती नदियां वर्तमान और भविष्य की सबसे बड़ी समस्या है। यदि नदियां नहीं बचेंगी तो इंसान और पशु-पक्षियों का जीवन संकट में पड़ना तय है। इसके बावजूद हम नहीं चेत रहे क्योंकि त्योहार के सीजन में मूर्तियों के विसर्जन से नदियां प्रदूषण से मैली होती हैं। इस कार्य में निर्वाणा ग्रुप भी सहयोग करेगा। यहां रखें मूर्तियां उड़ान की विजेता अरोड़ा ने बताया कि हमने कुल 10 केंद्र बनाए हैं। यहां पर मूर्ति, भगवान के वस्त्र और फूल एकत्र कर सकते हैं। यहां पर 27 सितंबर से 4 अक्टूबर तक केंद्र बनाए गए है। निहारिका अपार्टमेंट स्वरूप नगर, रमणिका अपार्टमेंट स्वरूप नगर, गुरु कृपा अपार्टमेंट गुमटी नंबर 5, गुरु आस्था अपार्टमेंट गुमटी नंबर 5, अशोका एनक्लेव स्वरूप नगर, रतन अपार्टमेंट स्वरूप नगर, नागेश्वर विला स्वरूप नगर, पाम कोर्ट अपार्टमेंट स्वरूप नगर, लट्ठे वाली कोठी सिविल लाइंस, मुरली मनोहर तिलक नगर में।
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