यूपी में सांपों की दहशत, पहरा दे रहे लोग:हर साल होती हैं 670 मौतें; सरकार देती है 4 लाख मुआवजा

हापुड़ के सदरपुर गांव में पिछले कुछ दिनों से खौफ का माहौल है। 3 दिन में सांपों ने 5 लोगों को डसा, जिनमें 3 की मौत हो चुकी है। दो लोगों का इलाज चल रहा है। इन घटनाओं के बाद से लोग इतना डरे हैं कि लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं। कुछ तो इतने खौफजदा हैं कि पूरे परिवार को रिश्तेदार के यहां भेज दिया है। दरअसल, यूपी में सांप डसने से होने वाली मौत का आंकड़ा भी डराने वाला है। देशभर में सांप के काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में ही होती हैं। हर साल यूपी में करीब 670 लोगों की मौत सांप के काटने से होती है। इसका एक बड़ा कारण अंधविश्वास के चलते समय पर इलाज न कराना भी है। सर्पदंश से कैसे बचा जा सकता है? सांप के काटने पर क्या करना चाहिए? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए… हापुड़ में 3 दिन में 5 लोगों पर स्नेक अटैक 20 अक्टूबर : सदरपुर गांव में रिंकू की पत्नी पूनम, 12 साल की बेटी साक्षी और 9 साल के बेटे कनिष्क के साथ जमीन पर सो रही थी। आधी रात को अचानक दोनों बच्चों की चीख सुनकर पूनम की आंख खुल गई। देखा तो पास में सांप बैठा था। उसने जैसे ही हिलने की कोशिश की, सांप ने डस लिया। शोर सुनकर पति रिंकू और आस-पास के लोग आ गए। पूनम और बच्चों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तीनों ने दम तोड़ दिया। 21 अक्टूबर : सदरपुर गांव में प्रवेश नाम का व्यक्ति सो रहा था। उसी दौरान उसे सांप ने डस लिया। उसे मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई। वन विभाग की टीम ने प्रवेश के घर के पास एक सांप को पकड़ा। 22 अक्टूबर : अगले ही दिन सांप ने प्रवेश की पत्नी ममता को डस लिया। गनीमत रही कि इलाज मिलने के बाद ममता की हालत में सुधार है। जानिए यूपी में स्नेक बाइट को लेकर क्या हालात हैं? प्रदेश सरकार के राहत आयुक्त विभाग से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। साल 2019 से 2024 के बीच प्रदेश में सांप के काटने से कुल 3,353 मौतें हुईं। ये आंकड़े 31 मार्च, 2024 तक के हैं। यानी औसतन हर साल 670 लोगों की जान सांप के काटने से हो रही है। सांप के काटने से मौत के मामले यूपी के बाद आंध्र प्रदेश है। इसके बाद बिहार और अन्य राज्य आते हैं। ये 5 जिले ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ प्रदेश के 5 जिलों सोनभद्र, फतेहपुर, बाराबंकी, उन्नाव और हरदोई में सर्पदंश की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं। यही वजह है, सरकार ने इन जिलों को ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया है। इन 5 जिलों के अलावा सीतापुर, गाजीपुर और मिर्जापुर में भी स्नेक बाइट के ज्यादा मामले सामने आते हैं। सांप काटने के ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों में सामने आते हैं। स्नेक बाइट रोकने को सरकार ने चलाया पायलट प्रोजेक्ट यूपी में सर्पदंश से बढ़ रहे मौत के आंकड़ों को देखते हुए इसी साल अप्रैल में राहत आयुक्त विभाग ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। 3 जिलों बाराबंकी, सोनभद्र और गाजीपुर से इसकी शुरुआत की गई। इस प्रोजेक्ट का मकसद सांप के काटने से होने वाली मौतों में कमी लाना है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे शुरू करने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों को सर्पदंश से होने वाली मौतों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सांप डंसे तो प्राथमिक उपचार के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पीड़ितों को तुरंत मदद करने की मेडिकल ऑफिसरों से लेकर डॉक्टरों, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसरों और आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से स्नेक बाइट किट दी गई है। सांप काटने के बाद हॉस्पिटल आकर इलाज कराने वालों को प्रोत्साहन के रूप में टी-शर्ट और कैप दी जा रही है। सांप के काटने से मौत पर 4 लाख रुपए है मुआवजा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 2018 में सांप के काटने से मरने वाले के परिजनों को मुआवजा देना शुरू किया था। ऐसा करने के लिए सरकार ने सर्पदंश को स्टेट डिजास्टर यानी राज्य आपदा की सूची में शामिल किया था। सरकार सर्पदंश से मौत होने पर परिवार को 4 लाख का मुआवजा देती है। देश में सांप की 15 फीसदी प्रजातियां ही जहरीली भारत में जितनी तरह से सांप पाए जाते हैं, उनमें से सिर्फ 15 फीसदी ही जहरीली प्रजाति के हैं। बाकी की 85 फीसदी प्रजातियां जहरीली नहीं होतीं। हालांकि, सर्पदंश से मौत की बात की जाए तो आंकड़े बिल्कुल उलट हैं। 2020 में एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल भारत में करीब 58 हजार लोगों की मौत सांप के काटने से हो रही है। एक बात यह भी निकलकर आई है कि गांव के इलाकों में सर्पदंश का मामला सामने आने पर परिवार झाड़-फूंक कराने के चक्कर में पड़ जाता है। कई मामलों में लोग पीड़ित को अस्पताल तक भी नहीं ले जाते। अंतिम संस्कार कर देते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आंकड़े और भी ज्यादा हो सकते हैं। एंटीवेनम है कारगर इलाज सांप के काटने पर असरदार उपाय एंटीवेनम इंजेक्शन है। एंटीवेनम व्यक्ति के शरीर में जहर फैलने से रोकता है। सांप का जहर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है। --------------------- ये भी पढ़ें... सांप के डसने से मां और बच्चों की मौत, गांव के 5 लोगों को काट चुका है, मेरठ से सपेरे बुलाए, ग्रामीण लाठी लेकर दे रहे पहरा हापुड़ के सदरपुर गांव में सांप के आतंक ने दहशत फैला दी है। बीते कुछ दिनों में सांप के काटने से तीन लोगों की मौत के बाद गांव में डर का माहौल है। कई लोग अपने बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेज चुके हैं और लोग घरों में लाठी लेकर पहरा दे रहे हैं। अब तक सांप ने पांच लोगों को अपना शिकार बना लिया है। इनमें से तीन की मौत भी हो चुकी है। पढ़ें पूरी खबर...

Oct 25, 2024 - 05:55
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यूपी में सांपों की दहशत, पहरा दे रहे लोग:हर साल होती हैं 670 मौतें; सरकार देती है 4 लाख मुआवजा
हापुड़ के सदरपुर गांव में पिछले कुछ दिनों से खौफ का माहौल है। 3 दिन में सांपों ने 5 लोगों को डसा, जिनमें 3 की मौत हो चुकी है। दो लोगों का इलाज चल रहा है। इन घटनाओं के बाद से लोग इतना डरे हैं कि लाठी-डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं। कुछ तो इतने खौफजदा हैं कि पूरे परिवार को रिश्तेदार के यहां भेज दिया है। दरअसल, यूपी में सांप डसने से होने वाली मौत का आंकड़ा भी डराने वाला है। देशभर में सांप के काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में ही होती हैं। हर साल यूपी में करीब 670 लोगों की मौत सांप के काटने से होती है। इसका एक बड़ा कारण अंधविश्वास के चलते समय पर इलाज न कराना भी है। सर्पदंश से कैसे बचा जा सकता है? सांप के काटने पर क्या करना चाहिए? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए… हापुड़ में 3 दिन में 5 लोगों पर स्नेक अटैक 20 अक्टूबर : सदरपुर गांव में रिंकू की पत्नी पूनम, 12 साल की बेटी साक्षी और 9 साल के बेटे कनिष्क के साथ जमीन पर सो रही थी। आधी रात को अचानक दोनों बच्चों की चीख सुनकर पूनम की आंख खुल गई। देखा तो पास में सांप बैठा था। उसने जैसे ही हिलने की कोशिश की, सांप ने डस लिया। शोर सुनकर पति रिंकू और आस-पास के लोग आ गए। पूनम और बच्चों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तीनों ने दम तोड़ दिया। 21 अक्टूबर : सदरपुर गांव में प्रवेश नाम का व्यक्ति सो रहा था। उसी दौरान उसे सांप ने डस लिया। उसे मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया। समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई। वन विभाग की टीम ने प्रवेश के घर के पास एक सांप को पकड़ा। 22 अक्टूबर : अगले ही दिन सांप ने प्रवेश की पत्नी ममता को डस लिया। गनीमत रही कि इलाज मिलने के बाद ममता की हालत में सुधार है। जानिए यूपी में स्नेक बाइट को लेकर क्या हालात हैं? प्रदेश सरकार के राहत आयुक्त विभाग से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। साल 2019 से 2024 के बीच प्रदेश में सांप के काटने से कुल 3,353 मौतें हुईं। ये आंकड़े 31 मार्च, 2024 तक के हैं। यानी औसतन हर साल 670 लोगों की जान सांप के काटने से हो रही है। सांप के काटने से मौत के मामले यूपी के बाद आंध्र प्रदेश है। इसके बाद बिहार और अन्य राज्य आते हैं। ये 5 जिले ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ प्रदेश के 5 जिलों सोनभद्र, फतेहपुर, बाराबंकी, उन्नाव और हरदोई में सर्पदंश की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं। यही वजह है, सरकार ने इन जिलों को ‘स्नेक बाइट हॉटस्पॉट’ घोषित किया है। इन 5 जिलों के अलावा सीतापुर, गाजीपुर और मिर्जापुर में भी स्नेक बाइट के ज्यादा मामले सामने आते हैं। सांप काटने के ज्यादा मामले ग्रामीण इलाकों में सामने आते हैं। स्नेक बाइट रोकने को सरकार ने चलाया पायलट प्रोजेक्ट यूपी में सर्पदंश से बढ़ रहे मौत के आंकड़ों को देखते हुए इसी साल अप्रैल में राहत आयुक्त विभाग ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। 3 जिलों बाराबंकी, सोनभद्र और गाजीपुर से इसकी शुरुआत की गई। इस प्रोजेक्ट का मकसद सांप के काटने से होने वाली मौतों में कमी लाना है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसे शुरू करने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों को सर्पदंश से होने वाली मौतों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। सांप डंसे तो प्राथमिक उपचार के साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। पीड़ितों को तुरंत मदद करने की मेडिकल ऑफिसरों से लेकर डॉक्टरों, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसरों और आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से स्नेक बाइट किट दी गई है। सांप काटने के बाद हॉस्पिटल आकर इलाज कराने वालों को प्रोत्साहन के रूप में टी-शर्ट और कैप दी जा रही है। सांप के काटने से मौत पर 4 लाख रुपए है मुआवजा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 2018 में सांप के काटने से मरने वाले के परिजनों को मुआवजा देना शुरू किया था। ऐसा करने के लिए सरकार ने सर्पदंश को स्टेट डिजास्टर यानी राज्य आपदा की सूची में शामिल किया था। सरकार सर्पदंश से मौत होने पर परिवार को 4 लाख का मुआवजा देती है। देश में सांप की 15 फीसदी प्रजातियां ही जहरीली भारत में जितनी तरह से सांप पाए जाते हैं, उनमें से सिर्फ 15 फीसदी ही जहरीली प्रजाति के हैं। बाकी की 85 फीसदी प्रजातियां जहरीली नहीं होतीं। हालांकि, सर्पदंश से मौत की बात की जाए तो आंकड़े बिल्कुल उलट हैं। 2020 में एक स्टडी के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल भारत में करीब 58 हजार लोगों की मौत सांप के काटने से हो रही है। एक बात यह भी निकलकर आई है कि गांव के इलाकों में सर्पदंश का मामला सामने आने पर परिवार झाड़-फूंक कराने के चक्कर में पड़ जाता है। कई मामलों में लोग पीड़ित को अस्पताल तक भी नहीं ले जाते। अंतिम संस्कार कर देते हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आंकड़े और भी ज्यादा हो सकते हैं। एंटीवेनम है कारगर इलाज सांप के काटने पर असरदार उपाय एंटीवेनम इंजेक्शन है। एंटीवेनम व्यक्ति के शरीर में जहर फैलने से रोकता है। सांप का जहर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है। --------------------- ये भी पढ़ें... सांप के डसने से मां और बच्चों की मौत, गांव के 5 लोगों को काट चुका है, मेरठ से सपेरे बुलाए, ग्रामीण लाठी लेकर दे रहे पहरा हापुड़ के सदरपुर गांव में सांप के आतंक ने दहशत फैला दी है। बीते कुछ दिनों में सांप के काटने से तीन लोगों की मौत के बाद गांव में डर का माहौल है। कई लोग अपने बच्चों को रिश्तेदारों के घर भेज चुके हैं और लोग घरों में लाठी लेकर पहरा दे रहे हैं। अब तक सांप ने पांच लोगों को अपना शिकार बना लिया है। इनमें से तीन की मौत भी हो चुकी है। पढ़ें पूरी खबर...

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