लखनऊ में बीरबल साहनी संस्थान का स्थापना दिवस मनाया:प्रो. साहनी की विरासत और उनके वैज्ञानिक योगदान बताए, रिसर्च को बढ़ावा देने की अपील

लखनऊ में बीरबल साहनी संस्थान का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान 3000 वर्षों के सांस्कृतिक इतिहास के बारे में बताया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. साहनी के योगदान को याद करते हुए वंदना पाठ से हुई। निदेशक प्रो. महेश ठक्कर ने प्रो. साहनी के योगदान की सराहना की और संस्थान की प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में बताया। समारोह के मुख्य अतिथि वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून के अध्यक्ष प्रो. तलत अहमद थे। सांस्कृतिक इतिहास के बारे में बताया इस अवसर पर आईआईटी खड़गपुर के प्रो. अनिद्य सरकार ने 'आइसोटोप, पुरातत्व और जलवायु: भारत के 3000 वर्षों का इतिहास' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने 'मेघालयन युग' और उसकी शुरुआत में हुए अचानक सूखे और ठंड के प्रभावों पर चर्चा की। प्रो. तलत अहमद ने प्रो. साहनी की विरासत और उनके वैज्ञानिक योगदानों की सराहना की। इस कार्यक्रम में प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। कार्यक्रम का समापन बीएसआईपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुपम शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के भू-वैज्ञानिक, वनस्पतिशास्त्री और अन्य विशेषज्ञ भी शामिल हुए।

Nov 14, 2024 - 21:05
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लखनऊ में बीरबल साहनी संस्थान का स्थापना दिवस मनाया:प्रो. साहनी की विरासत और उनके वैज्ञानिक योगदान बताए, रिसर्च को बढ़ावा देने की अपील
लखनऊ में बीरबल साहनी संस्थान का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान 3000 वर्षों के सांस्कृतिक इतिहास के बारे में बताया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. साहनी के योगदान को याद करते हुए वंदना पाठ से हुई। निदेशक प्रो. महेश ठक्कर ने प्रो. साहनी के योगदान की सराहना की और संस्थान की प्रमुख वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में बताया। समारोह के मुख्य अतिथि वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून के अध्यक्ष प्रो. तलत अहमद थे। सांस्कृतिक इतिहास के बारे में बताया इस अवसर पर आईआईटी खड़गपुर के प्रो. अनिद्य सरकार ने 'आइसोटोप, पुरातत्व और जलवायु: भारत के 3000 वर्षों का इतिहास' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने 'मेघालयन युग' और उसकी शुरुआत में हुए अचानक सूखे और ठंड के प्रभावों पर चर्चा की। प्रो. तलत अहमद ने प्रो. साहनी की विरासत और उनके वैज्ञानिक योगदानों की सराहना की। इस कार्यक्रम में प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए। कार्यक्रम का समापन बीएसआईपी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनुपम शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के भू-वैज्ञानिक, वनस्पतिशास्त्री और अन्य विशेषज्ञ भी शामिल हुए।

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