अमेरिका में बिकने वाले 97% आईफोन भारत में बने:इस साल ₹37 हजार करोड़ के फोन भेजे; ट्रम्प ने कहा था- अमेरिका में बनाओ आईफोन

एपल को ट्रम्प की धमकी के बावजूद अमेरिका में बिकने वाले लगभग सभी आईफोन भारत में बन रहे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एपल ने मार्च से मई 2025 के बीच भारत से जितने भी आईफोन एक्सपोर्ट किए, उनमें से 97% अमेरिका भेजे गए हैं। इनकी कीमत 3.2 बिलियन डॉलर (27,000 करोड़ रुपए) रही। सिर्फ मई में ही करीब 1 बिलियन डॉलर यानी 8,600 करोड़ के आईफोन भारत से अमेरिका भेजे गए हैं। यानी एपल अब भारत में आईफोन एक्सक्लूसिव तौर पर अमेरिकी बाजार के लिए बना रहा है। जनवरी से मई 2025 तक भारत से अमेरिका को 4.4 बिलियन डॉलर(₹37 हजार करोड़) के आईफोन एक्सपोर्ट हो चुके हैं। ये आंकड़ा 2024 के 3.7 बिलियन एक्सपोर्ट से भी ज्यादा है। 2024 तक अमेरिका में बेचे जाने वाले 50% आईफोन भारत में बनते थे। ट्रम्प ने एपल पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी डोनाल्ड ट्रम्प ने 23 मई को कहा था कि अमेरिका में बेचे जाने वाले आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग भारत या किसी अन्य देश में नहीं, बल्कि अमेरिका में ही होनी चाहिए। उन्होंने एपल के CEO टिम कुक को बता दिया है कि यदि एपल अमेरिका में आईफोन नहीं बनाएगा तो कंपनी पर कम से कम 25% का टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, मैंने बहुत पहले एपल के टिम कुक को सूचित कर दिया था कि जो आईफोन अमेरिका में बेचे जाएंगे, वे अमेरिका में निर्मित किए जाएंगे, न कि भारत या कहीं और। यदि ऐसा नहीं होता है, तो एपल को कम से कम 25% का टैरिफ देना होगा। 15 मई को कहा था, इंडिया अपना ख्याल खुद रख लेगा एपल CEO के साथ हुई इस बातचीत की जानकारी देते हुए ट्रम्प ने 15 मई को कहा था कि एपल को अब अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाना होगा। मुझे कल टिम कुक के साथ थोड़ी परेशानी हुई। मैंने उनसे कहा, टिम, तुम मेरे दोस्त हो, तुम 500 बिलियन डॉलर लेकर आ रहे हो, लेकिन अब मैं सुन रहा हूं कि तुम पूरे भारत में प्रोडक्शन कर रहे हो। मैं नहीं चाहता कि तुम भारत में प्रोडक्शन करो। उन्होंने आगे कहा कि अगर तुम भारत का ख्याल रखना चाहते हो तो तुम भारत में निर्माण कर सकते हो, क्योंकि भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ वाले देशों में से एक है। भारत में बेचना बहुत मुश्किल है और उन्होंने हमें एक डील ऑफर की है। इसके तहत वे हमसे कोई टैरिफ नहीं वसूलने को तैयार हैं। मैंने टिम से कहा, देखो, हमने वर्षों तक चीन में तुम्हारे द्वारा बनाए गए सभी प्रोजेक्ट्स को सहन किया, अब तुम्हें अमेरिका में प्रोडक्शन करना होगा, हम नहीं चाहते कि तुम भारत में निर्माण करो। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है। एपल का भारत पर इतना ज्यादा फोकस क्यों, 5 पॉइंट्स ट्रम्प नहीं चाहते कि एपल के प्रोडक्ट भारत में बनें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नहीं चाहते कि एपल के प्रोडक्ट भारत में बने। पिछले हफ्ते ट्रम्प ने कंपनी के CEO टिम कुक से कहा था कि भारत में फैक्ट्रियां लगाने की जरूरत नहीं है। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है। एपल CEO के साथ हुई इस बातचीत की जानकारी ट्रम्प ने गुरुवार (15 मई) को कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ कार्यक्रम में दी। उन्होंने कहा था कि एपल को अब अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाना होगा। इसके बावजूद एपल की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन ने भारत में 1.49 बिलियन डॉलर (करीब ₹12,700 करोड़) का निवेश किया है। फॉक्सकॉन ने अपनी सिंगापुर यूनिट के जरिए बीते 5 दिन में तमिलनाडु के युजहान टेक्नोलॉजी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में यह निवेश किया है।

Jun 13, 2025 - 18:27
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अमेरिका में बिकने वाले 97% आईफोन भारत में बने:इस साल ₹37 हजार करोड़ के फोन भेजे; ट्रम्प ने कहा था- अमेरिका में बनाओ आईफोन
एपल को ट्रम्प की धमकी के बावजूद अमेरिका में बिकने वाले लगभग सभी आईफोन भारत में बन रहे हैं। रॉयटर्

अमेरिका में बिकने वाले 97% आईफोन भारत में बने: इस साल ₹37 हजार करोड़ के फोन भेजे; ट्रम्प ने कहा था- अमेरिका में बनाओ आईफोन

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लेखक: पूजा शर्मा, साक्षी रॉय, टीम IndiaTwoday

जानिए अमेरिका में बिकने वाले आईफोन का असली सच

हाल ही में आए आंकड़ों से यह स्पष्ट हुआ है कि अमेरिका में बिकने वाले 97% आईफोन भारत में निर्मित हो रहे हैं। इस बात को रॉयटर्स की एक रिपोर्ट ने उजागर किया है, जिसमें बताया गया है कि एपल ने मार्च से मई 2025 के बीच भारत से जितने भी आईफोन एक्सपोर्ट किए, उनमें से अधिकांश का लक्ष्य अमेरिका था। ये फोन कुल 3.2 बिलियन डॉलर (लगभग 27,000 करोड़ रुपए) के थे।

ट्रम्प की धमकियों का असर?

पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आरोप लगाया था कि एपल को अमेरिका में फोन बनाना चाहिए, न कि भारत में। उन्होंने एपल के CEO टिम कुक को चेतावनी दी थी कि अगर आईफोन अमेरिका में निर्मित नहीं किए गए, तो उन पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। अपने ट्विटर पोस्ट में ट्रम्प ने स्पष्ट किया था कि अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन का उत्पादन अमेरिका में ही होना चाहिए।

नेटवर्किंग ने इस बात की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है कि ट्रम्प ने एप्पल के उत्पादन को अमेरिका में लाने के लिए मार्गदर्शन दिया है, जिसके आधार पर एपल ने भारत में आईफोन उत्पादन को प्राथमिकता दी है। ट्रम्प के आरोपों के बावजूद, एपल की उत्पादन रणनीति भारत में ही मजबूती से खड़ी है।

भारत में इतने बड़े कुशल निर्माण की क्षमता

भारत में इन फर्क के लिए एपल की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन ने 1.49 बिलियन डॉलर (लगभग ₹12,700 करोड़) का निवेश किया है। फॉक्सकॉन ने तमिलनाडु में अपनी यूनिट के माध्यम से इस निवेश को बढ़ाया है। इससे यह साबित होता है कि भारत निर्माण के लिए एक अत्यधिक संभावित स्थान है।

संख्याओं की तारीख

जनवरी से मई 2025 तक, भारत से अमेरिका को 4.4 बिलियन डॉलर (₹37 हजार करोड़) के आईफोन एक्सपोर्ट हुए हैं। ये आंकड़े पिछले वर्ष की तुलना में 17% की वृद्धि दर्शाते हैं, जब 2024 में 3.7 बिलियन डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए गए थे।

एपल का भारत पर फोकस क्यों?

भारत एपल के लिए एक रणनीतिक बाजार बना हुआ है, जहां न केवल उत्पादन की लागत कम है, बल्कि इसके साथ ही भारतीय ग्राहकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ट्रम्प की धमकियों के बाद भी एपल ने अपने भारतीय ऑपरेशन को मजबूत करने का फैसला लिया है, जो इस देश की प्रतिस्पर्धात्मकता का संकेत है।

निष्कर्ष

हालांकि ट्रम्प की धमकियों ने एपल के लिए एक चुनौती प्रस्तुत की, लेकिन कंपनी भारत में अपने उत्पादन को बढ़ाने में सफल रही है। ये परिवर्तन न केवल कंपनी के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहे हैं, बल्कि भारत के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है। अब यह देखना होगा कि क्या एपल अमेरिकी बाजार में अपनी जगह बनाए रख पाएगा, या फिर विकसित होने वाले प्रतिस्पर्धी मार्केट के सामने चुनौती पाएगा।

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