बरेली में भैसों की फाइट कराने पर भड़कीं मेनका गांधी:बोलीं-आयोजकों को भिजवाएंगे जेल, भैंसों की लड़ाई की परंपरा पर लग चुकी रोक

बरेली के कैंट थाना क्षेत्र में गोवर्धन पर्व पर परंपरा निभाने के लिए भैंसों की फाइट हुई। अब यह मामला तूल पकड़ रहा है। अब इस मामले में पीएफए प्रमुख मेनका गांधी की एंट्री हो गई है। उन्होंने भैंसा लड़ाई होने पर नाराजगी जताई है। मेनका गांधी ने मीडिया को बताया कि भैसों की लड़ाई को पहले ही बंद कराया जा चुका है। फिर यह आयोजन कैसे हो गया, वह आयोजकों पर कार्रवाई कराएंगी। पूर्व सांसद मेनका गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा-भैंसों की लड़ाई को पूर्व में बंद कराया गया था। अगर यह दोबारा से शुरू हो गई है तो इसके लिए अधिकारियों से बात कर आयोजकों को जेल भिजवाया जाएगा। पशुओं की लड़ाई पूरी तरह प्रतिबंधित है। कोर्ट भी इस पर प्रतिबंध लगा चुका है। दरसल कोर्ट ने परंपरा के नाम पर जानवरों की इस तरह फाइट पर रोक लगा दी थी। वहीं कैंट पुलिस ने मीडिया को बताया है कि उन्हें इस तरह के आयोजन की कोई जानकारी नहीं थी। बताया यह भी जाता है कि आयोजकों ने जगह बदलकर किसी अन्य जगह भैसों की फाइट कराई थी। जिसमें कई जानवरों के घायल होने की सूचना है। हालांकि आयोजकों ने घटना में किसी जानवर के घायल होने की बात से इंकार किया है। जांच को बनाई जाएगी टीम मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघ श्याम ने बताया है कि सोमवार को जांच के लिए एक टीम बनाई जाएगी। यह टीम मौके पर जाकर भैंसों की जांच करेगी। अगर कोई भैंसा चोटिल मिला तो कार्रवाई की जाएगी। आयोजकों को नोटिस देकर भविष्य में इसे रोकने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद भी आयोजन हुआ तो कार्रवाई करेंगे। लेखपाल ने आयोजन की पुष्टि की लेखपाल ने प्रशासन को दी रिपोर्ट में बताया कि गोकुल नगरी, सदर बाजार में दो नवंबर को दोपहर 12:30 बजे से तीन बजे के बीच भैंसों की लड़ाई का आयोजन हुआ है। रिपोर्ट में मोहल्ला अहीर के झाना यादव के जीतने और चेत गौटिया चनेहटा के ब्रिजपाल यादव के हारने की जानकारी भी दी गई है। बरेली में चार साल पहले यह परम्परा हो चुकी है बंद मेनका गांधी के संगठन पीएफए के लिए काम करने वाले धीरज पाठक ने बताया कि जिस परंपरा का जिक्र आयोजक कर रहे हैं। वह बैल के खुर के नीचे राक्षस रूपी सुअर को कुचलकर मारने की थी, जोकि बालरूप कृष्ण को मारने के लिए आया था। इस आयोजन को करीब चार साल पहले बंद करा दिया गया था। अब इसकी जगह भैंसों की लड़ाई ने ले ली। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने हटवाया भी था। इसके बाद आयोजन की जगह बदल गई।

Nov 4, 2024 - 15:35
 67  501.8k
बरेली में भैसों की फाइट कराने पर भड़कीं मेनका गांधी:बोलीं-आयोजकों को भिजवाएंगे जेल, भैंसों की लड़ाई की परंपरा पर लग चुकी रोक
बरेली के कैंट थाना क्षेत्र में गोवर्धन पर्व पर परंपरा निभाने के लिए भैंसों की फाइट हुई। अब यह मामला तूल पकड़ रहा है। अब इस मामले में पीएफए प्रमुख मेनका गांधी की एंट्री हो गई है। उन्होंने भैंसा लड़ाई होने पर नाराजगी जताई है। मेनका गांधी ने मीडिया को बताया कि भैसों की लड़ाई को पहले ही बंद कराया जा चुका है। फिर यह आयोजन कैसे हो गया, वह आयोजकों पर कार्रवाई कराएंगी। पूर्व सांसद मेनका गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा-भैंसों की लड़ाई को पूर्व में बंद कराया गया था। अगर यह दोबारा से शुरू हो गई है तो इसके लिए अधिकारियों से बात कर आयोजकों को जेल भिजवाया जाएगा। पशुओं की लड़ाई पूरी तरह प्रतिबंधित है। कोर्ट भी इस पर प्रतिबंध लगा चुका है। दरसल कोर्ट ने परंपरा के नाम पर जानवरों की इस तरह फाइट पर रोक लगा दी थी। वहीं कैंट पुलिस ने मीडिया को बताया है कि उन्हें इस तरह के आयोजन की कोई जानकारी नहीं थी। बताया यह भी जाता है कि आयोजकों ने जगह बदलकर किसी अन्य जगह भैसों की फाइट कराई थी। जिसमें कई जानवरों के घायल होने की सूचना है। हालांकि आयोजकों ने घटना में किसी जानवर के घायल होने की बात से इंकार किया है। जांच को बनाई जाएगी टीम मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. मेघ श्याम ने बताया है कि सोमवार को जांच के लिए एक टीम बनाई जाएगी। यह टीम मौके पर जाकर भैंसों की जांच करेगी। अगर कोई भैंसा चोटिल मिला तो कार्रवाई की जाएगी। आयोजकों को नोटिस देकर भविष्य में इसे रोकने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद भी आयोजन हुआ तो कार्रवाई करेंगे। लेखपाल ने आयोजन की पुष्टि की लेखपाल ने प्रशासन को दी रिपोर्ट में बताया कि गोकुल नगरी, सदर बाजार में दो नवंबर को दोपहर 12:30 बजे से तीन बजे के बीच भैंसों की लड़ाई का आयोजन हुआ है। रिपोर्ट में मोहल्ला अहीर के झाना यादव के जीतने और चेत गौटिया चनेहटा के ब्रिजपाल यादव के हारने की जानकारी भी दी गई है। बरेली में चार साल पहले यह परम्परा हो चुकी है बंद मेनका गांधी के संगठन पीएफए के लिए काम करने वाले धीरज पाठक ने बताया कि जिस परंपरा का जिक्र आयोजक कर रहे हैं। वह बैल के खुर के नीचे राक्षस रूपी सुअर को कुचलकर मारने की थी, जोकि बालरूप कृष्ण को मारने के लिए आया था। इस आयोजन को करीब चार साल पहले बंद करा दिया गया था। अब इसकी जगह भैंसों की लड़ाई ने ले ली। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने हटवाया भी था। इसके बाद आयोजन की जगह बदल गई।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow