सुप्रीम कोर्ट का सवाल- दिल्ली में पटाखे क्यों चले:सरकार-पुलिस एक हफ्ते में बताए- बैन क्यों नहीं रहा, अगली दिवाली के लिए क्या प्लान
सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दौरान दिल्ली में कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होने पर दिल्ली सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने सुओ-मोटो एक्शन लेते हुए कहा कि राज्य में पटाखों पर बैन का मुश्किल से ही पालन हो सका। कोर्ट ने कहा कि कुछ ऐसा करना होगा ताकि अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कैंपस सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस आयुक्त से पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए उठाए गए कदमों पर एक हफ्ते में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी। पराली पर पंजाब-हरियाणा से भी मांगा जवाब सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने बताया कि दिवाली के समय खेतों में आग लगने की घटनाएं बहुत ज्यादा होती हैं। दिवाली से एक दिन पहले 160 खेतों में आग लगी थी, जबकि दिवाली के दिन यह संख्या 605 हो गई। प्रदूषण का प्रतिशत 10 से बढ़कर लगभग 30 हो गया था। बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से अक्टूबर के आखिरी 10 दिनों के दौरान खेतों में आग लगने और पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने पर 14 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार हलफनामा दाखिल करते समय यह भी बताएगी कि क्या राज्य की सीमा के भीतर खेतों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं। दिल्ली में प्रदूषण से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... दिल्ली में AQI-400 पार, सांस के मरीज 35% बढ़े, 6 दिन तक प्रदूषण कम होने के आसार नहीं दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। 4 नवंबर को लगातार दूसरे दिन दिल्ली की हवा गंभीर कैटेगरी में दर्ज की गई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार सोमवार सुबह 7 बजे दिल्ली के कई मॉनिटरिंग स्टेशनों में AQI 400 के पार रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण बढ़ते ही दिल्ली के अस्पतालों में खांसी, जुकाम, बुखार, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ऑबस्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिजीज (CPOD) जैसे सांस से जुड़ी बीमारियों के मरीज 35% बढ़ गए हैं। पढ़ें पूरी खबर...
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