मेरठ में दोनों दरोगा को मिली क्लीन चिट:जांच में आरोप नहीं मिले सही, दोनों दरोगा को मिली राहत, एसएसपी ने जांच के बाद लिया निर्णय
मेरठ के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के गोविंदपुरी में पटाखे बेचने पर वृद्धा को थप्पड़ मारने के बाद दरोगा को बंधक बनाने के मामले में सीओ ने जांच रिपोर्ट कप्तान को सौंप दी है। रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने दोनों दरोगा को क्लीनचिट दे दी है। बताया गया है कि पटाखे बिक्री की सूचना पर दोनों दरोगा मौके पर अकेले पहुंच गए, उन्हें फोर्स के साथ जाना चाहिए था। मेडिकल रिपोर्ट में उनके शराब पीने की पुष्टि नहीं हुई। ऐसे में दोनों को आरोपी नहीं माना गया है। शनिवार को परीक्षितगढ़ थाने में तैनात दरोगा सतेंद्र, प्रशिक्षु दरोगा शिवम वर्मा के साथ गोविंदपुरी गांव गए। उन्होंने सीताराम व मोबीन की दुकान पहुंचकर पटाखे व गंधक पोटाश बेचने की बात कही। इस बीच गांव के कुछ युवकों ने पटाखा छोड़ दिया। आरोप है कि इस पर दरोगा सतेंद्र ने लोगों से अभद्रता कर हरेंद्र गिरी के साथ मारपीट की। ग्रामीणों ने विरोध किया तो गोली मारने की धमकी देते हुए पिस्टल निकालकर उन पर तान दी। महिला कमला देवी ने विरोध किया तो उनको थप्पड़ मार दिया। इसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए दोनों दरोगा को बंधक बना लिया। ग्रामीणों का आरोप था कि नशे में धुत दोनों दराेगा गांव में आए और पटाखे बिक्री पर वसूली का दबाव बनाने लगे। जांच में नहीं मिली गलती सीओ सदर देहात नवीना शुक्ला की जांच में सामने आया कि दोनों दरोगा की मेडिकल रिपोर्ट में शराब की पुष्टि नहीं हो पाई। ग्रामीणों के बयानों में सामने आया कि दरोगा वसूली के लिए नहीं गए थे। दोनों की गलती है कि पटाखा बिक्री की सूचना मिलने पर थाने की पुलिस को साथ लेकर जाना चाहिए था, लेकिन वे अकेले चले गए। पिस्टल तानने के मामले में एसपी देहात राकेश मिश्रा ने बताया कि वीडियो से साफ है कि दरोगा ने पिस्टल नहीं तानी। पिस्टल को ग्रामीणों ने ही हाथ से पकड़ा हुआ है। एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि फिलहाल पूरे प्रकरण में दोनों दरोगा की गलती सामने नहीं आई है, जांच की जा रही है। जो आरोप लगाए गए थे वह गलत हैं। दोनों के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जांच जारी है। अगर लापरवाही मिली तो कारवाही की जाएगी।
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