भारत प्रेरणा मंच ने मनाई पंडित गेंदालाल दीक्षित की जयंती:औरैया में आयोजन, होमगंज का नाम मुकुन्दी नगर करने की मांग

भारत प्रेरणा मंच के तत्वावधान में औरैया के जीएलडी चौराहे पर अमर बलिदानी पं. गेंदालाल दीक्षित की 136वीं जयन्ती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मंच के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने पं. गेंदालाल दीक्षित के क्रांतिकारी जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 30 नवम्बर 1888 को आगरा जिले के मई गांव में हुआ था। देशभक्ति की अलख जगाने वाले पं. गेंदालाल दीक्षित पं. दीक्षित की राष्ट्रप्रेम और स्वतंत्रता संग्राम के प्रति निष्ठा वाल्यावस्था से ही प्रगट होने लगी थी। 1921 में जब वे औरैया के झन्नी विद्यालय में शिक्षक के रूप में पहुंचे, तो उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ छात्रों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष का जज्बा भी पैदा किया। उनकी प्रेरणा से भारतवीर मुकुंदी लाल गुप्त और चम्बल क्षेत्र के प्रसिद्ध क्रांतिकारी लक्ष्मणानन्द ब्रहमचारी जैसे लोग स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। मातृवेदी संस्था का गठन और क्रांतिकारी अभियान पं. गेंदालाल दीक्षित ने अपनी संस्था मातृवेदी का गठन किया, जिसमें धीरे-धीरे दस हजार सदस्य शामिल हुए। इन क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के खिलाफ कई बड़े अभियान चलाए, जिसमें सबसे प्रसिद्ध हथकांत थाने पर किया गया हमला था, जिसमें 21 अंग्रेज सिपाही मारे गए थे। हालांकि, पं. दीक्षित की एक योजना, जिसमें अंग्रेजों के कलेक्टरों को निशाना बनाने का था, एक गद्दार दलपत सिंह के कारण असफल हो गई। दलपत सिंह ने पुलिस को सूचना दे दी, जिसके चलते पं. दीक्षित और उनके साथियों को घेर लिया गया। इस संघर्ष में मातृवेदी के 35 सैनिक शहीद हो गए और पं. दीक्षित घायल अवस्था में पकड़े गए। पं. गेंदालाल दीक्षित को ग्वालियर किले की अस्थायी जेल में बंद किया गया, लेकिन अपनी चतुराई से वे जेल तोड़कर कोटा होते हुए दिल्ली पहुंचे और स्वतंत्रता संग्राम के मिशन में फिर से जुट गए। उन्हें शहीद चंद्रशेखर आजाद और अन्य क्रांतिकारियों ने द्रोणाचार्य की उपाधि दी थी। 'होम गंज' का नाम बदलकर 'मुकुंदी लाल नगर' करने की मांग कार्यक्रम के दौरान, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अनूप गुप्ता ने इस मांग का समर्थन किया कि औरैया के मोहल्ले 'होम गंज' का नाम बदलकर 'मुकुंदी लाल नगर' रखा जाए, क्योंकि यह क्षेत्र भारतवीर मुकुंदी लाल गुप्त का था, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि आगामी बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को लाया जाएगा। इस अवसर पर भाजपा नेता विवेक पाठक, रमाकान्त अवस्थी, के के चर्तुवेदी, कैप्टन निर्भय सिंह गुर्जर, कैप्टन वी डी यादव, आनंद धनगर, राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, कवि गोपाल पाण्डेय, रविन्द्र अग्निहोत्री, इन्दर सिंह, कुँवर सिंह चौहान, और कैप्टन नरेन्द्र सिंह सेगर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे और पं. गेंदालाल दीक्षित को श्रद्धांजलि अर्पित की।

Nov 30, 2024 - 15:55
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भारत प्रेरणा मंच ने मनाई पंडित गेंदालाल दीक्षित की जयंती:औरैया में आयोजन, होमगंज का नाम मुकुन्दी नगर करने की मांग
भारत प्रेरणा मंच के तत्वावधान में औरैया के जीएलडी चौराहे पर अमर बलिदानी पं. गेंदालाल दीक्षित की 136वीं जयन्ती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मंच के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने पं. गेंदालाल दीक्षित के क्रांतिकारी जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 30 नवम्बर 1888 को आगरा जिले के मई गांव में हुआ था। देशभक्ति की अलख जगाने वाले पं. गेंदालाल दीक्षित पं. दीक्षित की राष्ट्रप्रेम और स्वतंत्रता संग्राम के प्रति निष्ठा वाल्यावस्था से ही प्रगट होने लगी थी। 1921 में जब वे औरैया के झन्नी विद्यालय में शिक्षक के रूप में पहुंचे, तो उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ छात्रों में ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष का जज्बा भी पैदा किया। उनकी प्रेरणा से भारतवीर मुकुंदी लाल गुप्त और चम्बल क्षेत्र के प्रसिद्ध क्रांतिकारी लक्ष्मणानन्द ब्रहमचारी जैसे लोग स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। मातृवेदी संस्था का गठन और क्रांतिकारी अभियान पं. गेंदालाल दीक्षित ने अपनी संस्था मातृवेदी का गठन किया, जिसमें धीरे-धीरे दस हजार सदस्य शामिल हुए। इन क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के खिलाफ कई बड़े अभियान चलाए, जिसमें सबसे प्रसिद्ध हथकांत थाने पर किया गया हमला था, जिसमें 21 अंग्रेज सिपाही मारे गए थे। हालांकि, पं. दीक्षित की एक योजना, जिसमें अंग्रेजों के कलेक्टरों को निशाना बनाने का था, एक गद्दार दलपत सिंह के कारण असफल हो गई। दलपत सिंह ने पुलिस को सूचना दे दी, जिसके चलते पं. दीक्षित और उनके साथियों को घेर लिया गया। इस संघर्ष में मातृवेदी के 35 सैनिक शहीद हो गए और पं. दीक्षित घायल अवस्था में पकड़े गए। पं. गेंदालाल दीक्षित को ग्वालियर किले की अस्थायी जेल में बंद किया गया, लेकिन अपनी चतुराई से वे जेल तोड़कर कोटा होते हुए दिल्ली पहुंचे और स्वतंत्रता संग्राम के मिशन में फिर से जुट गए। उन्हें शहीद चंद्रशेखर आजाद और अन्य क्रांतिकारियों ने द्रोणाचार्य की उपाधि दी थी। 'होम गंज' का नाम बदलकर 'मुकुंदी लाल नगर' करने की मांग कार्यक्रम के दौरान, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अनूप गुप्ता ने इस मांग का समर्थन किया कि औरैया के मोहल्ले 'होम गंज' का नाम बदलकर 'मुकुंदी लाल नगर' रखा जाए, क्योंकि यह क्षेत्र भारतवीर मुकुंदी लाल गुप्त का था, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पालिका अध्यक्ष ने कहा कि आगामी बोर्ड मीटिंग में इस प्रस्ताव को लाया जाएगा। इस अवसर पर भाजपा नेता विवेक पाठक, रमाकान्त अवस्थी, के के चर्तुवेदी, कैप्टन निर्भय सिंह गुर्जर, कैप्टन वी डी यादव, आनंद धनगर, राजेन्द्र प्रसाद तिवारी, कवि गोपाल पाण्डेय, रविन्द्र अग्निहोत्री, इन्दर सिंह, कुँवर सिंह चौहान, और कैप्टन नरेन्द्र सिंह सेगर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे और पं. गेंदालाल दीक्षित को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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