वृंदावन में रामलीला का हुआ समापन:भगवान राम का किया गया राज्याभिषेक,लव कुश लीला देख भावुक हुए दर्शक
मथुरा के वृंदावन में चल रही रामलीला का रविवार देर रात समापन हो गया। समापन दिवस पर भगवान राम का राज्याभिषेक और लवकुश लीला का मंचन किया गया। लवकुश लीला देख पंडाल में बैठे हजारों दर्शक भाव विभोर हो गए और लगाने लगे प्रभु श्री राम के जयकारे। रामलला के जयकारों से गुंजायमान हुआ पंडाल श्री रंगनाथ मंदिर के बड़ा बगीचा में आयोजित त्रयोदश दिवसीय रामलीला महोत्सव का भव्य समापन रविवार देर रात को श्री राम राज्याभिषेक के साथ हो गया। अवधपुरी के राजा रामचंद्र के दर्शनों के लिए अंतिम दिन राम भक्तों की भारी भीड़ पंडाल में उमड़ पड़ी। पूरा पंडाल राजा रामचंद्र के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। राज्याभिषेक की घोषणा से हर्षित हुए दर्शक श्री रामलीला कमेटी ट्रस्ट के तत्वाधान में आदर्श रामलीला मंडल द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव में रविवार को पंडाल राजा रामचंद्र की जय जयकार से गुंजित रहा। मौका था लंका विजय कर अवधपुरी लौटे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के राज्याभिषेक का। अयोध्या राजवंश के कुल गुरू वशिष्ठ मुनि द्वारा शुभ मुहूर्त में श्री सियावर राम के अवध नरेश के राज सिंहासन पर आरूढ़ होने की घोषणा करते ही अवधपुरी में हर्षोल्लास छा गया। भगवान राम की हुई आरती शंख की प्रतिध्वनि के साथ जैसे ही आचार्य पवन देव चतुर्वेदी ने प्रथम तिलक वशिष्ठ मुनि कीन्हा,पुनि सब विप्ररन्ह आयुष दीन्हा का गायन किया। पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस मनोहारी प्रसंग के मंचन के हजारों राम भक्त साक्षी बने। जीएलए विश्वविद्यालय के कुलपति नारायण दास अग्रवाल और सांसद हेमा मालिनी,भाजपा नेता योगेश द्विवेदी,समाजसेवी आर सी गोयल,रंगनाथ मंदिर की सीईओ अनघा श्रीनिवासन ने अवध नरेश राजा रामचंद्र की आरती उतारकर आशीर्वाद लिया। अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा पकड़ा लव कुश ने राज्याभिषेक की लीला के पश्चात मंच पर वाल्मीक रामायण के अनुसार लव कुश लीला का मंचन किया गया। इसमें भगवान राम द्वारा किए जा रहे अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा वाल्मीक आश्रम में अपनी माता सीता के साथ रह रहे लव कुश द्वारा उसे पकड़ लिया जाता है। जिसके बाद घोड़ा को छुड़ाने के लिए भरत,लक्ष्मण,शत्रुध्न और हनुमान जी जाते हैं। लेकिन बलशाली सूर्यवंश के राजकुमार लव कुश सभी को युद्ध में परास्त कर बंधक बना लेते हैं। राज दरबार में लव कुश के गायन से भावुक हुए दर्शक इसके बाद जब महर्षि वाल्मीक लव कुश को लेकर अयोध्या भगवान राम के दरबार में जाते हैं और उनको उन्हीं की कथा गायन के माध्यम से सुनाते हैं तो पूरा पंडाल शांत हो गया और सभी की आँखें नम हो गई। हर दर्शक इस लीला का मंचन देख भाव विभोर हो गया। इसके बाद इस वर्ष की रामलीला का समापन कर दिया जाता है। यह रहे मौजूद इस अवसर पर संस्थापक अध्यक्ष आलोक बंसल, भीमसेन अग्रवाल चक्की वाले, अनिल गौतम, लक्ष्मी नारायण दीक्षित, अजय अग्रवाल, शुभम अग्रवाल, आशीष सिंह,आशीष अग्रवाल,जितेंद्र राणा,जगदीश गुरु,अनूप शर्मा,बृजेश गली वाले,आलोक शर्मा,अलौकिक शर्मा ,ज्ञानेंद्र गोस्वामी,संदीप वार्ष्णेय आदि उपस्थित रहे।
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