हरदोई के मल्लावां में राम लीला महोत्सव का अंतिम दिन:किया गया रावण दहन, 139 वें वर्ष का आयोजित हुआ कार्यक्रम

हरदोई के मल्लावां कस्बे में पिछले 138 वर्ष से चल रहे रामलीला महोत्सव का समापन रावण वध के साथ हुआ। कस्बे के मोहल्ला भगवंत नगर में नवम् दिवस राम की लीला मंचन किया गया। जिसके आखिर में रावण वध किया गया है। दिनभर हुए रामलीला कार्यक्रम में पहले कुम्भकर्ण, मेघनाद वध का मंचन किया गया। इसके बाद रात में रावण वध किया गया। रावण का विशालकाय पुतला जलाया गया, इस दौरान नगर मे मेला भी लगाया गया था। जिसमें भारी भीड़ उमड़ी, क्षेत्र के बच्चों व बुजुर्गों ने खूब इसमें लुत्फ उठाया। वहीं रावण दहन के दौरान भारी पुलिस की तैनाती की गई थी। सुरक्षा के पुख्ता और व्यापक इंतजाम किए गए थे। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक एक पुलिस बल की टुकड़ी के साथ मेले में गश्त करते रहे ताकि मेले में शांति व्यवस्था बनी रही। रावण की हड्डी पाने को मची होड़ रावण दहन कार्यक्रम में राम चन्द्र जी के द्वारा रावण को मारने के बाद उसका पुतला जलाया गया, रावण के जलने के बाद जली हुई रावण की हड्डियों को पाने में लोगों की होड़ लग गई। लोग धक्का मुक्की कर अपने-अपने घर रावण के जले हुए पुतले की हड्डी ले जाना चाहते थे। जिन लोगों को ये मिली वो अपने घरों में सावधानी से इसके ले गए। लोगों का मानना है कि जले हुए रावण की हड्डी को चारपाई मे बांधने से रात को सोते समय बुरे स्वप्न नही आते है।

Nov 12, 2024 - 07:00
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हरदोई के मल्लावां में राम लीला महोत्सव का अंतिम दिन:किया गया रावण दहन, 139 वें वर्ष का आयोजित हुआ कार्यक्रम
हरदोई के मल्लावां कस्बे में पिछले 138 वर्ष से चल रहे रामलीला महोत्सव का समापन रावण वध के साथ हुआ। कस्बे के मोहल्ला भगवंत नगर में नवम् दिवस राम की लीला मंचन किया गया। जिसके आखिर में रावण वध किया गया है। दिनभर हुए रामलीला कार्यक्रम में पहले कुम्भकर्ण, मेघनाद वध का मंचन किया गया। इसके बाद रात में रावण वध किया गया। रावण का विशालकाय पुतला जलाया गया, इस दौरान नगर मे मेला भी लगाया गया था। जिसमें भारी भीड़ उमड़ी, क्षेत्र के बच्चों व बुजुर्गों ने खूब इसमें लुत्फ उठाया। वहीं रावण दहन के दौरान भारी पुलिस की तैनाती की गई थी। सुरक्षा के पुख्ता और व्यापक इंतजाम किए गए थे। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक एक पुलिस बल की टुकड़ी के साथ मेले में गश्त करते रहे ताकि मेले में शांति व्यवस्था बनी रही। रावण की हड्डी पाने को मची होड़ रावण दहन कार्यक्रम में राम चन्द्र जी के द्वारा रावण को मारने के बाद उसका पुतला जलाया गया, रावण के जलने के बाद जली हुई रावण की हड्डियों को पाने में लोगों की होड़ लग गई। लोग धक्का मुक्की कर अपने-अपने घर रावण के जले हुए पुतले की हड्डी ले जाना चाहते थे। जिन लोगों को ये मिली वो अपने घरों में सावधानी से इसके ले गए। लोगों का मानना है कि जले हुए रावण की हड्डी को चारपाई मे बांधने से रात को सोते समय बुरे स्वप्न नही आते है।

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