स्काइप कॉल से आईपीएस आकाश कुलहरि बताकर की ठगी:लखनऊ के ज्योतिषाचार्य को मनी लॉन्ड्रिंग केस के नाम पर 45 दिन किया डिजिटल अरेस्ट

लखनऊ के आलमबाग निवासी ज्योतिषाचार्य सतनाम सिंह रेखी को एक जालसाज ने 45 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। आरोपी ने खुद को आईपीएस अफसर बताते हुए नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका नाम जोड़ने की धमकी दी और बैंक खातों में एक लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। आरोपी ने खुद को आईपीएस अधिकारी आकाश कुलहरि बताया और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी देकर एक लाख रुपये ऐंठ लिए। कैसे फंसाया गया शिकार? तकनीकी चाल: ठगी को दिया कानूनी जामा ठगी का तरीका: फर्जी कॉल और डिजिटल दबाव जालसाज ने कैसे सतनाम को फंसाया? डराने का खेल: डिजिटल अरेस्ट का प्लान फर्जी दस्तावेज और रसीदें भेजीं आरोपी ने व्हाट्सएप पर फर्जी रसीदें और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी दस्तावेज भेजे। आयकर विभाग और कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट का झांसा दिया। पैसे मिलने के बाद आरोपी ने स्काइप आईडी और फोन नंबर ब्लॉक कर दिया। पीड़ित का बयान" जालसाज ने मुझे हर दिन वीडियो कॉल पर घंटों डराया। उसने कहा कि मेरा नाम मनी लॉन्ड्रिंग में फंसा है। मुझे डर था कि मेरी जानकारी का गलत इस्तेमाल हो सकता है। इस डर के कारण मैंने पैसे ट्रांसफर कर दिए। बाद में समझ आया कि मैं ठगी का शिकार हुआ हूं।" साइबर क्राइम सेल ने सतनाम की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है। ठगी में इस्तेमाल बैंक खातों की ट्रांजेक्शन डिटेल और डिजिटल माध्यमों की पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने इस जालसाजी को गंभीर मानते हुए हाईटेक गिरोह का पर्दाफाश करने की रणनीति बनाई है।

Nov 23, 2024 - 09:10
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स्काइप कॉल से आईपीएस आकाश कुलहरि बताकर की ठगी:लखनऊ के ज्योतिषाचार्य को मनी लॉन्ड्रिंग केस के नाम पर 45 दिन किया डिजिटल अरेस्ट
लखनऊ के आलमबाग निवासी ज्योतिषाचार्य सतनाम सिंह रेखी को एक जालसाज ने 45 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। आरोपी ने खुद को आईपीएस अफसर बताते हुए नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका नाम जोड़ने की धमकी दी और बैंक खातों में एक लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। आरोपी ने खुद को आईपीएस अधिकारी आकाश कुलहरि बताया और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसाने की धमकी देकर एक लाख रुपये ऐंठ लिए। कैसे फंसाया गया शिकार? तकनीकी चाल: ठगी को दिया कानूनी जामा ठगी का तरीका: फर्जी कॉल और डिजिटल दबाव जालसाज ने कैसे सतनाम को फंसाया? डराने का खेल: डिजिटल अरेस्ट का प्लान फर्जी दस्तावेज और रसीदें भेजीं आरोपी ने व्हाट्सएप पर फर्जी रसीदें और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी दस्तावेज भेजे। आयकर विभाग और कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट का झांसा दिया। पैसे मिलने के बाद आरोपी ने स्काइप आईडी और फोन नंबर ब्लॉक कर दिया। पीड़ित का बयान" जालसाज ने मुझे हर दिन वीडियो कॉल पर घंटों डराया। उसने कहा कि मेरा नाम मनी लॉन्ड्रिंग में फंसा है। मुझे डर था कि मेरी जानकारी का गलत इस्तेमाल हो सकता है। इस डर के कारण मैंने पैसे ट्रांसफर कर दिए। बाद में समझ आया कि मैं ठगी का शिकार हुआ हूं।" साइबर क्राइम सेल ने सतनाम की शिकायत पर मामले की जांच शुरू कर दी है। ठगी में इस्तेमाल बैंक खातों की ट्रांजेक्शन डिटेल और डिजिटल माध्यमों की पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने इस जालसाजी को गंभीर मानते हुए हाईटेक गिरोह का पर्दाफाश करने की रणनीति बनाई है।

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