यमुना में सीधे जा रहा 61 नालों का गंदा पानी:जिला गंगा समिति की बैठक में हुआ खुलासा, DM ने यमुना में गंदा पानी जाने से रोकने का दिया आदेश
तमाम कोशिशों के बावजूद यमुना में नालों का गंदा पानी जाने से नहीं रोका जा सका है। 90 में से अभी भी 61 नाले ऐसे हैं, जिनका गंदा पानी सीधे यमुना में जा रहा है। 29 नालों काे टेप कर गंदे पानी को STP में शोधित किया जा रहा है। इनमें से 21 नाले पूरी तरह से टेप्ड हैं और 8 नाले आंशिक टेप्ड हैं। शुक्रवार को DM अरविंद मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में हुई बैठक हुई। इसमें बताया गया कि 90 नालों से 286 MLD गंदा पानी निकलता है। 61 नालों में से 23 नाले टेप्ड करने का कार्य नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कराया जा रहा है। शेष नालों को टैपिंग करने के लिए बजट का आकलन कर शासन को भेज दिया गया है। इस पर DM ने जिला पंचायत राज अधिकारी और नगर निगम को निर्देशित किया कि जिन नालों को अभी टैप नहीं किया गया है, उनके गंदे पानी को नदी में जाने से रोका जाए। ADA को निर्देशित किया कि उनके द्वारा भवन निर्माण के लिए स्वीकृत मानचित्रों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रयोग अवश्य किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराकर संचालित भी किया जा रहा है या नहीं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि 15 दिन के अंदर पूर्व में स्वीकृत मानचित्रों के सापेक्ष कितने भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम संचालित है, की सूचना उपलब्ध कराएं। नाले का रूप ले रही नदी यमुना इतनी गंदी हो चुकी है कि ये नाले का रूप लेती जा रही है। इसमें पानी कम और सिल्ट ज्यादा दिखाई देती है।
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