वाराणसी में इलेक्ट्रिक बसें कर रहीं पर्यवरण संरक्षण:2.50 Kg प्रतिदिन कार्बन उत्सर्जन में आयी कमी, रोजाना 3,000 लीटर डीजल की बचत

वाराणसी में चल रहीं इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहीं। इसके अलावा राजस्व में भी बढ़ोत्तरी करवा रही हैं। वाराणसी शहर में डीजल बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से रोजाना 3,000 लीटर डीजल की बचत हो रही है। वहीं डीजल की बचत के साथ ही 7,500 किलोग्राम प्रतिदिन (2.50kgm प्रति लीटर/प्रतिदिन) कार्बन उत्सर्जन कम होने से पर्यावरण भी सुधर रहा है। 50 इलेक्ट्रिक बसें बचा रहीं 3,000 लीटर डीजल वाराणसी सीटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के एआरएम एके सिंह ने बताया- वाराणसी में 50 इलेक्ट्रिक बसें कई रूट पर मिर्जामुराद चार्जिंग स्टेशन से चल रही हैं। ये बसें मिर्जामुराद से चौधरी चरण सिंह बस स्टेशन, कैंट तक आती है। यहां से बाबतपुर, मुगलसराय, सेवापुरी, लंका, चौबेपुर, चोलापुर आदि मार्गों पर चल रही हैं। ये बसें चार्जिंग बेस हैं ऐसे में रोजाना इनसे 3,000 लीटर डीजल की बचत सरकार को हो रही है। ग्लोबल वार्मिंग से बचा रहीं बसें एआरएम ने बताया-डीजल से चलने वाली बसें वायु प्रदूषण करती हैं। ऐसे में ये 50 बसें पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हैं। प्रतिदिन उत्सर्जित होने 7,500 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है। जो करीब 2.50 Kgm प्रति लीटर/प्रतिदिन है। इससे पर्यावरण में काफी सुधार हुआ है। इस वर्ष दिवाली पर AQI लेवल ठीक रहा। इसमें इनका भी योगदान है। एक महीने में आ रहा 12 से 14 लाख का खर्च एआरएम एके सिंह ने बताया- डीजल बसों के संचालन में प्रति माह 80 से 82 लाख रुपए खर्च होते थे। लेकिन इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में महज 12 से 14 लाख रुपए की बिजली का खर्च होता है। ऐसे में ये बसें हर तरह से हितकारी हैं। 28 लोग कर सकते हैं सफर वाराणसी शहर में चल रहीं इन एसी ई-बस में करीब 28 लोग बैठ सकते है। बसों में सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस सिस्टम के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन की भी सुविधा है। वाराणसी में इस समय 50 बसें चल रही हैं।

Nov 4, 2024 - 10:25
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वाराणसी में इलेक्ट्रिक बसें कर रहीं पर्यवरण संरक्षण:2.50 Kg प्रतिदिन कार्बन उत्सर्जन में आयी कमी, रोजाना 3,000 लीटर डीजल की बचत
वाराणसी में चल रहीं इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहीं। इसके अलावा राजस्व में भी बढ़ोत्तरी करवा रही हैं। वाराणसी शहर में डीजल बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से रोजाना 3,000 लीटर डीजल की बचत हो रही है। वहीं डीजल की बचत के साथ ही 7,500 किलोग्राम प्रतिदिन (2.50kgm प्रति लीटर/प्रतिदिन) कार्बन उत्सर्जन कम होने से पर्यावरण भी सुधर रहा है। 50 इलेक्ट्रिक बसें बचा रहीं 3,000 लीटर डीजल वाराणसी सीटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के एआरएम एके सिंह ने बताया- वाराणसी में 50 इलेक्ट्रिक बसें कई रूट पर मिर्जामुराद चार्जिंग स्टेशन से चल रही हैं। ये बसें मिर्जामुराद से चौधरी चरण सिंह बस स्टेशन, कैंट तक आती है। यहां से बाबतपुर, मुगलसराय, सेवापुरी, लंका, चौबेपुर, चोलापुर आदि मार्गों पर चल रही हैं। ये बसें चार्जिंग बेस हैं ऐसे में रोजाना इनसे 3,000 लीटर डीजल की बचत सरकार को हो रही है। ग्लोबल वार्मिंग से बचा रहीं बसें एआरएम ने बताया-डीजल से चलने वाली बसें वायु प्रदूषण करती हैं। ऐसे में ये 50 बसें पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हैं। प्रतिदिन उत्सर्जित होने 7,500 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है। जो करीब 2.50 Kgm प्रति लीटर/प्रतिदिन है। इससे पर्यावरण में काफी सुधार हुआ है। इस वर्ष दिवाली पर AQI लेवल ठीक रहा। इसमें इनका भी योगदान है। एक महीने में आ रहा 12 से 14 लाख का खर्च एआरएम एके सिंह ने बताया- डीजल बसों के संचालन में प्रति माह 80 से 82 लाख रुपए खर्च होते थे। लेकिन इन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में महज 12 से 14 लाख रुपए की बिजली का खर्च होता है। ऐसे में ये बसें हर तरह से हितकारी हैं। 28 लोग कर सकते हैं सफर वाराणसी शहर में चल रहीं इन एसी ई-बस में करीब 28 लोग बैठ सकते है। बसों में सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस सिस्टम के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन की भी सुविधा है। वाराणसी में इस समय 50 बसें चल रही हैं।

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