महराजगंज जिला कारागार में मनाया जा रहा छठ:जेल में बंद महिलाओं ने रखा व्रत, डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

महराजगंज में छठ महापर्व के अवसर पर गुरुवार की शाम को व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर मंगल कामना की। इस खास अवसर पर जिला जेल में बंद दर्जनों महिलाएं भी इस महापर्व को मनाने के लिए व्रत रखी थीं। जिला प्रशासन और जेल कर्मियों ने इन बंदी महिलाओं की पूजा की पूरी व्यवस्था की, ताकि वे बिना किसी बाधा के अपनी धार्मिक आस्था को पूरी तरह से निभा सकें। जेल में छठ पूजा की विशेष व्यवस्था बंदी महिलाएं भी बिना किसी रुकावट के छठ पूजा में भाग ले पाईं और जेल के अंदर ही अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी संतान की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की। इन महिलाओं ने इस पर्व को अपनी संतान के प्रति गहरी ममता और दायित्व का प्रतीक मानते हुए, अपने बच्चों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए सूर्य देव और छठी मैया से प्रार्थना की। जेल अधीक्षक बोले-छठ व्रत ममता और आस्था का प्रतीक ​​​​​​​ जेल अधीक्षक प्रभात सिंह ने कहा कि छठ व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि संतान के प्रति ममता और आस्था का प्रतीक है। वे चाहे जेल की दीवारों के भीतर हों, लेकिन अपनी संतान के लिए उनका प्रेम और आस्था कम नहीं होती। इस व्रत से इन बंदी माताओं को अपनी आस्था व्यक्त करने का विशेष अवसर मिलता है। जेल प्रशासन ने इन महिलाओं की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं ताकि व्रत का पालन बिना किसी कठिनाई के हो सके।

Nov 7, 2024 - 19:00
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महराजगंज जिला कारागार में मनाया जा रहा छठ:जेल में बंद महिलाओं ने रखा व्रत, डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य
महराजगंज में छठ महापर्व के अवसर पर गुरुवार की शाम को व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर मंगल कामना की। इस खास अवसर पर जिला जेल में बंद दर्जनों महिलाएं भी इस महापर्व को मनाने के लिए व्रत रखी थीं। जिला प्रशासन और जेल कर्मियों ने इन बंदी महिलाओं की पूजा की पूरी व्यवस्था की, ताकि वे बिना किसी बाधा के अपनी धार्मिक आस्था को पूरी तरह से निभा सकें। जेल में छठ पूजा की विशेष व्यवस्था बंदी महिलाएं भी बिना किसी रुकावट के छठ पूजा में भाग ले पाईं और जेल के अंदर ही अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी संतान की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की। इन महिलाओं ने इस पर्व को अपनी संतान के प्रति गहरी ममता और दायित्व का प्रतीक मानते हुए, अपने बच्चों की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए सूर्य देव और छठी मैया से प्रार्थना की। जेल अधीक्षक बोले-छठ व्रत ममता और आस्था का प्रतीक ​​​​​​​ जेल अधीक्षक प्रभात सिंह ने कहा कि छठ व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि संतान के प्रति ममता और आस्था का प्रतीक है। वे चाहे जेल की दीवारों के भीतर हों, लेकिन अपनी संतान के लिए उनका प्रेम और आस्था कम नहीं होती। इस व्रत से इन बंदी माताओं को अपनी आस्था व्यक्त करने का विशेष अवसर मिलता है। जेल प्रशासन ने इन महिलाओं की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं ताकि व्रत का पालन बिना किसी कठिनाई के हो सके।

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