अब घर-घर जाकर शिकायतें सुनेगें अधिकारी:डीएम की नई पहल, बोले- फरियादियों का समय और धन बर्बाद नहीं होगा
डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने जिले में फरियादियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। अब फरियादियों को अपनी समस्याएं लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उनकी समस्याएं ग्राम पंचायत सहायक घर-घर जाकर सुनेंगे और प्रार्थना पत्र लेकर समाधान की प्रक्रिया शुरू करेंगे। डीएम ने यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले फरियादियों की समय और धन की बचत के लिए उठाया है। गांव-गांव पहुंचेगा समाधान डीएम ने निर्देश दिया है कि ग्राम पंचायत सहायक फरियादियों के घर जाकर समस्याएं सुनें और उनका प्रार्थना पत्र लिखकर संबंधित विभागों तक पहुंचाएं। खास बात यह है कि जो फरियादी पढ़ना-लिखना नहीं जानते, उनके लिए सहायक प्रार्थना पत्र खुद लिखेंगे और उनसे अंगूठा लगवाएंगे। समस्याओं का समयबद्ध समाधान जिला प्रशासन ने तय किया है कि सभी सामान्य समस्याओं का समाधान 15 दिन के भीतर और गंभीर मामलों का समाधान 30 दिन के अंदर किया जाएगा। संबंधित विभागों से कार्रवाई की जानकारी लेकर उसकी एक प्रति ग्राम पंचायत सहायक के माध्यम से फरियादियों को दी जाएगी। फिर होगा फॉलोअप डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि समस्या के समाधान के बाद फरियादी से संपर्क कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे समाधान से संतुष्ट हैं या नहीं। इस पहल का उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है। फरियादियों को राहत प्रत्येक दिन बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से फरियादी अपनी समस्याएं लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचते हैं। इनमें से अधिकांश शिकायतें तहसील स्तर पर ही हल की जा सकती हैं। लेकिन जब स्थानीय स्तर पर अधिकारी सुनवाई नहीं करते, तो फरियादियों को कलेक्ट्रेट आना पड़ता है। डीएम की इस पहल से अब उन्हें यात्रा और खर्चे की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। ग्राम पंचायत सहायक की भूमिका अहम ग्राम पंचायत सहायक को कलम और कागज के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। वे घर-घर जाकर शिकायतों को दर्ज करेंगे और उन्हें मुख्यालय भेजेंगे। वहां से प्रार्थना पत्र संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए प्रेषित किए जाएंगे। डीएम की इस पहल से दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की पहुंच सुनिश्चित होगी और आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। यह मॉडल अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।
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