धान की फसल पर हल्दिया रोग का कहर:उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से किसान चिंतित

बस्ती में इस बार अच्छी बारिश से धान की फसलें खेतों में लहलहा रही थीं। लेकिन अब हल्दिया रोग (कंडुआ) का प्रकोप किसानों की चिंता बढ़ा रहा है। कंडुआ रोग का असर धान की बालियों में दिखने लगा है, जिससे दाने खराब हो रहे हैं और उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। किसानों ने इस रोग से बचाव के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी किया है। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। हर्रैया विकास क्षेत्र के चोरखरी, धुसवा, मधवापुर पांडेय, भीटी मिश्र और अन्य गांवों के किसानों की फसलें इस रोग से प्रभावित हो चुकी हैं। धान की बालियों में पीले रंग के गांठदार दाने बन रहे हैं, और बालियों को झाड़ने पर हल्दी जैसे पाउडर का उड़ना देखा जा रहा है। जिससे किसान काफी परेशान हैं। फसल की कटाई में देरी के कारण उपज को और नुकसान झेलना पड़ सकता है। रोग लगने फसल की उपज प्रभावित किसान अभय वर्मा ने बताया कि फसल तो अच्छी हुई है, लेकिन रोग ने उपज को प्रभावित कर दिया है, मजबूर कीट नाशक का प्रयोग करना पड़ा, इसके बावजूद भी स्थिति अच्छी नहीं है। रवि कुमार कहते हैं कि रोग से बचाव के लिए कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए। किसान राम प्रताप व कैलाश सिंह का कहना है कि वैज्ञानिकों को इस रोग से बचाव के लिए कोई प्रभावी कदम उठाना चाहिए। हर्रैया कृषि बीज गोदाम के प्रभारी धीरज मौर्या ने किसानों को सलाह दी है कि वे बिना देरी किए समय पर दवाओं का छिड़काव करें, ताकि रोग को नियंत्रित किया जा सके।

Oct 28, 2024 - 14:20
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धान की फसल पर हल्दिया रोग का कहर:उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से किसान चिंतित
बस्ती में इस बार अच्छी बारिश से धान की फसलें खेतों में लहलहा रही थीं। लेकिन अब हल्दिया रोग (कंडुआ) का प्रकोप किसानों की चिंता बढ़ा रहा है। कंडुआ रोग का असर धान की बालियों में दिखने लगा है, जिससे दाने खराब हो रहे हैं और उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। किसानों ने इस रोग से बचाव के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी किया है। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। हर्रैया विकास क्षेत्र के चोरखरी, धुसवा, मधवापुर पांडेय, भीटी मिश्र और अन्य गांवों के किसानों की फसलें इस रोग से प्रभावित हो चुकी हैं। धान की बालियों में पीले रंग के गांठदार दाने बन रहे हैं, और बालियों को झाड़ने पर हल्दी जैसे पाउडर का उड़ना देखा जा रहा है। जिससे किसान काफी परेशान हैं। फसल की कटाई में देरी के कारण उपज को और नुकसान झेलना पड़ सकता है। रोग लगने फसल की उपज प्रभावित किसान अभय वर्मा ने बताया कि फसल तो अच्छी हुई है, लेकिन रोग ने उपज को प्रभावित कर दिया है, मजबूर कीट नाशक का प्रयोग करना पड़ा, इसके बावजूद भी स्थिति अच्छी नहीं है। रवि कुमार कहते हैं कि रोग से बचाव के लिए कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए। किसान राम प्रताप व कैलाश सिंह का कहना है कि वैज्ञानिकों को इस रोग से बचाव के लिए कोई प्रभावी कदम उठाना चाहिए। हर्रैया कृषि बीज गोदाम के प्रभारी धीरज मौर्या ने किसानों को सलाह दी है कि वे बिना देरी किए समय पर दवाओं का छिड़काव करें, ताकि रोग को नियंत्रित किया जा सके।

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