सहारनपुर में नहाय खाय से छठ पूजा शुरू होगी...घाट तैयार:ट्रेनों में यात्रियों की भीड़, टॉयलेट में बैठकर कर रहे सफर, दीपावली के बाद काम पर लौट रहे लोग
सहारनपुर में पंचोत्सव के बाद अब नहाय खाय के साथ आज से छठ पूजा की शुरुआत होगी। जिसके लिए घाटों की साफ-सफाई कराई गई। सिंचाई विभाग को भी नदी में पानी छोड़ने के आदेश दिए गए है। वहीं दिवाली, भैयादूज बीतने के बाद काम पर वापस लौटने और छठ महापर्व पर घर जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। ट्रेनों में सीट को लेकर मारामारी की स्थिति बनी हुई है। यात्रियों को शौचालय तक में बैठना पड़ रहा। दरअसल, नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत आज से होगी। ये महापर्व चार दिनों तक चलता है। इस व्रत में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। नहाय खाय के बाद छह नवंबर को खरना है। सात नवंबर को छठ पूजा का संध्या अर्घ्य दिया जाएगा और आठ नवंबर को उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद व्रत का पारण किया जाएगा। छठ पूजा में कुछ चीजों को शामिल करना अनिवार्य माना गया है। छठ व्रत में छठी मैया को कई तरह के भोग लगाए जाते हैं। जिसमें कुछ खास किस्म के फल और सब्जियां शामिल हैं। नहाय खाय के दिन व्रती महिलाएं आत्मिक शुद्धि के साथ स्नान, प्राणायाम करने के बाद लौकी की सब्जी और चावल खाती हैं। खरना के दिन, पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को छठी मैया को गुड़ से बनी खीर का भोग लगाने के बाद व्रती महिलाएं प्रसाद ग्रहण करती हैं उसके बाद से ही उनका निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाता है, जो 36 घंटे से अधिक चलता है। आठ नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सभी व्रती महिलाएं प्रसाद ग्रहण कर व्रत पूरा करेंगी। दरअसल, दीपावली पर्व बीतने के बाद भी ट्रेनों में भीड़ कम नहीं हुई है। सहारनपुर से होकर जाने वाली ट्रेनों में भीड़ है। खासकर अमृतसर-पूर्णिया कोर्ट जनसेवा एक्सप्रेस का हर कोच खचाखच भरा रहा। स्थिति ये है कि कोच के दरवाजे तक पर यात्री बैठे थे। कुछ यात्री शौचालय में भी बैठे दिखाई दिए। अब ट्रेनों में त्योहार मनाकर वापस लौटने और छठ महापर्व मनाने के लिए घर जाने वालों की भीड़ चल रही है। छठ महापर्व आज से शुश्र होगा और सात और आठ नवंबर तक मनाया जाएगा। ऐसे में जो लोग पंजाब और हरियाणा में काम करते हैं, वो गोरखपुर, लखनऊ और बिहार अपने घर जा रहे हैं। बिहार जाने वाली ट्रेनें फुल रहीं। सबसे ज्यादा परेशानी का सामना उन यात्रियों को करना पड़ा, जिनके साथ में बच्चे थे। उन्हें ट्रेन में चढ़ने को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महापर्व के चार खास दिन
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