मिर्जापुर के 3 थाना-प्रभारियों पर उत्पीड़न का आरोप:सपा जिलाध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग को भेजा पत्र, बोले- भाजपा एजेंट के रूम में काम कर रहे
मिर्जापुर के सपा जिलाध्यक्ष देवी प्रसाद चौधरी ने मझवां क्षेत्र के 3 थाना प्रभारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर तीनों थाना प्रभारियों को हटाने की मांग की है। इनकी तैनाती पर सवाल उठाया है और कहा है कि चुनाव घोषित होने के बाद इनको तैनात किया गया। साथ ही चुनाव को प्रभावित किए जाने का आरोप लगाया है। सपा जिलाध्यक्ष ने चुनाव आयोग को भेजे गए पत्र में लिखा है- मिर्जापुर के 397- मझवां विधानसभा उप चुनाव क्षेत्र के थाना देहात प्रभारी अजय सेठ, पड़री थाना प्रभारी दयाशंकर ओझा और कछवां थाना प्रभारी अंजनी राय भाजपा एजेन्ट के रूप में काम कर रहे हैं। लिहाजा निष्पक्ष, स्वतंत्र, पारदर्शी, भयमुक्त चुनाव सम्भव नहीं है। ये लोग प्रतिदिन कई घंटे वाहनों की जांच कर समय बर्बाद कर रहे हैं। वाहन जांच के नाम पर चुनाव प्रचार से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी रिटर्निंग आफिसर गुलाब चन्द द्वारा प्रचार वाहनों के लिए जारी किये गये अनुमति पत्र के बावजूद प्रचार वाहनों अनावश्यक जांच के नाम पर पुलिसकर्मियों द्वारा घंटों रोका जा रहा है। थाना प्रभारियों के द्वारा सपा समर्थक मतदाताओं पर भाजपा के पक्ष में प्रचार करने व मतदान करने के लिए दबाव बना रहे है। इनकार करने पर झूठे मुकदमे में फंसा देने, जेल भिजवाने की धमकियां दी जा रही है। मतदाताओं में भय का वातावरण बना हुआ है। आदर्श आचार संहित का खुला उल्लंघन हो रहा है। सपा जिलाध्यक्ष ने कहा- महुआरी कला से जीतलाल पाल, महुआरी के हरिप्रसाद और पड़री थाना क्षेत्र के अखिलेश पाल को पुलिस ने हिरासत में लिया है। उन्हें अनायास थाने बुलाकर दबाव बनाया जा रहा है। जब पूछा गया तो कहा गया कि जल्द छोड़ दिया जाएगा, लेकिन अभी तक छोड़ नहीं गया है। बिना कारण कार्यकर्ताओं को थाने में परेशान किया जा रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग आफिसर व प्रेक्षक से लिखित शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई जनपद से बाहर भेजें तीनों थाना प्रभारी थाना देहात कोतवाली प्रभारी अजय सेठ, पड़री थाना प्रभारी दयाशंकर ओझा और कछवां थाना प्रभारी अंजनी राय को तत्काल जनपद से बाहर स्थानान्तरित किया जाये। जिससे निष्पक्ष, स्वतंत्र, पारदर्शी और भयमुक्त चुनाव सम्पन्न हो सके।
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