लखनऊ में पुलिस ने तीन साल से लापता युवक खोजा:पत्नी से विवाद के बाद छोड़ दिया था घर, कर रहा था मजदूरी

लखनऊ की आलमबाग पुलिस ने तीन साल से लापता रेलवे डिब्बा कारखाने में तैनात कारपेंटर को खोज निकाला। उसकी पत्नी ने मार्च 2024 में उसके अपहरण का मुकदमा थाने में दर्ज कराया था। पुलिस ने उसकी फोटो की मदद से खोजा। पूछताछ में युवक ने बताया कि पत्नी की प्रताड़ना और रोज-रोज के विवाद से परेशान होकर घर छोड़कर चला गया था। बस हेल्पर और दिहाड़ी पर करता रहा काम आलमबाग के एसआई शुभम कुमार ने बताया कि 12 मार्च को रायबरेली बछरावां निवासी स्वर्णिमा देवी ने पति अमित कुमार के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। उसका कहना था कि 14 सितंबर 2021 को सुबह सात बजे अमित बछरावां रेलवे स्टेशन जाने की बात कह कर गए थे। वह आलमबाग स्थित सवारी एवं डिब्बा कारखाना भी नहीं पहुंचे। तलाश के बाद न मिलने पर थाने पर कई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद रायबरेली के बछरावां थाने में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया । जांच में घटनास्थल आलमबाग में होने पर विवेचना ट्रांसफर हुई। स्वर्णिमा का कहना था कि अमित कुमार की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई है। परिजनों ने सिर्फ एक फोटो दी, जिसकी मदद से हुई तलाश अमित कुमार के घर वालों ने एक सात साल पुरानी एक फोटो दी थी। जिसकी मदद से तलाश शुरू हुई। ऑफिस वालों का कहना था कि वह काफी दिनों से कारखाने पर गया नहीं। उसका मोबाइल नंबर भी बंद था। तलाश में जानकारी हुई कि अमित बस हेल्पर बन गया है। बस नंबर के रजिस्ट्रेशन के हिसाब से मालिक को खोजा गया।उसका कहना था कि करीब डेढ़ साल से अमित उनके यहां हेल्पर था। पत्नी के कारण छोड़ा घर अमित ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह मृतक आश्रित कोटे में ग्रेड तीन कारपेंटर में नौकरी मिली थी। 2010 में स्वर्णिमा देवी से शादी हुई। जिसके बाद से ही वह काफी परेशान था। पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर ही वह घर छोड़ कर चला गया था। इस दौरान हरदोई और अयोध्या में भी काफी दिन तक रहा और मजदूरी करता रहा। इंस्पेक्टर कपिल गौतम ने बताया कि बछरावां निवासी अमित कुमार को आशियाना सेक्टर-डी से बरामद किया गया।

Nov 30, 2024 - 06:20
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लखनऊ में पुलिस ने तीन साल से लापता युवक खोजा:पत्नी से विवाद के बाद छोड़ दिया था घर, कर रहा था मजदूरी
लखनऊ की आलमबाग पुलिस ने तीन साल से लापता रेलवे डिब्बा कारखाने में तैनात कारपेंटर को खोज निकाला। उसकी पत्नी ने मार्च 2024 में उसके अपहरण का मुकदमा थाने में दर्ज कराया था। पुलिस ने उसकी फोटो की मदद से खोजा। पूछताछ में युवक ने बताया कि पत्नी की प्रताड़ना और रोज-रोज के विवाद से परेशान होकर घर छोड़कर चला गया था। बस हेल्पर और दिहाड़ी पर करता रहा काम आलमबाग के एसआई शुभम कुमार ने बताया कि 12 मार्च को रायबरेली बछरावां निवासी स्वर्णिमा देवी ने पति अमित कुमार के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। उसका कहना था कि 14 सितंबर 2021 को सुबह सात बजे अमित बछरावां रेलवे स्टेशन जाने की बात कह कर गए थे। वह आलमबाग स्थित सवारी एवं डिब्बा कारखाना भी नहीं पहुंचे। तलाश के बाद न मिलने पर थाने पर कई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद रायबरेली के बछरावां थाने में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया । जांच में घटनास्थल आलमबाग में होने पर विवेचना ट्रांसफर हुई। स्वर्णिमा का कहना था कि अमित कुमार की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई है। परिजनों ने सिर्फ एक फोटो दी, जिसकी मदद से हुई तलाश अमित कुमार के घर वालों ने एक सात साल पुरानी एक फोटो दी थी। जिसकी मदद से तलाश शुरू हुई। ऑफिस वालों का कहना था कि वह काफी दिनों से कारखाने पर गया नहीं। उसका मोबाइल नंबर भी बंद था। तलाश में जानकारी हुई कि अमित बस हेल्पर बन गया है। बस नंबर के रजिस्ट्रेशन के हिसाब से मालिक को खोजा गया।उसका कहना था कि करीब डेढ़ साल से अमित उनके यहां हेल्पर था। पत्नी के कारण छोड़ा घर अमित ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह मृतक आश्रित कोटे में ग्रेड तीन कारपेंटर में नौकरी मिली थी। 2010 में स्वर्णिमा देवी से शादी हुई। जिसके बाद से ही वह काफी परेशान था। पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर ही वह घर छोड़ कर चला गया था। इस दौरान हरदोई और अयोध्या में भी काफी दिन तक रहा और मजदूरी करता रहा। इंस्पेक्टर कपिल गौतम ने बताया कि बछरावां निवासी अमित कुमार को आशियाना सेक्टर-डी से बरामद किया गया।

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