वाराणसी कैंट से बांग्लादेशियों को इंट्री दिलाने वाला मानव-तस्कर गिरफ्तार:ज्ञानवापी समेत 4 मस्जिदों में म्यांमार के घुसपैठिए ने की रेकी, ATS के हाथ अहम सुराग

भारत में बांग्लादेश से रोहिंग्याओं को फर्जी दस्तावेजों के सहारे एंट्री दिलाने वाले गिरोह का शातिर गुर्गा मोहम्मद अब्दुल्ला शुक्रवार रात एटीएस के हाथ चढ़ गया। आरोपी को एटीएस की वाराणसी टीम ने कैंट स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। एटीएस को 24 घंटे पहले वाराणसी में उनकी मूवमेंट की खबर लगी थी, इसके बाद लगातार लोकेशन खंगाली जा रही थी। पूछताछ में पता चला कि मोहम्मद अब्दुल्ला गुरुवार को वाराणसी आया था और शुक्रवार को ज्ञानवापी समेत चार मस्जिदों में रेकी की। इन मस्जिदों की गतिविधियां जानी और वहां कुछ लोगों से जान पहचान बनाने की कोशिश की। हालांकि इसके अलावा पश्चिम बंगाल से उनके कई बार वाराणसी आने की पुष्टि हुई। अब्दुल्ला के मोबाइल फोन और तीन मेमोरी कार्ड में कई अहम जानकारियां, नेटवर्क और उससे जुड़े लोगों के नाम नंबर एटीएस के हाथ लगे हैं। अब्दुस सलाम मंडल के नाम का भारतीय आधार कार्ड भी बनवा रखा था, इसके अलावा निर्वाचन और पैन कार्ड भी था। एटीएस की टीम पूछताछ कर रही है और अहम जानकारियों की पुष्टि कराई जा रही है। रात भर शहर में घूमकर जुटाई जानकारियां शुक्रवार की रात वाराणसी एटीएस इकाई ने कैंट स्टेशन के सेकेंड एंट्री पर जाल बिछाकर शातिर मानव तस्कर की तलाश शुरू कर दी। बांग्लादेशी रोहिंग्याओं को देश में घुसपैठ कराने वाले गिरोह के शातिर मोहम्मद अब्दुल्ला को ट्रेन पकड़ने से पहले दबोच लिया। वह पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से गुरुवार रात वाराणसी पहुंचा था, उसे आज रात वापस जाना था।अब्दुल्ला ने 24 घंटे में वाराणसी की ज्ञानवपी समेत चार प्रमुख मस्जिदों की रेकी की, यूपी कॉलेज में बक्फ के विवाद की जानकारी ली। गुरुवार की पूरी रात में अलग-अलग इलाकों में घूमा। शुक्रवार दिन में ज्ञानवापी पहुंचा, आसपास के लोगों से संवाद की कोशिश की लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना एटीएस को लगी तो अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया।​​​​​​​अब्दुल्ला ने स्वीकारा कि अवैध दस्तावेजों या फर्जी तरीके से बांग्लादेशी लोगों को पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में एंट्री कराता है। पश्चिम बंगाल में अब्दुल्ला ने बनाया ठिकाना एटीएस की पूछताछ में अब्दुल्ला ने बताया कि वह मूल रूप से म्यांमार के मांगडू के अकयाब जनपद का रहने वाला है। उसने पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर जिले में थाना गढ़बेटा के दुर्गबनकटी के निवासी के रूप में अपना आधार और अन्य दस्तावेज तैयार कराया है। उसने अब्दुस सलाम मंडल पुत्र असगर मंडल के नाम से फर्जी आधार बनवाया है। एटीएस के मुताबिक पूर्व में गिरफ्तार अबू सलेह मंडल, अब्दुल्ला गाजी, शेख नजीबुल हक आदि के जरिए मो. अब्दुल्ला ने म्यांमार से घुसपैठ कर भारत में प्रवेश किया था। उनके जरिये ही मेदिनीपुर में जमीन खरीदी। इसके लिए उसे आर्थिक मदद भी मिली। फर्जी दस्तावेज और आधार के जरिए वह 2018 से मेदिनीपुर में रह रहा था। लखनऊ के एटीएस थाना में उसके खिलाफ एक केस दर्ज है। एटीएस ने बताया कि मोहम्मद अब्दुल्ला की लंबे समय से तलाश थी और बनारस में उसकी लोकेशन मिलते ही गिरफ्तार कर लिया है। ​​​​​​​अब्दुल्ला के पास से एक मोबाइल फोन, तीन मेमोरी कार्ड, अब्दुस सलाम मंडल के नाम का भारतीय आधार, निर्वाचन और पैन कार्ड, यूएनएचसीआर (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी) कार्ड, 1070 रुपये बरामद हुए हैं।

Nov 30, 2024 - 00:50
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वाराणसी कैंट से बांग्लादेशियों को इंट्री दिलाने वाला मानव-तस्कर गिरफ्तार:ज्ञानवापी समेत 4 मस्जिदों में म्यांमार के घुसपैठिए ने की रेकी, ATS के हाथ अहम सुराग
भारत में बांग्लादेश से रोहिंग्याओं को फर्जी दस्तावेजों के सहारे एंट्री दिलाने वाले गिरोह का शातिर गुर्गा मोहम्मद अब्दुल्ला शुक्रवार रात एटीएस के हाथ चढ़ गया। आरोपी को एटीएस की वाराणसी टीम ने कैंट स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। एटीएस को 24 घंटे पहले वाराणसी में उनकी मूवमेंट की खबर लगी थी, इसके बाद लगातार लोकेशन खंगाली जा रही थी। पूछताछ में पता चला कि मोहम्मद अब्दुल्ला गुरुवार को वाराणसी आया था और शुक्रवार को ज्ञानवापी समेत चार मस्जिदों में रेकी की। इन मस्जिदों की गतिविधियां जानी और वहां कुछ लोगों से जान पहचान बनाने की कोशिश की। हालांकि इसके अलावा पश्चिम बंगाल से उनके कई बार वाराणसी आने की पुष्टि हुई। अब्दुल्ला के मोबाइल फोन और तीन मेमोरी कार्ड में कई अहम जानकारियां, नेटवर्क और उससे जुड़े लोगों के नाम नंबर एटीएस के हाथ लगे हैं। अब्दुस सलाम मंडल के नाम का भारतीय आधार कार्ड भी बनवा रखा था, इसके अलावा निर्वाचन और पैन कार्ड भी था। एटीएस की टीम पूछताछ कर रही है और अहम जानकारियों की पुष्टि कराई जा रही है। रात भर शहर में घूमकर जुटाई जानकारियां शुक्रवार की रात वाराणसी एटीएस इकाई ने कैंट स्टेशन के सेकेंड एंट्री पर जाल बिछाकर शातिर मानव तस्कर की तलाश शुरू कर दी। बांग्लादेशी रोहिंग्याओं को देश में घुसपैठ कराने वाले गिरोह के शातिर मोहम्मद अब्दुल्ला को ट्रेन पकड़ने से पहले दबोच लिया। वह पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से गुरुवार रात वाराणसी पहुंचा था, उसे आज रात वापस जाना था।अब्दुल्ला ने 24 घंटे में वाराणसी की ज्ञानवपी समेत चार प्रमुख मस्जिदों की रेकी की, यूपी कॉलेज में बक्फ के विवाद की जानकारी ली। गुरुवार की पूरी रात में अलग-अलग इलाकों में घूमा। शुक्रवार दिन में ज्ञानवापी पहुंचा, आसपास के लोगों से संवाद की कोशिश की लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना एटीएस को लगी तो अब्दुल्ला को गिरफ्तार कर लिया।​​​​​​​अब्दुल्ला ने स्वीकारा कि अवैध दस्तावेजों या फर्जी तरीके से बांग्लादेशी लोगों को पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में एंट्री कराता है। पश्चिम बंगाल में अब्दुल्ला ने बनाया ठिकाना एटीएस की पूछताछ में अब्दुल्ला ने बताया कि वह मूल रूप से म्यांमार के मांगडू के अकयाब जनपद का रहने वाला है। उसने पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर जिले में थाना गढ़बेटा के दुर्गबनकटी के निवासी के रूप में अपना आधार और अन्य दस्तावेज तैयार कराया है। उसने अब्दुस सलाम मंडल पुत्र असगर मंडल के नाम से फर्जी आधार बनवाया है। एटीएस के मुताबिक पूर्व में गिरफ्तार अबू सलेह मंडल, अब्दुल्ला गाजी, शेख नजीबुल हक आदि के जरिए मो. अब्दुल्ला ने म्यांमार से घुसपैठ कर भारत में प्रवेश किया था। उनके जरिये ही मेदिनीपुर में जमीन खरीदी। इसके लिए उसे आर्थिक मदद भी मिली। फर्जी दस्तावेज और आधार के जरिए वह 2018 से मेदिनीपुर में रह रहा था। लखनऊ के एटीएस थाना में उसके खिलाफ एक केस दर्ज है। एटीएस ने बताया कि मोहम्मद अब्दुल्ला की लंबे समय से तलाश थी और बनारस में उसकी लोकेशन मिलते ही गिरफ्तार कर लिया है। ​​​​​​​अब्दुल्ला के पास से एक मोबाइल फोन, तीन मेमोरी कार्ड, अब्दुस सलाम मंडल के नाम का भारतीय आधार, निर्वाचन और पैन कार्ड, यूएनएचसीआर (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी) कार्ड, 1070 रुपये बरामद हुए हैं।

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