पाकिस्तान में शिया-सुन्नी हिंसा में 18 की मौत, 30 घायल:3 दिन से संघर्ष जारी; गुरुवार को 50 लोगों की मौत हुई थी
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (KPK) में शुक्रवार को दो गुटों की हिंसा में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा घायल हो गए। KPK के ही बालिश्खेल, खार काली, कुंज अलीजई और मकबल इलाके में अभी भी संघर्ष जारी है। मरने वालों और घायलों में ज्यादा तादाद शिया समुदाय के लोगों की है। लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां मरने वालों की संख्या 30 से ज्यादा हो चुकी है। लड़ाई में घरों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है। बिगड़ते हालात की वजह से जिले के सभी स्कूल-कॉलेज शनिवार तक के लिए बंद कर दिए गए। इस संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब खैबर पख्तूख्वा के कुर्रम जिले में अलीजई और बागान जनजाति के संघर्ष में पैसेंजर वैन काफिले पर फायरिंग की गई। पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को कुर्रम जिले के मंदुरी और ओछाट में 50 से ज्यादा पैसेंजर वैन पर गोलीबारी की गई, जिसमें 6 वैन को भारी नुकसान पहुंचा। ये सभी गाड़ियां एक काफिले में पारचिनार से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर जा रही थी। इसमें 50 लोगों की मौत हो गई, और 20 लोग घायल हो गए। सीमा विवाद की वजह से बना आतंकियों की पनाहगाह खैबर पख्तूनख्वा को लेकर हमेशा से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव रहा है। इस वजह से कई आतंकी गुट इसे पनाहगाह की तरह इस्तेमाल करते हैं। यहां पर होने वाली आतंकी घटनाओं की एक बड़ी वजह बॉर्डर एरिया को लेकर दोनों देशों में आपसी सहमति न होना है। दरअस्ल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक सीमा के जरिए अलग होते हैं। इसे डूरंड लाइन कहा जाता है। पाकिस्तान इसे बाउंड्री लाइन मानता है, लेकिन तालिबान का साफ कहना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा राज्य उसका ही हिस्सा है। पाकिस्तानी सेना ने यहां कांटेदार तार से फेंसिंग की है। अफगानिस्तान पर कब्जे पर तालिबान ने पाकिस्तान से इस इलाके को खाली करने को कहा और यहां लगी फेंसिंग उखाड़ दी। पाकिस्तान ने इसका विरोध किया और वहां फौज तैनात कर दी। इसके बाद तालिबान ने वहां मौजूद पाकिस्तानी चेक पोस्ट्स को उड़ा दिया था। लोगों का आरोप- सेना के होने से इलाके में अशांति कुछ महीने पहले खैबर पख्तूनख्वा के लोगों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लोगों ने बगावत कर दी थी। इलाके के 10 हजार से ज्यादा पश्तून लोगों ने सड़क पर उतरकर'आर्मी गो बैक' के नारे लगाए थे। उनका कहना था कि सेना ने इलाके में आतंक मचा रखा है। सेना के इलाके में होने से अशांति है और इसी वजह से आतंकी हमले बढ़ते जा रहे हैं। खैबर इलाके में चलाए जा रहे मिलिट्री ऑपरेशन को पश्तून बंद करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का पाकिस्तानी सेना पर आरोप है कि वे आतंकवाद के नाम पर आम लोगों को प्रताड़ित कर रही है। वो जब चाहे जिसे चाहे गिरफ्तार कर लेती है।
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