पसमांदा समाज ने महिला आयोग के प्रस्ताव का किया विरोध:लखनऊ में अनीस बोले- 'पुरुष दर्जी नहीं लेंगे महिलाओं का नाप' ये प्रस्ताव समाज को बांटने वाला

लखनऊ में पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने प्रेस वार्ता करके महिला आयोग के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि महिला आयोग के द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया है कि 'पुरुष टेलर महिलाओं का नाप नहीं लेंगे' , जिम में ट्रेनिंग नहीं देंगे या अन्य स्थानों पर महिला ही महिला का सहयोग करेगी। इस तरीके का प्रस्ताव समाज के विकास में बाधा है। अनीस मंसूरी ने कहा कि यह महिलाओं की सुरक्षा से कहीं ज्यादा इस में भेदभाव का मामला नजर आ रहा है। सदियों से महिला और पुरुष एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं और समाज को इससे तरक्की मिल रही है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं बैड टच का मामला सामने आया तो उस पर कानूनी कार्रवाई करना चाहिए। ऐसे कई मामले सामने आए जहां छात्राओं के द्वारा शिक्षक पर, मरीज के द्वारा चिकित्सा पर आरोप लगाया गया है तो क्या भविष्य में महिलाएं पुरुष डॉक्टर से इलाज नहीं करवाएंगी , इसका भी प्रस्ताव लाया जाएगा। प्रस्ताव और कानून से कहीं ज्यादा आवश्यकता इस बात की है कि लोगों को मानसिक रूप से एक दूसरे का सम्मान करना सिखाया जाए। अनीस मंसूरी ने कहा कि कपड़ा सिलने का काम अधिकतर जो करते हैं वह पसमांदा समाज में इदरीसी समुदाय से आते हैं। महिला आयोग इस विशेष वर्ग को टारगेट करके इस प्रकार का प्रस्ताव ला रही है। उन्होंने कहा कि हमारी यह मांग है कि इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लिया जाए। और अगर कहीं बैड टच की घटना सामने आती है तो उस मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। नए प्रस्ताव को लेकर इशरत सुल्ताना ने कहा कि सदियों से महिलाएं पुरुष दर्जी से कपड़े बनवा रही हैं। हम लोग समाज में पुरुष चिकित्सक , पुरुष शिक्षक और अन्य जगहों पर पुरुषों की सहायता लेते हैं। हर जगह संभव नहीं है की महिला को महिला ही सेवा दें। हमारी यह मांग जरूर है कि किसी भी महिला के साथ किसी भी प्रकार का शोषण नहीं होना चाहिए। मगर इस तरीके के प्रस्ताव समाज के लिए बिल्कुल भी लाभदायक नहीं है।

Nov 12, 2024 - 20:40
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पसमांदा समाज ने महिला आयोग के प्रस्ताव का किया विरोध:लखनऊ में अनीस बोले- 'पुरुष दर्जी नहीं लेंगे महिलाओं का नाप' ये प्रस्ताव समाज को बांटने वाला
लखनऊ में पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने प्रेस वार्ता करके महिला आयोग के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि महिला आयोग के द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया है कि 'पुरुष टेलर महिलाओं का नाप नहीं लेंगे' , जिम में ट्रेनिंग नहीं देंगे या अन्य स्थानों पर महिला ही महिला का सहयोग करेगी। इस तरीके का प्रस्ताव समाज के विकास में बाधा है। अनीस मंसूरी ने कहा कि यह महिलाओं की सुरक्षा से कहीं ज्यादा इस में भेदभाव का मामला नजर आ रहा है। सदियों से महिला और पुरुष एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं और समाज को इससे तरक्की मिल रही है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं बैड टच का मामला सामने आया तो उस पर कानूनी कार्रवाई करना चाहिए। ऐसे कई मामले सामने आए जहां छात्राओं के द्वारा शिक्षक पर, मरीज के द्वारा चिकित्सा पर आरोप लगाया गया है तो क्या भविष्य में महिलाएं पुरुष डॉक्टर से इलाज नहीं करवाएंगी , इसका भी प्रस्ताव लाया जाएगा। प्रस्ताव और कानून से कहीं ज्यादा आवश्यकता इस बात की है कि लोगों को मानसिक रूप से एक दूसरे का सम्मान करना सिखाया जाए। अनीस मंसूरी ने कहा कि कपड़ा सिलने का काम अधिकतर जो करते हैं वह पसमांदा समाज में इदरीसी समुदाय से आते हैं। महिला आयोग इस विशेष वर्ग को टारगेट करके इस प्रकार का प्रस्ताव ला रही है। उन्होंने कहा कि हमारी यह मांग है कि इस प्रस्ताव को तत्काल वापस लिया जाए। और अगर कहीं बैड टच की घटना सामने आती है तो उस मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। नए प्रस्ताव को लेकर इशरत सुल्ताना ने कहा कि सदियों से महिलाएं पुरुष दर्जी से कपड़े बनवा रही हैं। हम लोग समाज में पुरुष चिकित्सक , पुरुष शिक्षक और अन्य जगहों पर पुरुषों की सहायता लेते हैं। हर जगह संभव नहीं है की महिला को महिला ही सेवा दें। हमारी यह मांग जरूर है कि किसी भी महिला के साथ किसी भी प्रकार का शोषण नहीं होना चाहिए। मगर इस तरीके के प्रस्ताव समाज के लिए बिल्कुल भी लाभदायक नहीं है।

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