बलिया में रेल आंदोलन के दौरान अनोखा प्रदर्शन:आंदोलनकारियों ने भैंस के सामने बजाई बीन, मांगों की अनदेखी को दर्शाया

बलिया में रेवती रेलवे स्टेशन की पुनर्बहाली की मांग को लेकर रविवार को आंदोलनकारियों ने अनोखा और चौंकाने वाला प्रदर्शन किया। रेवती रेलवे स्टेशन के पूर्ण दर्जे की मांग को लेकर भुख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारियों ने इस बार रेल मंत्री का प्रतीक भैंस को बना लिया। आंदोलनकारियों ने भैंस के आगे बीन बजाते हुए "भैंस करे पगुराई" की कहावत को चरितार्थ किया। रेवती रेलवे स्टेशन को पूर्ण दर्जा दिलाने की है मांग आंदोलनकारियों का कहना था कि रेवती रेलवे स्टेशन को हाल्ट किए जाने के बाद से अब तक 70 से अधिक ज्ञापन विभिन्न रेल विभाग के अधिकारियों को भेजे गए हैं। कई डेलीगेट अधिकारियों से मुलाकात भी की गई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। इसके बाद ही यह आंदोलन छेड़ा गया और अब तक छत्तीसवें दिन तक जारी है। आंदोलनकारियों का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर तीन सांसदों, कई पूर्व मंत्री, विधायकों और विभिन्न दलों के नेताओं ने भी समर्थन किया है, जिन्होंने आश्वासन दिया था कि जल्द ही स्टेशन को पूर्ण दर्जा दिलवाया जाएगा। रेल विभाग पर नहीं पड़ा कोई असर आंदोलनकारियों का आरोप है कि उनके नैतिक समर्थन के बावजूद रेल विभाग पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। इसी के चलते रविवार को उन्होंने अनोखा प्रदर्शन किया, जिसमें भैंस को रेल मंत्री का प्रतीक बनाकर उसे लाल कपड़े से ढक दिया और उस पर रेल मंत्री भारत सरकार का प्रिंटेड कागज चिपकाया। फिर बीन बजाकर यह संदेश दिया कि रेल विभाग के बहरेपन और गूंगेपन को उजागर किया जाए। आंदोलनकारियों का बयान इस प्रदर्शन के दौरान ओमप्रकाश कुंवर, लक्ष्मण पाण्डेय, महावीर तिवारी, रूपेश पाण्डेय, रमेश मणिक, और विरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि यह प्रदर्शन रेल विभाग के गूंगेपन और बहरेपन को दर्शाने के लिए किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक रेवती रेलवे स्टेशन को पूर्ण दर्जा नहीं मिलता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

Nov 24, 2024 - 18:45
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बलिया में रेल आंदोलन के दौरान अनोखा प्रदर्शन:आंदोलनकारियों ने भैंस के सामने बजाई बीन, मांगों की अनदेखी को दर्शाया
बलिया में रेवती रेलवे स्टेशन की पुनर्बहाली की मांग को लेकर रविवार को आंदोलनकारियों ने अनोखा और चौंकाने वाला प्रदर्शन किया। रेवती रेलवे स्टेशन के पूर्ण दर्जे की मांग को लेकर भुख हड़ताल पर बैठे आंदोलनकारियों ने इस बार रेल मंत्री का प्रतीक भैंस को बना लिया। आंदोलनकारियों ने भैंस के आगे बीन बजाते हुए "भैंस करे पगुराई" की कहावत को चरितार्थ किया। रेवती रेलवे स्टेशन को पूर्ण दर्जा दिलाने की है मांग आंदोलनकारियों का कहना था कि रेवती रेलवे स्टेशन को हाल्ट किए जाने के बाद से अब तक 70 से अधिक ज्ञापन विभिन्न रेल विभाग के अधिकारियों को भेजे गए हैं। कई डेलीगेट अधिकारियों से मुलाकात भी की गई, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। इसके बाद ही यह आंदोलन छेड़ा गया और अब तक छत्तीसवें दिन तक जारी है। आंदोलनकारियों का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर तीन सांसदों, कई पूर्व मंत्री, विधायकों और विभिन्न दलों के नेताओं ने भी समर्थन किया है, जिन्होंने आश्वासन दिया था कि जल्द ही स्टेशन को पूर्ण दर्जा दिलवाया जाएगा। रेल विभाग पर नहीं पड़ा कोई असर आंदोलनकारियों का आरोप है कि उनके नैतिक समर्थन के बावजूद रेल विभाग पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। इसी के चलते रविवार को उन्होंने अनोखा प्रदर्शन किया, जिसमें भैंस को रेल मंत्री का प्रतीक बनाकर उसे लाल कपड़े से ढक दिया और उस पर रेल मंत्री भारत सरकार का प्रिंटेड कागज चिपकाया। फिर बीन बजाकर यह संदेश दिया कि रेल विभाग के बहरेपन और गूंगेपन को उजागर किया जाए। आंदोलनकारियों का बयान इस प्रदर्शन के दौरान ओमप्रकाश कुंवर, लक्ष्मण पाण्डेय, महावीर तिवारी, रूपेश पाण्डेय, रमेश मणिक, और विरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि यह प्रदर्शन रेल विभाग के गूंगेपन और बहरेपन को दर्शाने के लिए किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक रेवती रेलवे स्टेशन को पूर्ण दर्जा नहीं मिलता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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