संभल जामा मस्जिद केस: ASI ने दायर किया प्रतिवाद:वकील बोले- इस जगह पर कई बदलाव हुए, स्टील की रेलिंग बनने के खिलाफ केस दर्ज हुआ
संभल की शाही जामा मस्जिद मामले में ASI ने अपना शपथ पत्र कोर्ट में दाखिल किया है। ASI के वकील विष्णु शर्मा कहा है कि यहां पर प्राचीन इमारत और पुरातत्व अवशेषों के संरक्षण अधिनियम 1958 के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। मस्जिद के बाहर सीढ़ियों पर जो निर्माण करवाया गया है, उसके खिलाफ एक FIR पहले से दर्ज है। आज कोर्ट में भी प्रतिवाद दायर किया गया है। जिसमें सारी बातों का उल्लेख किया गया है। कुछ पुरानी और नई फोटो भी कोर्ट को दी गई हैं ASI एडवोकेट ने बताया कि साल 1998 में मस्जिद का दौरा किया गया था। उसके बाद जून 2024 में इसका दौरा किया गया है। इस जगह पर कई सारे बदलाव किए गए हैं। जिसकी जानकारी प्रतिवाद में दी गई है। कुछ पुरानी और नई फोटो भी कोर्ट को दी गई हैं। बता दें कि संभल की शाही जामा मस्जिद भारतीय पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आती है। ASI जामा मस्जिद में जांच के लिए जाती थी वकील विष्णु शर्मा ने कहा, ASI ने अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल कर दिया है। समय-समय पर ASI जामा मस्जिद में जांच के लिए जाती थी। लेकिन जो वहां के स्थानीय लोग हैं, वो लोग ASI को वहां पर सर्वे नहीं करने देते थे। इसका उल्लेख ASI ने अपने प्रतिवाद पत्र में किया है। मस्जिद कमेटी ने साल 2018 में जो मस्जिद की सीढ़ियां हैं, उस पर स्टील की रेलिंग लगा दी थी, उसके खिलाफ भी एक एफआईआर 19 जनवरी साल 2018 में मस्जिद कमेटी के खिलाफ दर्ज की गई थी। पूरा कंट्रोल ASI के पास ही होना चाहिए इस मस्जिद का कंट्रोल ASI के पास ही होना चाहिए। जिस भी संपत्ति का कंट्रोल ASI के पास होता है, वहां पर कोई भी जा सकता है। ऐसा नहीं है कि वहां पर बस एक विशेष समुदाय के लोग ही जा सकते हैं। वहां कोई भी जा सकता है। जैसे कुतुबमीनार है, ताजमहल है…ये सबके लिए ओपन है। ये काम गैरकानूनी है, इसका पूरा कंट्रोल ASI के पास ही होना चाहिए। हमने कोर्ट में पुराने और नए स्ट्रक्चर के फोटो भी सबमिट किए हैं। प्राचीन इमारत का स्वरूप बदलने का काम किया गया है। हिंदू पक्ष ने मस्जिद को बताया श्री हरि मंदिर बता दें, संभल की चंदौसी स्थित सिविल सीनियर डिवीजन न्यायालय में हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है। इस मामले में 29 नवंबर शुक्रवार को कोर्ट में एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट पेश होनी थी, लेकिन सर्वे के दौरान हुई हिंसा के कारण अवरोध पैदा हुआ। जिसकी वजह से सर्वे रिपोर्ट पेश नहीं हो सकी। अब न्यायालय ने 8 जनवरी की डेट दी है। साथ ही कहा है कि एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट 10 दिन के अंदर न्यायालय में सबमिट करें। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को कोई भी नया फैसला देने से रोका है। मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाकर याचिका दायर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट से कहा है की याचिका दायर होते ही 3 दिन के अंदर सुनवाई शुरू करें। यह खबर भी पढ़ें- संभल हिंसा- अखिलेश मारे गए लोगों को 5-5 लाख देंगे:सपा विधायक समेत 10 नेता हिरासत में, इकरा हसन को पुलिस ने रोका संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार वालों को समाजवादी पार्टी 5-5 लाख रुपए देगी। इसे लेकर सपा ने 'X' पर पोस्ट भी किया। मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा ने कहा- हमारी यूपी सरकार से मांग है कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए दे। यहां पढ़ें पूरी खबर
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