वाराणसी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई सफल स्किन ग्राफ्टिंग:सर्जरी के बाद 75 वर्षीय ग्रामीण दयाराम को मिला जीवनदान, डॉक्टर ने कर दिया था दिल्ली रेफर
वाराणसी में स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार मजबूत किया जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगापुर में 75 वर्षीय बुजुर्ग को नया जीवन दिया। यहां डॉक्टर्स की टीम ने जटिल स्किन ग्राफ्टिंग कर दयाराम के बाएं पैर की सर्जरी की जो सफल रही। इस इलाज के लिए डॉक्टर्स ने उन्हें दिल्ली रेफर किया था। सबसे पहले जानिए क्या हुआ था दयाराम को और वो गंगापुर सीएचसी कैसे पहुंचे ? निहालपुर के रहने वाले हैं दयाराम, पैर में हुआ था इन्फेक्शन पिंडरा ब्लाक के निहालपुर के रहने वाले दयाराम (75) के पैर में इन्फेक्शन हुआ था। उनके परिजनों ने बताया- हमने उन्हें कई अस्पतालों में दिखाया पर उनके पैर का इन्फेक्शन बढ़ता रहा। उनके पैर में मांस खाने वाले कीड़े पनप गए थे। दयाराम का इलाज राज्य कर्मचारी बीमा निगम अस्पताल, पांडेयपुर में हो रहा था। 20 प्रतिशत चमड़ी में हुआ था इन्फेक्शन परिजनों ने बताया- दयाराम के पैर 20 प्रतिशत सड़ चुकी थी। अस्पताल के डॉक्टर ने उनकी बिमारी की गंभीरता को देखते हुए सर्जरी के लिए नई दिल्ली रेफर कर दिया और प्लास्टिक सर्जरी की सलाह दी थी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार चिंतित हो गया। उन्हें घर ले आया। एक दिन अचानक तबियत खराब हुई तो उन्होंने सीएचसी गंगापुर में एडमिट कराया। स्प्लिट स्किन ग्राफ्टिंग से हुआ इलाज सीएचसी गंगापुर के सर्जन डॉ श्रीकांत पटेल ने बताया- दयाराम (74) को जब यहां एडमिट किया गया था तो उनके पैर में कीड़े लगे थे। उसे सही करना एक चैलेन्ज था और फिर उसकी सर्जरी भी चैलेन्ज थी। हमने पहले उनके पेअर को सही किया। इसके बाद स्किन ग्राफ्टिंग कर उनके पैर की सर्जरी की है। जो पूरी तरह सफल है। यह सर्जरी यहां पहली बार की गयी है। अब जानिए क्या है स्किन ग्राफ्टिंग सर्जरी ? और इसमें क्या होता है ? मरीज की स्किन से ही होती है उसकी सर्जरी स्किन ग्राफ्टिंग करने वाले डॉ पटेल ने बताया - स्किन ग्राफ्टिंग एक सर्जरी प्रोसीजर है। जिसमें शरीर के किसी क्षतिग्रस्त हिस्से की त्वचा को स्वस्थ त्वचा के साथ बदला जाता है। इस प्रोसीजर में स्वस्थ त्वचा शरीर के किसी अन्य हिस्से से जैसे जांघ और बांहों के ऊपरी हिस्से से त्वचा को निकाला जाता है। जिस जगह से स्वस्थ त्वचा को निकाला गया है, उसे 'डोनर साइट' कहा जाता है और जहां त्वचा को लगाया गया है उसे रिसिप्टेंट साइट कहा जाता है। क्षतिग्रस्त त्वचा की जगह पर लगाने के लिए निकाले गये स्वस्थ त्वचा के टुकड़े को ग्राफ्ट और जब ग्राफ्ट को प्राप्त कर लिया जाता है तो उसे ऑटोग्राफ्ट कहा जाता है। सीएमओ ने की सराहना मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बेहतर चिकित्सीय सेवा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है इसी के अंतर्गत सीएचसी गंगापुर में की गई स्किन ग्राफ्टिंग सर्जरी एक उत्कृष्ट पहल है। उन्होंने गंगापुर सीएचसी के अधीक्षक सहित पूरी मेडिकल टीम की प्रशंसा करते हुये सफलतापूर्वक स्किन ग्राफ्टिंग किये जाने के लिये बधाई दी।
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