बहराइच में हत्या के आरोपी को 10 साल की सजा:कोर्ट ने लगाया जुर्माना, 13 साल पहले का मामला

बहराइच की अदालत ने आपसी विवाद ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को दोषसिद्ध मानते हुए दस साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा के साथ ही आरोपी पर जुर्माना भी लगाया है। जिसे अदा न करने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा । जिले के खैरीघाट इलाके में स्थित एक ग्राम के रहने वाले श्रवण कुमार का ग्राम में गुमटी रखने को लेकर ग्राम के रहने वाले राम बहोरी विवाद था। जिससे नाराज होकर उसने अपने साथी सूरज के साथ मिलकर तेरह साल पहले उस पर जानलेवा हमला किया था । इलाज के दौरान श्रवण कुमार की मौत हो गई थी। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था। विवेचना अधिकारी तारा प्रसाद पाण्डेय की और से साक्ष्य संकलन, गवाहों की गवाही व विवेचनात्मक कार्यवाही के उपरान्त अभियुक्त के विरुद्ध न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल किया था। शनिवार को मामले की सुनवाई न्यायधीश सुनील प्रसाद की कोर्ट में हुई , इस दौरान शासकीय अधिवक्ता प्रमोद सिंह ने घटना को गंभीर बताते हुए अभियुक्त को कठोर सजा देने की दलील पेश की। न्यायधीश ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आरोपी राम बहोरी को मामले में दोष सिद्ध मानते हुए उसे दस साल के कारावास की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही उसपर दस हजार का अर्थदंड भी लगाया है। जिसे अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।

Dec 1, 2024 - 07:20
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बहराइच में हत्या के आरोपी को 10 साल की सजा:कोर्ट ने लगाया जुर्माना, 13 साल पहले का मामला
बहराइच की अदालत ने आपसी विवाद ने गैर इरादतन हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को दोषसिद्ध मानते हुए दस साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सजा के साथ ही आरोपी पर जुर्माना भी लगाया है। जिसे अदा न करने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा । जिले के खैरीघाट इलाके में स्थित एक ग्राम के रहने वाले श्रवण कुमार का ग्राम में गुमटी रखने को लेकर ग्राम के रहने वाले राम बहोरी विवाद था। जिससे नाराज होकर उसने अपने साथी सूरज के साथ मिलकर तेरह साल पहले उस पर जानलेवा हमला किया था । इलाज के दौरान श्रवण कुमार की मौत हो गई थी। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था। विवेचना अधिकारी तारा प्रसाद पाण्डेय की और से साक्ष्य संकलन, गवाहों की गवाही व विवेचनात्मक कार्यवाही के उपरान्त अभियुक्त के विरुद्ध न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल किया था। शनिवार को मामले की सुनवाई न्यायधीश सुनील प्रसाद की कोर्ट में हुई , इस दौरान शासकीय अधिवक्ता प्रमोद सिंह ने घटना को गंभीर बताते हुए अभियुक्त को कठोर सजा देने की दलील पेश की। न्यायधीश ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद आरोपी राम बहोरी को मामले में दोष सिद्ध मानते हुए उसे दस साल के कारावास की सजा सुनाई है। सजा के साथ ही उसपर दस हजार का अर्थदंड भी लगाया है। जिसे अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा ।

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