महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण की तारीख तय, CM नहीं:अजित बोले- शिवसेना और NCP से डिप्टी CM बनेंगे; शिंदे गृह मंत्रालय पर अड़े
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के 7 दिन बाद शपथ ग्रहण समारोह की तारीख का ऐलान हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी कोई खबर सामने नहीं आई है। राज्य में भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 5 दिसंबर को शाम 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाई वाले महायुति को 288 में 230 सीटें मिली हैं। अकेले भाजपा की 132 सीटें हैं। दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक से पहले ही कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे कह चुके थे कि सीएम को लेकर उन्हें भाजपा का फैसला मंजूर होगा। हालांकि, दिल्ली से लौटने के बाद शिंदे सीएम पद छोड़ने के बदले गृह मंत्रालय के लिए अड़ गए। उनकी नाराजगी को तब और हवा मिल गई, जब वे 29 नवंबर को अचानक सातारा स्थित पैतृक गांव चले गए। वहीं, 30 नवंबर को उनकी तबीयत बिगड़ी तो मुंबई से डॉक्टर पहुंचे। शिव सेना के एक नेता ने कहा- शिंदे को 105 डिग्री फारेनहाइट बुखार है। वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं। इसके अलावा भाजपा विधायक दल की बैठक भी दो दिन आगे बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, 1 दिसंबर को होने वाली बैठक अब 3 दिसंबर को होगी। इस दिन दिल्ली से दो ऑब्जर्वर मुंबई आएंगे और विधायकों से चर्चा के बाद आधिकारिक रूप से CM फेस अनाउंस करेंगे। वहीं, डिप्टी CM अजित पवार ने कहा- दिल्ली की बैठक तय हो गया है कि सीएम भाजपा का होगा और शिवसेना-NCP से 1-1 डिप्टी CM होगा। दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र इलेक्शन को लेकर कांग्रेस की शिकायत पर 3 दिसंबर को चर्चा के लिए बुलाया है। गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी शिंदे सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी CM का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया। पहले गृह मंत्रालय देवेन्द्र फड़णवीस के पास था। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी। सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है। शिवसेना विधायक बोले- शिंदे को बड़े फैसले लेने गांव जाते हैं
इस बीच 29 नवंबर को शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा- शिंदे को जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वे अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। इससे पहले शिरसाट ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि शिंदे डिप्टी CM का पद स्वीकार करेंगे। शिवसेना के कुछ नेताओं का कहना है कि महायुति को इतनी बड़ी जीत शिंदे की अगुआई में मिली, इसलिए बिहार की तर्ज पर उन्हें मुख्यमंत्री होना चाहिए। बिहार में जदयू की कम सीटें हैं फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। वहीं, पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि शिंदे को डिप्टी CM बनना चाहिए। महाराष्ट्र कैबिनेट का फॉर्मूला क्या होगा
नई सरकार में CM और दो डिप्टी CM के साथ 43 मंत्री शामिल होंगे। इनमें भाजपा को 20-23, शिंदे गुट को 11 और अजित गुट को 9 मंत्री पद मिलने की संभावना है। इससे पहले शिंदे सरकार में 28 मंत्री थे और शिंदे के पास सबसे ज्यादा 11, भाजपा के पास 9 और अजित पवार गुट के पास 8 मंत्री थे। इस समय भाजपा विधायकों की संख्या ज्यादा होने से मंत्रियों की संख्या भी बढ़ेगी। इसके अलावा नाराज एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए भाजपा ने उन्हें केंद्र में एक मंत्री पद ऑफर किया है। उनके बेटे श्रीकांत या पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इसके अलावा चर्चा इस बात की भी है कि अजित गुट की मोदी कैबिनेट में एक सीट खाली है। प्रफुल्ल पटेल मंत्री बन सकते हैं। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत बोले... मोदी-शाह के आदेश के बाद भी भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी है कि रिजल्ट के 8 दिन बाद भी नई सरकार पर फैसला नहीं हो पाया है। भाजपा 132 विधायकों के साथ बहुमत के करीब है। महायुति 200 से ऊपर का बहुमत है। कार्यवाहक CM गांव जाकर बैठे हैं। नया CM कौन होगा। सरकार शपथ कब लेगी। किसी के पास जानकारी नहीं है। महाराष्ट्र रिजल्ट के 7 दिन बीते, नई सरकार पर सस्पेंस, 5 पॉइंट... 23 नवंबर: महाराष्ट्र विधानसभा का रिजल्ट आया। महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा ने 132, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। शिंदे बोले थे- CM तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी। फडणवीस ने कहा था, एक हैं तो सेफ हैं। 25 नवंबर: 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी CM का फॉर्मूला तय हुआ। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद के फॉर्मूला की बात सामने आई। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के 10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायकों को मंत्री बन सकते हैं। 27 नवंबर: ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा। 28 नवंबर: एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया है। 29 नवंबर: महायुति (भाजपा+शिवसेना शिंदे गुट+NCP अजित पवार) की बैठक टाल दी गई। एकनाथ शिंदे अचानक सातारा चले गए। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के 7 दिन बाद शपथ ग्रहण समारोह की तारीख का ऐलान हो चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, इसकी कोई खबर सामने नहीं आई है। राज्य में भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 5 दिसंबर को शाम 5 बजे मुंबई के आजाद मैदान में होगा। महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाई वाले महायुति को 288 में 230 सीटें मिली हैं। अकेले भाजपा की 132 सीटें हैं। दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक से पहले ही कार्यवाहक CM एकनाथ शिंदे कह चुके थे कि सीएम को लेकर उन्हें भाजपा का फैसला मंजूर होगा। हालांकि, दिल्ली से लौटने के बाद शिंदे सीएम पद छोड़ने के बदले गृह मंत्रालय के लिए अड़ गए। उनकी नाराजगी को तब और हवा मिल गई, जब वे 29 नवंबर को अचानक सातारा स्थित पैतृक गांव चले गए। वहीं, 30 नवंबर को उनकी तबीयत बिगड़ी तो मुंबई से डॉक्टर पहुंचे। शिव सेना के एक नेता ने कहा- शिंदे को 105 डिग्री फारेनहाइट बुखार है। वे डॉक्टरों की निगरानी में हैं। इसके अलावा भाजपा विधायक दल की बैठक भी दो दिन आगे बढ़ गई है। सूत्रों के मुताबिक, 1 दिसंबर को होने वाली बैठक अब 3 दिसंबर को होगी। इस दिन दिल्ली से दो ऑब्जर्वर मुंबई आएंगे और विधायकों से चर्चा के बाद आधिकारिक रूप से CM फेस अनाउंस करेंगे। वहीं, डिप्टी CM अजित पवार ने कहा- दिल्ली की बैठक तय हो गया है कि सीएम भाजपा का होगा और शिवसेना-NCP से 1-1 डिप्टी CM होगा। दूसरी तरफ, चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र इलेक्शन को लेकर कांग्रेस की शिकायत पर 3 दिसंबर को चर्चा के लिए बुलाया है। गृह और वित्त मंत्रालय पर बात अटकी शिंदे सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के पास ही गृह मंत्रालय था। वो इस मंत्रालय को छोड़ना नहीं चाहते हैं। वहीं शिंदे गुट का तर्क है कि अगर डिप्टी CM का पद हमें मिल रहा है तो गृह मंत्रालय भी उन्हें ही मिलना चाहिए। शाह के साथ बैठक में भी इसका हल नहीं निकल पाया। पहले गृह मंत्रालय देवेन्द्र फड़णवीस के पास था। माना जा रहा है कि इस विवाद के चलते शाह की बैठक में कैबिनेट गठन पर कोई समाधान नहीं निकल सका। एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि बीजेपी गृह मंत्री का पद कभी हाथ से नहीं जाने देगी। सूत्रों के मुताबिक, शाह से चर्चा के बाद भी विभागों को लेकर गठबंधन में खींचतान मची हुई है। भाजपा गृह, राजस्व, उच्च शिक्षा, कानून, ऊर्जा, ग्रामीण विकास अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने शिवसेना को हेल्थ, शहरी विकास, सार्वजनिक कार्य, उद्योग ऑफर किया है। वहीं NCP अजित गुट को वित्त, योजना, सहयोग, कृषि जैसे विभाग देने की पेशकश की है। शिवसेना विधायक बोले- शिंदे को बड़े फैसले लेने गांव जाते हैं
इस बीच 29 नवंबर को शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने कहा- शिंदे को जब भी कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वे अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। इससे पहले शिरसाट ने कहा था कि मुझे नहीं लगता कि शिंदे डिप्टी CM का पद स्वीकार करेंगे। शिवसेना के कुछ नेताओं का कहना है कि महायुति को इतनी बड़ी जीत शिंदे की अगुआई में मिली, इसलिए बिहार की तर्ज पर उन्हें मुख्यमंत्री होना चाहिए। बिहार में जदयू की कम सीटें हैं फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। वहीं, पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि शिंदे को डिप्टी CM बनना चाहिए। महाराष्ट्र कैबिनेट का फॉर्मूला क्या होगा
नई सरकार में CM और दो डिप्टी CM के साथ 43 मंत्री शामिल होंगे। इनमें भाजपा को 20-23, शिंदे गुट को 11 और अजित गुट को 9 मंत्री पद मिलने की संभावना है। इससे पहले शिंदे सरकार में 28 मंत्री थे और शिंदे के पास सबसे ज्यादा 11, भाजपा के पास 9 और अजित पवार गुट के पास 8 मंत्री थे। इस समय भाजपा विधायकों की संख्या ज्यादा होने से मंत्रियों की संख्या भी बढ़ेगी। इसके अलावा नाराज एकनाथ शिंदे को मनाने के लिए भाजपा ने उन्हें केंद्र में एक मंत्री पद ऑफर किया है। उनके बेटे श्रीकांत या पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। इसके अलावा चर्चा इस बात की भी है कि अजित गुट की मोदी कैबिनेट में एक सीट खाली है। प्रफुल्ल पटेल मंत्री बन सकते हैं। शिवसेना उद्धव गुट के सांसद संजय राउत बोले... मोदी-शाह के आदेश के बाद भी भाजपा की ऐसी क्या मजबूरी है कि रिजल्ट के 8 दिन बाद भी नई सरकार पर फैसला नहीं हो पाया है। भाजपा 132 विधायकों के साथ बहुमत के करीब है। महायुति 200 से ऊपर का बहुमत है। कार्यवाहक CM गांव जाकर बैठे हैं। नया CM कौन होगा। सरकार शपथ कब लेगी। किसी के पास जानकारी नहीं है। महाराष्ट्र रिजल्ट के 7 दिन बीते, नई सरकार पर सस्पेंस, 5 पॉइंट... 23 नवंबर: महाराष्ट्र विधानसभा का रिजल्ट आया। महायुति को 230 सीटों पर जीत हासिल हुई। भाजपा ने 132, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) ने 57 और NCP (अजित पवार) ने 41 सीटें जीतीं। शिंदे बोले थे- CM तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी। फडणवीस ने कहा था, एक हैं तो सेफ हैं। 25 नवंबर: 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी CM का फॉर्मूला तय हुआ। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद के फॉर्मूला की बात सामने आई। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के 10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायकों को मंत्री बन सकते हैं। 27 नवंबर: ठाणे में कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि भाजपा का सीएम हमें मंजूर है। मुझे पद की लालसा नहीं। जब मैं मुख्यमंत्री था तब मोदी जी मेरे साथ खड़े रहे। अब वो जो फैसला लेंगे स्वीकार होगा। 28 नवंबर: एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने दिल्ली में करीब ढाई घंटे तक गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मीटिंग की। शिंदे ने आधे घंटे तक शाह से अकेले मुलाकात की। हाईकमान ने शिंदे को डिप्टी सीएम या केंद्र में मंत्री पद का ऑफर किया है। 29 नवंबर: महायुति (भाजपा+शिवसेना शिंदे गुट+NCP अजित पवार) की बैठक टाल दी गई। एकनाथ शिंदे अचानक सातारा चले गए। शिवसेना मुख्यमंत्री पद के बदले गृह और वित्त मंत्रालय मांग रही है। शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा- अगर शिंदे डिप्टी सीएम का पद स्वीकार नहीं करते हैं तो पार्टी से ही दूसरा चेहरा ये पद संभालेगा। ------------------------------------------------ महाराष्ट्र चुनाव से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... वोट मार्जिन 0.5% बढ़ा तो भाजपा की सीटें 105 से बढ़कर 132 हुईं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 149 सीटों पर लड़ी और 132 सीटें जीतीं। पार्टी का स्ट्राइक रेट 88% रहा। उसने सहयोगी पार्टियों सहित 288 सीटों में से रिकॉर्ड 230 सीटें जीतीं। हालांकि, भाजपा के वोट शेयर में मामूली इजाफा ही हुआ। यह 2019 के वोट शेयर 26.10% से 0.67% बढ़कर 26.77% हो गया। लेकिन इतने से ही भाजपा की 27 सीटें बढ़ गईं। पूरी खबर पढ़ें...