मणिपुर के जिरिबाम-इंफाल घाटी में कल से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज:मोबाइल इंटरनेट पर बैन जारी; विधायकों के घर पर हमले के 41 आरोपी अरेस्ट
मणिपुर की इंफाल घाटी और जिरिबाम जिले के लिए सभी स्कूल-कॉलेज 25 नवंबर से खोले जाएंगे। 18 नवंबर को इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर, काकचिंग और जिरीबाम जिलों में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बंद रखने के आदेश दिए गए थे। हालांकि इन जिलों में मोबाइल इंटरनेट बैन जारी है। शिक्षा निदेशालय के जारी आदेश में कहा गया कि राज्य के सभी सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, प्राइवेट और केंद्रीय स्कूलों में 25 नवंबर से सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू होंगी। वहीं हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने अलग आदेश में कहा- 25 नवंबर से राज्य की सभी यूनिवर्सिटी, सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में क्लासेस फिर से शुरू होगी। इधर मणिपुर पुलिस ने 16 नवंबर को सीएम बीरेस सिंह सहित 17 विधायकों के घरों पर हमले के मामले में 7 और गिरफ्तारी कीं। इसके साथ 41 आरोपियों को अबतक अरेस्ट किया जा चुका है। 11 नवंबर को जिरिबाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 10 कुकी-जो उग्रवादियों को मार गिराया था। इसके बाद मैतेई समुदाय के किडनैप 3 महिला और 3 बच्चों शव मिले थे। तभी से 7 जिलों में हिंसा जारी है। CM ने कहा था- मणिपुर में ऐसा रहा, मुझे शर्म आती है
रविवार को मणिपुर पुलिस ने बताया कि विधायकों के घर आगजनी-लूटपाट मामले में बीते दो दिन में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। काकचिंग जिले से तीन लोगों को 22 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। 23 नवंबर को इंफाल पश्चिम से 4 लोग अरेस्ट किए गए थे। कुल गिरफ्तारियां 41 हो गई हैं। 22 नवंबर को मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा था कि आगजनी-लूट करने वालों की पहचान की गई है। इसके खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि मुझे सार्वजनिक रूप से यह कहते हुए शर्म आती है कि मणिपुर में ऐसी चीजें हो रही हैं। मणिपुर की सुरक्षा में CAPF की 288 कंपनियां तैनात मणिपुर की सुरक्षा में सेंट्रल आर्म्ड फोर्स की 288 कंपनियां तैनात की गई हैं। शुक्रवार को 90 और कंपनियों को तैनात किया गया। मणिपुर के चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि कंपनियों को अलग-अलग जगह भेजा जा रहा है। मणिपुर में CRPF, SSB, असम राइफल, ITBP सहित दूसरी आर्म्ड फोर्स की कंपनियां तैनात हैं। चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि हमने पुख्ता इंतजाम किए हैं। हर जिले में नए कोऑर्डिनेशन सेल और जॉइंट कंट्रोल रूम तैयार किए जाएंगे। हमने उन सेल और और जॉइंट कंट्रोल रूम का रिव्यू किया है जो पहले से मौजूद हैं। मंत्री एल सुसींद्रो ने घर को कंटीले तारों से कवर किया
16 नवंबर को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और 17 विधायकों के घर हमले हुए थे। राज्य के मंत्री एल सुसींद्रो के घर को भी निशाना बनाया गया था। सुसींद्रो ने इंफाल ईस्ट स्थित अपने घर को कंटीले तारों और लोहे के जाल से कवर किया है। उन्होंने कहा- संपत्ति की रक्षा करना हमारा संवैधानिक हक है। अगर भीड़ ने फिर हमला किया तो इसका जवाब दिया जाएगा। सुसींद्रो ने कहा था कि मई से यह तीसरी बार है, जब मेरी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस बार करीब 3 हजार लोग घर के बाहर जुट गए। उन्होंने घर को नुकसान पहुंचाया, फायरिंग की गई। BSF और मेरे सुरक्षाबलों ने पूछा कि क्या किया जाना चाहिए तो मैंने कहा कि भीड़ को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना है। हालांकि, उन्होंने तितर-बितर करने के लिए उन्होंने हवाई फायर किए। सुसींद्रो काफी चर्चा में रहते हैं। जब मणिपुर में हथियार लूटे जा रहे थे, तब उन्होंने घर में वेपंस ड्रॉप बॉक्स बनाया था, ताकि लोग हथियार जमा कर दें। सुसींद्रो, मैतेई समुदाय से आते हैं। विधायक के घरों से लूटे डेढ़ करोड़ के जेवर विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने की बात सामने आई। JDU विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूटी थी। विस्थापितों के लिए रखा सामान भी नष्ट किया था। रिलीफ कैंप की वॉलंटियर सनयाई ने दावा किया कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई। भीड़ 7 गैस सिलेंडर ले गई। विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट कर दिए। तीन एसी ले जाने की भी कोशिश की। NPP बोली- मणिपुर CM को हटाएं तभी समर्थन देंगे
मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने कहा है कि यदि भाजपा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाती है तो पार्टी अपने फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है। NPP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युमनाम जॉयकुमार सिंह ने कहा- बीरेन सिंह राज्य में शांति लाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। यही कारण है कि NPP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। हालांकि, समर्थन वापस लेने का मणिपुर सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि 60 सदस्यों वाले सदन में BJP के पास 32 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है। नगा पीपुल्स फ्रंट और जेडीयू भी सत्तारूढ़ गठबंधन में हैं। भ्रम के कारण शामिल हुए होंगे विधायक- जॉयकुमार
जॉयकुमार ने दावा किया कि CM की अध्यक्षता में 18 नवंबर को हुई बैठक में NPP के तीन विधायक शामिल हुए थे, यह भ्रम के कारण हो सकता है। बैठक NDA विधायकों के लिए थी। हमने केवल बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया है, लेकिन हम अभी भी NDA के सहयोगी हैं। हालांकि, हमने अपने विधायकों को आगाह किया है कि राज्य या राष्ट्रीय अध्यक्ष की पूर्व मंजूरी के बिना ऐसी बैठकों में जाने पर उन पर एक्शन लिया जा सकता है। मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं मणिपुर में हिंसा के 560 दिन
कुकी-मैतेई के बीच 560 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया। इस दौरान महिलाओं की न
मणिपुर की इंफाल घाटी और जिरिबाम जिले के लिए सभी स्कूल-कॉलेज 25 नवंबर से खोले जाएंगे। 18 नवंबर को इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर, काकचिंग और जिरीबाम जिलों में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बंद रखने के आदेश दिए गए थे। हालांकि इन जिलों में मोबाइल इंटरनेट बैन जारी है। शिक्षा निदेशालय के जारी आदेश में कहा गया कि राज्य के सभी सरकारी स्कूल, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, प्राइवेट और केंद्रीय स्कूलों में 25 नवंबर से सामान्य कक्षाएं फिर से शुरू होंगी। वहीं हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट ने अलग आदेश में कहा- 25 नवंबर से राज्य की सभी यूनिवर्सिटी, सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में क्लासेस फिर से शुरू होगी। इधर मणिपुर पुलिस ने 16 नवंबर को सीएम बीरेस सिंह सहित 17 विधायकों के घरों पर हमले के मामले में 7 और गिरफ्तारी कीं। इसके साथ 41 आरोपियों को अबतक अरेस्ट किया जा चुका है। 11 नवंबर को जिरिबाम में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 10 कुकी-जो उग्रवादियों को मार गिराया था। इसके बाद मैतेई समुदाय के किडनैप 3 महिला और 3 बच्चों शव मिले थे। तभी से 7 जिलों में हिंसा जारी है। CM ने कहा था- मणिपुर में ऐसा रहा, मुझे शर्म आती है
रविवार को मणिपुर पुलिस ने बताया कि विधायकों के घर आगजनी-लूटपाट मामले में बीते दो दिन में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। काकचिंग जिले से तीन लोगों को 22 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। 23 नवंबर को इंफाल पश्चिम से 4 लोग अरेस्ट किए गए थे। कुल गिरफ्तारियां 41 हो गई हैं। 22 नवंबर को मणिपुर सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा था कि आगजनी-लूट करने वालों की पहचान की गई है। इसके खिलाफ कानूनी एक्शन लिया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि मुझे सार्वजनिक रूप से यह कहते हुए शर्म आती है कि मणिपुर में ऐसी चीजें हो रही हैं। मणिपुर की सुरक्षा में CAPF की 288 कंपनियां तैनात मणिपुर की सुरक्षा में सेंट्रल आर्म्ड फोर्स की 288 कंपनियां तैनात की गई हैं। शुक्रवार को 90 और कंपनियों को तैनात किया गया। मणिपुर के चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि कंपनियों को अलग-अलग जगह भेजा जा रहा है। मणिपुर में CRPF, SSB, असम राइफल, ITBP सहित दूसरी आर्म्ड फोर्स की कंपनियां तैनात हैं। चीफ सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने कहा था कि हमने पुख्ता इंतजाम किए हैं। हर जिले में नए कोऑर्डिनेशन सेल और जॉइंट कंट्रोल रूम तैयार किए जाएंगे। हमने उन सेल और और जॉइंट कंट्रोल रूम का रिव्यू किया है जो पहले से मौजूद हैं। मंत्री एल सुसींद्रो ने घर को कंटीले तारों से कवर किया
16 नवंबर को मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और 17 विधायकों के घर हमले हुए थे। राज्य के मंत्री एल सुसींद्रो के घर को भी निशाना बनाया गया था। सुसींद्रो ने इंफाल ईस्ट स्थित अपने घर को कंटीले तारों और लोहे के जाल से कवर किया है। उन्होंने कहा- संपत्ति की रक्षा करना हमारा संवैधानिक हक है। अगर भीड़ ने फिर हमला किया तो इसका जवाब दिया जाएगा। सुसींद्रो ने कहा था कि मई से यह तीसरी बार है, जब मेरी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस बार करीब 3 हजार लोग घर के बाहर जुट गए। उन्होंने घर को नुकसान पहुंचाया, फायरिंग की गई। BSF और मेरे सुरक्षाबलों ने पूछा कि क्या किया जाना चाहिए तो मैंने कहा कि भीड़ को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना है। हालांकि, उन्होंने तितर-बितर करने के लिए उन्होंने हवाई फायर किए। सुसींद्रो काफी चर्चा में रहते हैं। जब मणिपुर में हथियार लूटे जा रहे थे, तब उन्होंने घर में वेपंस ड्रॉप बॉक्स बनाया था, ताकि लोग हथियार जमा कर दें। सुसींद्रो, मैतेई समुदाय से आते हैं। विधायक के घरों से लूटे डेढ़ करोड़ के जेवर विधायकों के घरों पर हमले के दौरान 1.5 करोड़ रुपए के जेवर लूटे जाने की बात सामने आई। JDU विधायक के. जॉयकिशन सिंह की मां ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। तोड़फोड़ करने वाली भीड़ ने थांगमेइबंद इलाके में विधायक के आवास से 18 लाख रुपए नकद भी लूटी थी। विस्थापितों के लिए रखा सामान भी नष्ट किया था। रिलीफ कैंप की वॉलंटियर सनयाई ने दावा किया कि हिंसा के दौरान लॉकर, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और फर्नीचर में तोड़फोड़ की गई। भीड़ 7 गैस सिलेंडर ले गई। विस्थापितों के दस्तावेज नष्ट कर दिए। तीन एसी ले जाने की भी कोशिश की। NPP बोली- मणिपुर CM को हटाएं तभी समर्थन देंगे
मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लेने वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने कहा है कि यदि भाजपा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाती है तो पार्टी अपने फैसले पर दोबारा विचार कर सकती है। NPP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युमनाम जॉयकुमार सिंह ने कहा- बीरेन सिंह राज्य में शांति लाने में पूरी तरह विफल रहे हैं। यही कारण है कि NPP के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। हालांकि, समर्थन वापस लेने का मणिपुर सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि 60 सदस्यों वाले सदन में BJP के पास 32 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत है। नगा पीपुल्स फ्रंट और जेडीयू भी सत्तारूढ़ गठबंधन में हैं। भ्रम के कारण शामिल हुए होंगे विधायक- जॉयकुमार
जॉयकुमार ने दावा किया कि CM की अध्यक्षता में 18 नवंबर को हुई बैठक में NPP के तीन विधायक शामिल हुए थे, यह भ्रम के कारण हो सकता है। बैठक NDA विधायकों के लिए थी। हमने केवल बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस लिया है, लेकिन हम अभी भी NDA के सहयोगी हैं। हालांकि, हमने अपने विधायकों को आगाह किया है कि राज्य या राष्ट्रीय अध्यक्ष की पूर्व मंजूरी के बिना ऐसी बैठकों में जाने पर उन पर एक्शन लिया जा सकता है। मणिपुर में दोबारा हालात क्यों बिगड़े मणिपुर में नवंबर में हुईं हिंसक घटनाएं मणिपुर में हिंसा के 560 दिन
कुकी-मैतेई के बीच 560 से ज्यादा दिनों से हिंसा जारी है। इस दौरान 237 मौतें हुईं, 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए, 60 हजार लोग घर छोड़कर रिलीफ कैंप में रह रहे हैं। करीब 11 हजार FIR दर्ज की गईं और 500 लोगों को अरेस्ट किया गया। इस दौरान महिलाओं की न्यूड परेड, गैंगरेप, जिंदा जलाने और गला काटने जैसी घटनाएं हुईं। अब भी मणिपुर दो हिस्सों में बंटा हैं। पहाड़ी जिलों में कुकी हैं और मैदानी जिलों में मैतेई। दोनों के बीच सरहदें खिचीं हैं, जिन्हें पार करने का मतलब है मौत। ........................................................... मणिपुर CM बोले- ताजा हिंसा के लिए चिदंबरम जिम्मेदार: केंद्रीय गृह मंत्री रहते उन्होंने म्यांमार के उग्रवादी गुटों से समझौता किया था मणिपुर में फिर से हिंसा का दौर शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा था कि मणिपुर में फिर से हिंसा पी चिदंबरम की नीतियों के कारण शुरू हुई है। बीरेन सिंह ने चिदंबरम की एक पुरानी तस्वीर दिखाते हुए कहा था- मणिपुर में ताजा हिंसा म्यांमार से आए अवैध अप्रवासियों के कारण हो रही है। ये ड्रग्स के व्यापार के लिए मणिपुर आए और अब पूरे नॉर्थ-ईस्ट को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें..