लखनऊ विश्वविद्यालय में तीन पुस्तकों का विमोचन:व्याख्यान में भविष्य की तकनीकी शिक्षा पर चर्चा; पूर्व उपमुख्यमंत्री बोले- प्रोफेसर करें शोध प्रोजेक्ट पर काम
लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में व्याख्यान और प्रो. सोमेश कुमार शुक्ला द्वारा लिखी तीन किताबों का विमोचन हुआ। जिसमें 'मिनिमम फेयर प्राइस फॉर एग्रीकल्चर', 'इंटेलीजेंट क्रेडिट' और 'नियो एज ऑफ बैंकिंग' शामिल हैं। इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा और भारतीय शिक्षा शोध संस्थान लखनऊ के अध्यक्ष प्रो. एस.के द्विवेदी शामिल हुए। दिनेश शर्मा ने छात्रों को प्रेरित करते हुए नई सोच अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरो को नए शोध प्रोजेक्ट पर काम करना चाहिए। डिजिटल बैंकिंग पर बात करते हुए कहा कि तकनीक का सही उपयोग समाज को लाभ पहुंचा सकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षा में सुधारों की तारीफ की और इसे प्रगति का प्रतीक बताया। नई शिक्षा नीति आधुनिक समस्याओं का समाधान प्रो. एस.के. द्विवेदी ने समाजवाद के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति आधुनिक समस्याओं का समाधान दे सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चर्चा करते हुए उन्होंने इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को समझाया। भविष्य की शिक्षा और तकनीक पर चर्चा कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि बैंकिंग व्यवस्था तेजी से डिजिटल हो रही है। मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का असर शिक्षा पर बढ़ रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को भविष्य की जरूरतों के अनुसार सिलेबस में बदलाव करना चाहिए। कार्यक्रम में वाणिज्य विभाग के प्रमुख प्रो. राममिलन ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। प्रो. रचना रज्जू, प्रो. रचना सिंह और विश्वविद्यालय मीडिया हेड प्रो. दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव सहित कई शिक्षक-छात्र उपस्थित थे।
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