पति और सास को सात-सात साल की सजा:सुराल वालों ने दहेज के लिए की विवाहिता की थी हत्या, साढ़े चार साल पुराने मामले में फैसला

सोनभद्र।साढ़े चार साल पहले ओबरा थाना क्षेत्र में हुई विवाहिता फूलमती उर्फ बुटली की हत्या के मामले में अपर सिविल जज अर्चना रानी की अदालत ने दोषी पति और सास को सात-सात वर्ष की सजा सुनाई है। इसके अलावा, दोनों को 1000-1000 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। यदि यह अर्थदंड न भरा गया, तो एक महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। ललिता देवी ने थाने में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी बेटी फूलमती का विवाह एक साल पहले प्रमोद केशरी से हुआ था, जो कि चुनहिया टोला बरदिया थाना चोपन का निवासी था। शादी के बाद से ही फूलमती को उसके ससुराल वालों द्वारा दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर 7 जून 2020 को फूलमती की हत्या कर दी गई और आरोपियों ने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया। घटना का खुलासा रात करीब 8 बजे गांव के लोगों ने फोन के जरिए ललिता देवी को सूचना दी। इसके बाद ललिता देवी और उनका परिवार ससुराल पहुंचे और घटना की प्राथिमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। विवेचक ने मामले की जांच पूरी करने के बाद पर्याप्त सबूतों के साथ अदालत में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की। अदालत का फैसला सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके बाद, अदालत ने प्रमोद केशरी और उसकी मां जोखन देवी को दोषी ठहराते हुए सात साल की कठोर सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों पर 1000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यदि दोषी अर्थदंड अदा करने में असमर्थ रहते हैं तो उन्हें एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

Nov 26, 2024 - 10:50
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पति और सास को सात-सात साल की सजा:सुराल वालों ने दहेज के लिए की विवाहिता की थी हत्या, साढ़े चार साल पुराने मामले में फैसला
सोनभद्र।साढ़े चार साल पहले ओबरा थाना क्षेत्र में हुई विवाहिता फूलमती उर्फ बुटली की हत्या के मामले में अपर सिविल जज अर्चना रानी की अदालत ने दोषी पति और सास को सात-सात वर्ष की सजा सुनाई है। इसके अलावा, दोनों को 1000-1000 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। यदि यह अर्थदंड न भरा गया, तो एक महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। ललिता देवी ने थाने में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी बेटी फूलमती का विवाह एक साल पहले प्रमोद केशरी से हुआ था, जो कि चुनहिया टोला बरदिया थाना चोपन का निवासी था। शादी के बाद से ही फूलमती को उसके ससुराल वालों द्वारा दहेज की मांग को लेकर मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। आरोप है कि दहेज की मांग पूरी न होने पर 7 जून 2020 को फूलमती की हत्या कर दी गई और आरोपियों ने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया। घटना का खुलासा रात करीब 8 बजे गांव के लोगों ने फोन के जरिए ललिता देवी को सूचना दी। इसके बाद ललिता देवी और उनका परिवार ससुराल पहुंचे और घटना की प्राथिमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। विवेचक ने मामले की जांच पूरी करने के बाद पर्याप्त सबूतों के साथ अदालत में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की। अदालत का फैसला सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके बाद, अदालत ने प्रमोद केशरी और उसकी मां जोखन देवी को दोषी ठहराते हुए सात साल की कठोर सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों पर 1000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यदि दोषी अर्थदंड अदा करने में असमर्थ रहते हैं तो उन्हें एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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