वैदिक साहित्य में नारी है ब्रह्मवादिनी:आर्य समाज के महिला सम्मेलन में शामिल हुई सैकड़ों महिलाएं
वैदिक साहित्य में नारी ब्रह्मवादिनी है, देवी है, साम्राज्ञी है, शिक्षिका है, विदुषी है, नेत्री है, उपदेशिका है, पूज्या है और प्रकाशिका है। पति की सर्वोत्तम मित्र और सचिव भी वही है। वैदिक काल मे नारी का क्या स्थान था और आज की स्थिति क्या है। इस पर विचार करने की आवश्यकता है। विजय नगर स्थित विजय क्लब में आर्य समाज नाई की मंडी के 64वें वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य वैदिक वक्ता डॉ वेद पाल आर्य ने अपनी बात बेबाकी से कही।उन्होंने कहा कि नारी अगर वेद पढती है, तो निश्चित ही उसका परिवार संस्कारित होगा। तभी वह समाज के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। आचार्य ब्रजेश महाराज ने कहा कि जहां पर नारी का सम्मान होता है। वही देश व समाज आगे बढ़ता है। नारी को समाज के नवनिर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाना होगा। तभी एक सभ्य समाज का निर्माण हो पाएगा। स्त्री जाति के लिए उन्होंने शिक्षा के द्वार खोल दिए। आर्य समाज ने नारी सशक्तिकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यही कारण है कि वर्तमान समय में नारी सभी क्षेत्रों में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। इससे पहले प्रातः सत्र में पांच कुंडीय यज्ञ में आर्यजनों ने आहुतियां दी। वेद प्रवक्ता प्रशांत शर्मा ने भी वैदिक ज्ञान की धारा प्रवाहित की। महिला सम्मेलन का हुआ आयोजन महिला सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए वंदना आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद ने 1875 में आर्य समाज की स्थापना के साथ ही महिलाओं को शिक्षित करने, जाति भेद मिटाने और अछूतों का उद्धार करने को अलख जगाई थी। महर्षि दयानंद ने नारी को पुरुष के बराबर का दर्जा दिया। प्रख्यात गायक विवेक पथिक ने आर्य जनों को सौ बार जन्म लेंगे, सौ बार फना होंगे, एहसान दयानंद के फिर भी ना अदा होंगे.... भारत का कर गया बेड़ा पार, वह मस्ताना योगी जैसे एक के बाद एक भजनो से सभी को भावविभोर कर महर्षि दयानंद का गुणगान किया। आज होगा 21 कुंडीय महायज्ञ प्रधान सीए मनोज खुराना ने बताया कि रविवार को समापन पर विश्व कल्याण के लिए 21 कुंडीय महायज्ञ किया जायेगा। यज्ञ के बाद आचार्यो का प्रवचन होगा। मंच संयोजन अश्विनी आर्य ने किया । इस अवसर पर मंत्री अनुज आर्य, कोषाध्यक्ष विकास आर्य, प्रेमा कनवर, विद्या गुप्ता, कान्ता बंसल, नीरू शर्मा, मिथलेश दुबे, राजेश गुप्ता, राजीव दीक्षित, सुधाकर गुप्ता, भारत भूषण सामा, राजेंद्र मल्होत्रा, वीरेंद्र कंवर, अवनींद्र गुप्ता, सुभाष अग्रवाल, उमेश पाठक, विजय अग्रवाल, यतेंद्र आर्य, सुशील असीजा आदि मौजूद रहे।
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