लाला लाजपत राय का 96वां बलिदान दिवस मनाया:समाजशास्त्री बोले– स्वतंत्रता संग्राम में लाल,बाल,पाल की तिकड़ी सदैव अमर रहेगी

लोक सेवक मंडल की ओर से शास्त्री भवन में स्वतंत्रता आंदोलन के नायक लाला लाजपत राय का 96 वां बलिदान दिवस मनाया। कार्यक्रम के दौरान लाला जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अमर रहे के नारे लगाए। कार्यक्रम के दौरान समाजशास्त्री बीएन सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम की स्मृति में लाल–बाल–पाल की तिकड़ी यानी लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, विपिन चंद्र पाल सदैव अमर रहेंगे। खलासी लाइन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान समाजशास्त्री ने कहा कि लाला लाजपत राय स्वाधीनता आंदोलन की लड़ाई के साथ–साथ स्वराज्य की भी लड़ाई लड़ रहे थे। उन्होंने आजादी के बाद कैसा भारत बनेगा, इस पर भी कई लेख लिखे और आत्मनिर्भर भारत के लिए फाइनेंस के क्षेत्र में पंजाब नेशनल बैंक, लक्ष्मी फाइनेंस की भी स्थापना की। कार्यक्रम में शामिल राज किशोर बाजपेई ने कहा कि अगर भारत की आजादी के बाद लाला लाजपत राय का स्वराज्य का मॉडल लागू किया गया होता तो आज भारत विश्व के प्रमुख शक्तिशाली राष्ट्रों में से एक होता। लोक सेवक मंडल अध्यक्ष दीपक मालवीय ने कहा कि लाला जी भविष्यदृष्टा थे, मजदूर विरोधी साइमन कमीशन के खिलाफ आयोजित एक विशाल प्रदर्शन में हिस्सा लेते हुए जब वह बुरी तरह घायल हुए तो उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि मेरे शरीर पर पड़ी एक एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में कील का काम करेगी। लाला जी की मौत के बाद उत्तेजित हुआ सारा देश वही हुआ भी लाला जी की मौत से सारा देश उत्तेजित हो उठा। चंद्रशेखर आजा, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लाला जी पर हुए लाठीचार्ज का बदला लिया।कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने पर लाला लाजपत राय वाद–विवाद प्रतियोगिता स्मृति सम्मान प्रदान किया गया। यह लोग रहे कार्यक्रम में रहे मौजूद कार्यक्रम के दौरान प्रो प्रभात बाजपेई, अतहर नईम, सुरेश गुप्ता, नौशाद आलम मंसूर, रवि शुक्ला, डॉ जहान सिंह, डॉ राधेश्याम मिश्र, शशि कौशिक, देव कुमार, रामगोपाल अग्रवाल मौजूद रहे।

Nov 17, 2024 - 19:40
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लाला लाजपत राय का 96वां बलिदान दिवस मनाया:समाजशास्त्री बोले– स्वतंत्रता संग्राम में लाल,बाल,पाल की तिकड़ी सदैव अमर रहेगी
लोक सेवक मंडल की ओर से शास्त्री भवन में स्वतंत्रता आंदोलन के नायक लाला लाजपत राय का 96 वां बलिदान दिवस मनाया। कार्यक्रम के दौरान लाला जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अमर रहे के नारे लगाए। कार्यक्रम के दौरान समाजशास्त्री बीएन सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम की स्मृति में लाल–बाल–पाल की तिकड़ी यानी लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, विपिन चंद्र पाल सदैव अमर रहेंगे। खलासी लाइन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान समाजशास्त्री ने कहा कि लाला लाजपत राय स्वाधीनता आंदोलन की लड़ाई के साथ–साथ स्वराज्य की भी लड़ाई लड़ रहे थे। उन्होंने आजादी के बाद कैसा भारत बनेगा, इस पर भी कई लेख लिखे और आत्मनिर्भर भारत के लिए फाइनेंस के क्षेत्र में पंजाब नेशनल बैंक, लक्ष्मी फाइनेंस की भी स्थापना की। कार्यक्रम में शामिल राज किशोर बाजपेई ने कहा कि अगर भारत की आजादी के बाद लाला लाजपत राय का स्वराज्य का मॉडल लागू किया गया होता तो आज भारत विश्व के प्रमुख शक्तिशाली राष्ट्रों में से एक होता। लोक सेवक मंडल अध्यक्ष दीपक मालवीय ने कहा कि लाला जी भविष्यदृष्टा थे, मजदूर विरोधी साइमन कमीशन के खिलाफ आयोजित एक विशाल प्रदर्शन में हिस्सा लेते हुए जब वह बुरी तरह घायल हुए तो उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि मेरे शरीर पर पड़ी एक एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में कील का काम करेगी। लाला जी की मौत के बाद उत्तेजित हुआ सारा देश वही हुआ भी लाला जी की मौत से सारा देश उत्तेजित हो उठा। चंद्रशेखर आजा, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लाला जी पर हुए लाठीचार्ज का बदला लिया।कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने पर लाला लाजपत राय वाद–विवाद प्रतियोगिता स्मृति सम्मान प्रदान किया गया। यह लोग रहे कार्यक्रम में रहे मौजूद कार्यक्रम के दौरान प्रो प्रभात बाजपेई, अतहर नईम, सुरेश गुप्ता, नौशाद आलम मंसूर, रवि शुक्ला, डॉ जहान सिंह, डॉ राधेश्याम मिश्र, शशि कौशिक, देव कुमार, रामगोपाल अग्रवाल मौजूद रहे।

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