सुल्तानपुर के लंभुआ में 83 तालाब आवंटित:शासनादेश का उल्लंघन, कौड़ी के भाव हुआ आवंटन, अधिकारी अनजान

सुल्तानपुर की लम्भुआ तहसील में एसडीएम मंजुल मंयक और तहसीलदार देवानंद तिवारी की उपस्थिति में गुरुवार को मत्स्य पालन के लिए तालाबों की नीलामी का आयोजन किया गया। इस नीलामी में 83 तालाबों के आवंटन से करीब ग्यारह लाख रुपए का राजस्व जमा हुआ। हालांकि, नीलामी प्रक्रिया में शासनादेश की धज्जियां उड़ाई गईं, जिससे राजस्व में संभावित नुकसान हुआ। शासनादेश की अवहेलना शासनादेश के मुताबिक, किसी भी गांव के तालाब की नीलामी सिंगल आवेदन पर तब तक नहीं हो सकती जब तक संबंधित गांव की मत्स्य पालन समिति लिखित रूप से न दे दे। लेकिन नीलामी के दौरान ज्यादातर तालाबों का आवंटन सिंगल आवेदन पर, महज पांच हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की न्यूनतम दर पर किया गया। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ और नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी सामने आई। दलालों का बोलबाला नीलामी में दलालों का भी बोलबाला देखा गया, जो सेटिंग गेटिंग के जरिए अपने मकसद में कामयाब हुए। नीलामी में प्रचार-प्रसार की कमी के कारण 23 तालाबों की नीलामी भी नहीं हो पाई। अधिकारियों के अनुसार, इन तालाबों के लिए कोई आवेदन ही नहीं आया था, जिससे ये तालाब नीलामी में शामिल नहीं हो सके। नीलामी में सिंगल आवेदन पर आवंटन बाबू शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि नीलामी में सबसे कम दो हजार रुपए सालाना भतेड़ा तालाब का और सबसे अधिक एक लाख तीस हजार रुपए बोखारेपुर के तालाब का आवंटन किया गया। शासनादेश की अनदेखी करते हुए वैनी, खरमुझई, रायपुर, जैतपुर भिटार और मुकुंदपुर जैसे गांवों में सिंगल आवेदन पर तालाबों का आवंटन किया गया। तहसीलदार को पूरी जानकारी नहीं तहसीलदार देवानंद तिवारी ने इस बारे में जानकारी लेने पर कहा कि इस मामले में आरके बाबू शैलेन्द्र सिंह से बात कीजिए, वे आपको सारी जानकारी उपलब्ध करवा देंगे। इसके बाद आरके बाबू शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि 106 तालाबों को मत्स्य पालन के लिए नीलामी प्रक्रिया के तहत गजट किया गया था, जिसमें से 83 तालाबों का आवंटन किया गया है। इन तालाबों का कुल रकबा 88.0430 हेक्टेयर है। इसके अलावा, मछुआ समिति लिमिटेड (भरथीपुर) को तीन तालाब आवंटित किए गए हैं।

Nov 7, 2024 - 17:55
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सुल्तानपुर के लंभुआ में 83 तालाब आवंटित:शासनादेश का उल्लंघन, कौड़ी के भाव हुआ आवंटन, अधिकारी अनजान
सुल्तानपुर की लम्भुआ तहसील में एसडीएम मंजुल मंयक और तहसीलदार देवानंद तिवारी की उपस्थिति में गुरुवार को मत्स्य पालन के लिए तालाबों की नीलामी का आयोजन किया गया। इस नीलामी में 83 तालाबों के आवंटन से करीब ग्यारह लाख रुपए का राजस्व जमा हुआ। हालांकि, नीलामी प्रक्रिया में शासनादेश की धज्जियां उड़ाई गईं, जिससे राजस्व में संभावित नुकसान हुआ। शासनादेश की अवहेलना शासनादेश के मुताबिक, किसी भी गांव के तालाब की नीलामी सिंगल आवेदन पर तब तक नहीं हो सकती जब तक संबंधित गांव की मत्स्य पालन समिति लिखित रूप से न दे दे। लेकिन नीलामी के दौरान ज्यादातर तालाबों का आवंटन सिंगल आवेदन पर, महज पांच हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की न्यूनतम दर पर किया गया। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ और नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी सामने आई। दलालों का बोलबाला नीलामी में दलालों का भी बोलबाला देखा गया, जो सेटिंग गेटिंग के जरिए अपने मकसद में कामयाब हुए। नीलामी में प्रचार-प्रसार की कमी के कारण 23 तालाबों की नीलामी भी नहीं हो पाई। अधिकारियों के अनुसार, इन तालाबों के लिए कोई आवेदन ही नहीं आया था, जिससे ये तालाब नीलामी में शामिल नहीं हो सके। नीलामी में सिंगल आवेदन पर आवंटन बाबू शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि नीलामी में सबसे कम दो हजार रुपए सालाना भतेड़ा तालाब का और सबसे अधिक एक लाख तीस हजार रुपए बोखारेपुर के तालाब का आवंटन किया गया। शासनादेश की अनदेखी करते हुए वैनी, खरमुझई, रायपुर, जैतपुर भिटार और मुकुंदपुर जैसे गांवों में सिंगल आवेदन पर तालाबों का आवंटन किया गया। तहसीलदार को पूरी जानकारी नहीं तहसीलदार देवानंद तिवारी ने इस बारे में जानकारी लेने पर कहा कि इस मामले में आरके बाबू शैलेन्द्र सिंह से बात कीजिए, वे आपको सारी जानकारी उपलब्ध करवा देंगे। इसके बाद आरके बाबू शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि 106 तालाबों को मत्स्य पालन के लिए नीलामी प्रक्रिया के तहत गजट किया गया था, जिसमें से 83 तालाबों का आवंटन किया गया है। इन तालाबों का कुल रकबा 88.0430 हेक्टेयर है। इसके अलावा, मछुआ समिति लिमिटेड (भरथीपुर) को तीन तालाब आवंटित किए गए हैं।

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