लखनऊ में नवाब का दीपावली पर एकता का संदेश:मसूद अब्दुल्लाह बोले- दीपावली में नवाबों के समय पूरी गोमती नदी होती थी रौशन

लखनऊ में दीपावली का पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। ये शहर अपने सभी त्योहारों में नवाबी अंदाज को लेकर काफी प्रसिद्ध है । दिवाली के पर्व को लेकर नवाब मसूद अब्दुल्ला ने शहर वासियों को मुबारकबाद देते हुए इस पर्व को हिंदू-मुस्लिम एकता का पर्व बताया । नवाब मसूद ने कहा कि लखनऊ के नवाबों का दीपावली से पुराना और अनोखा रिश्ता है। उन्होंने कहा कि दीप जलाने को नवाबों के समय में “जश्ने चरागा” कहा जाता था। नवाब मसूद अब्दुल्ला ने दीपावली को लेकर कहा कि लखनऊ और गंगा जमुना तहजीब का इसका गहरा नाता है। अवध के नवाब के वक्त में गोमती नदी को दियों से रोशन किया जाता था। इस तरह नवाबों ने दीपावली को हमेशा हर्षोल्लास के साथ मनाया। नवाब मसूद अब्दुल्ला ने बताया कि लखनऊ में दीपावली और मोहर्रम जैसे पर्व हिंदू और मुस्लिम सभी मिलकर मनाते आए हैं, जो इस शहर की साझा संस्कृति की मिसाल है। उन्होंने कहा, "हम नौरोज को होली की तरह मनाते हैं इसमें मोहब्बत से सब रंग खेलते हैं।, ये परंपराएं आज भी हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं और हम इन्हें पूरी तरह निभा रहे हैं।" साझी विरासत हमारी संस्कृति का हिस्सा है। मसूद अब्दुल्लाह ने कहा कि लखनऊ गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है। त्योहार हमें एकता के डोर में बांधते हैं। ईद की सिंवई और दिवाली की मिठाई हमारे रिश्तों के बीच जो कड़वाहट होती है उसे खत्म कर देती है। बुजुर्गों ने हमेशा त्योहार को आपसी भाईचारा बनाए रखने का सबसे बड़ा माध्यम बनाया। समाज के हर जाति धर्म और वर्ग से हमारी यह अपील है कि साथ मिलकर हर पर्व मनाएं। त्योहार शांति और एकता के प्रतीक हैं।

Oct 31, 2024 - 19:20
 54  501.8k
लखनऊ में नवाब का दीपावली पर एकता का संदेश:मसूद अब्दुल्लाह बोले- दीपावली में नवाबों के समय पूरी गोमती नदी होती थी रौशन
लखनऊ में दीपावली का पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। ये शहर अपने सभी त्योहारों में नवाबी अंदाज को लेकर काफी प्रसिद्ध है । दिवाली के पर्व को लेकर नवाब मसूद अब्दुल्ला ने शहर वासियों को मुबारकबाद देते हुए इस पर्व को हिंदू-मुस्लिम एकता का पर्व बताया । नवाब मसूद ने कहा कि लखनऊ के नवाबों का दीपावली से पुराना और अनोखा रिश्ता है। उन्होंने कहा कि दीप जलाने को नवाबों के समय में “जश्ने चरागा” कहा जाता था। नवाब मसूद अब्दुल्ला ने दीपावली को लेकर कहा कि लखनऊ और गंगा जमुना तहजीब का इसका गहरा नाता है। अवध के नवाब के वक्त में गोमती नदी को दियों से रोशन किया जाता था। इस तरह नवाबों ने दीपावली को हमेशा हर्षोल्लास के साथ मनाया। नवाब मसूद अब्दुल्ला ने बताया कि लखनऊ में दीपावली और मोहर्रम जैसे पर्व हिंदू और मुस्लिम सभी मिलकर मनाते आए हैं, जो इस शहर की साझा संस्कृति की मिसाल है। उन्होंने कहा, "हम नौरोज को होली की तरह मनाते हैं इसमें मोहब्बत से सब रंग खेलते हैं।, ये परंपराएं आज भी हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं और हम इन्हें पूरी तरह निभा रहे हैं।" साझी विरासत हमारी संस्कृति का हिस्सा है। मसूद अब्दुल्लाह ने कहा कि लखनऊ गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है। त्योहार हमें एकता के डोर में बांधते हैं। ईद की सिंवई और दिवाली की मिठाई हमारे रिश्तों के बीच जो कड़वाहट होती है उसे खत्म कर देती है। बुजुर्गों ने हमेशा त्योहार को आपसी भाईचारा बनाए रखने का सबसे बड़ा माध्यम बनाया। समाज के हर जाति धर्म और वर्ग से हमारी यह अपील है कि साथ मिलकर हर पर्व मनाएं। त्योहार शांति और एकता के प्रतीक हैं।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow