लखनऊ में वकील को तीन साल की सजा:सीबीआई कोर्ट लखनऊ का फैसला, फर्जी दस्तावेजों से बैंक को लगाया था चूना

लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को बैंक धोखाधड़ी मामले में इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन पैनल वकील सुरेश चंद्र दुबे को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 40,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इलाहाबाद बैंक, वाराणसी मंडल कार्यालय के एजीएम की शिकायत पर मामला 2009 में दर्ज किया गया था। बताया गया था कि तत्कालीन बैंक प्रबंधक संजीव मालवीय ने फर्जी दस्तावेजों और वकील सुरेश चंद्र दुबे की झूठी लीगल ओपिनियन के आधार पर प्रमोद कुमार सिंह और गीता सिंह को करीब 6 लाख रुपए का आवास ऋण स्वीकृत किया था। बैंक को हुआ नुकसान झूठी रिपोर्ट और फर्जी दस्तावेजों के कारण बैंक को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद आरोपी प्रबंधक, वकील और लाभार्थियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। तीन आरोपी पहले ही हो चुके है दोषी करार सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों पर सुनवाई के बाद 2019 और 2020 में अन्य तीन आरोपियों को दोषी करार दिया था। हाईकोर्ट ने वकील सुरेश चंद्र दुबे के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी थी। इस कारण उनकी फाइल अलग कर दी गई थी। 23 गवाहों से हुई पूछताछ मामले में कुल 23 गवाहों से पूछताछ के बाद कोर्ट ने सुरेश चंद्र दुबे को दोषी ठहराया। शुक्रवार को न्यायालय ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई और 40,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।

Nov 29, 2024 - 23:05
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लखनऊ में वकील को तीन साल की सजा:सीबीआई कोर्ट लखनऊ का फैसला, फर्जी दस्तावेजों से बैंक को लगाया था चूना
लखनऊ की विशेष सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को बैंक धोखाधड़ी मामले में इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन पैनल वकील सुरेश चंद्र दुबे को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 40,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इलाहाबाद बैंक, वाराणसी मंडल कार्यालय के एजीएम की शिकायत पर मामला 2009 में दर्ज किया गया था। बताया गया था कि तत्कालीन बैंक प्रबंधक संजीव मालवीय ने फर्जी दस्तावेजों और वकील सुरेश चंद्र दुबे की झूठी लीगल ओपिनियन के आधार पर प्रमोद कुमार सिंह और गीता सिंह को करीब 6 लाख रुपए का आवास ऋण स्वीकृत किया था। बैंक को हुआ नुकसान झूठी रिपोर्ट और फर्जी दस्तावेजों के कारण बैंक को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद आरोपी प्रबंधक, वकील और लाभार्थियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। तीन आरोपी पहले ही हो चुके है दोषी करार सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों पर सुनवाई के बाद 2019 और 2020 में अन्य तीन आरोपियों को दोषी करार दिया था। हाईकोर्ट ने वकील सुरेश चंद्र दुबे के खिलाफ सुनवाई पर रोक लगा दी थी। इस कारण उनकी फाइल अलग कर दी गई थी। 23 गवाहों से हुई पूछताछ मामले में कुल 23 गवाहों से पूछताछ के बाद कोर्ट ने सुरेश चंद्र दुबे को दोषी ठहराया। शुक्रवार को न्यायालय ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई और 40,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।

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