बच्चों को दी अवसर पहचानने की सीख:लखनऊ में दादी-नानी की कहानी का 63वां आयोजन
सीतापुर रोड स्थित पुरनिया के हजारीलाल माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को प्रेरक कथा के माध्यम से नैतिक शिक्षा दी गई। कार्यक्रम का आयोजन लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा किया गया। इसमें 'दादी-नानी की कहानी' की श्रृंखला का 63वां आयोजन किया गया। इस दौरान स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने बच्चों को 'अवसर को पहचानो' नामक कहानी सुनाई। इस दौरान उन्होंने बच्चों से कुछ सवाल पूछकर उनकी समझ को परखा। कार्यक्रम की शुरुआत कठिन वाक्यों के उच्चारण अभ्यास से हुई। इससे बच्चों को बेहतर वाचन कौशल सिखाया गया। जीतेश श्रीवास्तव ने कथा के माध्यम से बच्चों को यह बताया कि मनुष्य की सहायता करने के लिए ईश्वर अवसर के रूप में सामने आते हैं। यदि हम उस अवसर का लाभ उठाते हैं तो सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि जो लोग अवसर चूक जाते हैं उन्हें सफलता नहीं मिलती। कथा के अंतर्गत लेखक राजनारायण वर्मा ने बच्चों को निरंतर अभ्यास के महत्व और उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान हजारीलाल माध्यमिक विद्यालय के पूर्व छात्र एवं समाजसेवी शैलेन्द्र मौर्य ने भी अपने विचार साझा किए। बच्चों को मेहनत और निरंतरता से सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा दी। विद्यालय की प्रधानाचार्य चन्द्रप्रभा सिंह और उपप्रधानाचार्य सुरेश चन्द्र मौर्य ने कथा प्रस्तोता समूह का स्वागत किया। इस अवसर पर लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव डॉक्टर सुधा द्विवेदी, कैप्टन प्रखर गुप्त, डा. एस.के. गोपाल के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षकगण श्री सद्गुरु प्रसाद वर्मा, मंजू सिंह, सुषमा श्रीवास्तव और सुनील वर्मा सहित अन्य उपस्थित रहे।
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