बंदूकों की सप्लाई में गन हाउस होल्डर को नोटिस:मेरठ STF की टीम ने हथियार सप्लायर अनिल बंजी की तलाश में दी कई जगह दबिश
मेरठ STF की टीम ने दरोगा के बेटे रोहन से 17 बंदूक बरामदगी के मामले में पंजाब के गन हाउस होल्डर को नोटिस जारी कर दिया है। बरामद बंदूकें गन हाउस से ही खरीदी गईं थी। ऐसे में बिना लाइसेंस के कैसे हथियार बेच दिए गए। गन हाउस होल्डर का नाम भी रिपोर्ट में शामिल किया जा रहा है। वहीं, वेस्ट यूपी में हथियार तस्करी के मास्टरमाइंड अनिल बालियान उर्फ बंजी की तलाश में एसटीएफ की टीम कई जगहों पर दबिश दे रही है। STF मेरठ की टीम ने 23 नवंबर को कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में घेराबंदी करके एक हथियार तस्कर रोहन पुत्र राकेश निवासी बड़ौत बागपत को गिरफ्तार किया था। मास्टरमाइंड अनिल बालियान समेत 3 साथी फरार हो गए थे। रोहन के पास स्कार्पियो कार में 5 सिंगल बैरल और 12 डबल बैरल बंदूक और 700 कारतूस बरामद हुए। उसके चार साथी फरार हो गए थे। STF के SP बृजेश कुमार सिंह ने बताया- जिन गन हाउस से ये हथियार खरीदे गए थे उनको भी मुकदमे में आरोपी बनाने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। ऐसे सप्लाई हो रहे थे लाइसेंसी हथियार गन हाउस पर नए हथियारों के अलावा ऐसे पुराने हथियार भी होते हैं, जिनकों लाइसेंस होल्डर सरेंडर कर देते हैं। अगर किसी लाइसेंस होल्डर की मौत हो गई और उसके परिवार वालों ने लाइसेंस नहीं बनवाया तो उसे परमिशन लेकर गन हाउस पर बेच दिया जाता है। बहुत से लोग हथियार पुराने होने की वजह से बेच देते हैं। नए लाइसेंस वाले लोग अमूमन नए हथियार ही लेते हैं। ऐसे में गन हाउस पर पुराने हथियार इकट्ठा होते रहते हैं। अनिल बंजी गन हाउस से साठगांठ करके इन हथियारों को 40 से 50 हजार रुपए प्रति बन्दूक तथा 100 रुपए प्रति कारतूस (315 बोर) खरीदता था। इसके बाद इन बंदूकों को यह लोग 80 हजार से 1 लाख में और कारतूस को 200 से 250 रुपए में बेच देते थे। गन हाउस का मालिक अनिल को असलहा व कारतूस किसी अन्य व्यक्ति के नाम से फर्जी रसीद काटकर देता था। वह फर्जी रसीदें अनिल बालियान अपने पास रखता था। फिर इन हथियारों को प्रोफेशनल बदमाशों को बेचा जाता था। संजीव जीवा गैंग से जुड़ा था अनिल बंजी अंतर्राज्यीय गैंग का मुख्य सरगना अनिल बालियान उर्फ अनिल बंजी पहले कुख्यात धर्मेंद्र किरठल के गैंग से जुड़ा था। साल 2013 में रोहटा रोड पर धर्मेंद्र किरठल के साथी अनिल बामडोली का मर्डर हो गया। इसमें अनिल पर मुखबिरी का शक जताया गया था। इसके बाद से धर्मेंद्र किरठल और अनिल बालियान अलग हो गए। धर्मेंद्र से बचने के लिए अनिल बालियान ने संजीव जीवा गैंग से हाथ मिला लिया। फैजाबाद जेल में अनिल बालियान ने संजीव जीवा से मिलकर 12 लाख में एके-47 और 1300 कारतूस खरीदे। जिससे की धर्मेंद्र किरठल पर हमला करा सके। मेरठ में डीन को मारी थी 12 गोलियां अनिल बालियान मेरठ में रह रहा था। वह यहां प्राॅपर्टी का काम कर रहा था। सरदार पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि में वेटनरी कालेज की डाॅ. आरती भटेले से दोस्ती थी। आरती भटेले सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि में डीन डायरेक्टर डा. राजवीर सिंह की हत्या कराकर खुद डायरेक्टर बनना चाहती थी। 11 मार्च 2022 की शाम 5 बजे डीन राजवीर सिंह को 12 गोलियां मारी गईं थी। लंबे समय तक वह कोमा में रह रहे थे। पुलिस ने इस मामले में अनिल बालियान समेत दो शूटर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अनिल जमानत पर छूटने के बाद अब हथियार तस्करी को बड़े स्तर पर अंजाम दे रहा था। अनिल बालियान के संबंध मेरठ के अलावा वेस्ट यूपी के तमाम बदमाशों से हैं।
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