कृपालु महाराज के बाद बेटियां संभाल रही थीं विरासत:UP से USA तक है JKP ट्रस्ट की संपत्ति,विशाखा रखती थीं मनगढ़ मंदिर के साथ साथ बेटियों की शिक्षा और लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल

जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटियों के साथ रविवार को हुए हादसे के बाद उनकी बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी का निधन हो गया। विशाखा त्रिपाठी कृपालु महाराज की तीन बेटियों में सबसे बड़ी थीं। कृपालु महाराज के गोलोक गमन के बाद वह प्रतापगढ़ के मनगढ़ मंदिर के अलावा बेटियों की शिक्षा और लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं को देखती थीं। इसके अलावा वह जगद्गुरु कृपालु परिषद की चेयरमैन भी थीं। 1949 में हुआ था जन्म कृपालु महाराज की बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी जिन्हें बड़ी दीदी भी कहते थे का जन्म 1949 में भक्ति धाम से कुछ दूर लीलापुर गांव में हुआ था। जन्मी बड़ी दीदी बचपन से ही बहुत स्वतंत्र थीं; उनका स्वभाव बहुत मासूम था और हमेशा बहुत खुश रहती थीं। सबसे बड़ी होने के कारण, वह सबसे अनुशासित थीं और खुद को गरिमा के साथ पेश करती थीं, यहाँ तक कि कॉलेज के दिनों में भी वह साड़ी पहनती थीं। इस वजह से अक्सर लोग उन्हें क्लास टीचर समझ लेते थे। आर्ट्स से की मास्टर डिग्री विशाखा त्रिपाठी ने आगरा से कला में मास्टर डिग्री हासिल की। विशाखा त्रिपाठी को चित्रकला में महारथ हासिल था। उन्होंने कुछ दिन फोटो ग्राफी भी की। 1980 के बाद कुछ समय तक उन्होंने कृपालु महराज के वीडियो भी शूट किए। विशाखा त्रिपाठी को कृपालु महाराज ने वर्ष 2000 के आसपास जगद्गुरु कृपालु परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया था। वह जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालय और जगद्गुरु कृपालु परिषद शिक्षा का भी नेतृत्व करती थीं। मनगढ़ मंदिर की संभाल रही थी व्यवस्था 2013 में जगद्गुरु कृपालु महाराज के गोलोकवास होने के बाद उनकी विरासत की जिम्मेदारी तीनों बेटियों ने संभाल ली। सबसे बड़ी बेटी विशाखा को प्रतापगढ़ स्थित मानगढ़ मंदिर के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी दी गई। इसके साथ ही वह जगद्गुरु कृपालु परिषद ट्रस्ट की चेयरमैन भी थीं। वहीं कृपालु महाराज की दो अन्य बेटी ललिता और श्यामा वृंदावन का प्रेम मंदिर और बरसाना का कीर्ति मंदिर संभाल रही हैं। खबर अपडेट की जा रही है

Nov 24, 2024 - 14:55
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कृपालु महाराज के बाद बेटियां संभाल रही थीं विरासत:UP से USA तक है JKP ट्रस्ट की संपत्ति,विशाखा रखती थीं मनगढ़ मंदिर के साथ साथ बेटियों की शिक्षा और लोगों के स्वास्थ्य का ख्याल
जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटियों के साथ रविवार को हुए हादसे के बाद उनकी बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी का निधन हो गया। विशाखा त्रिपाठी कृपालु महाराज की तीन बेटियों में सबसे बड़ी थीं। कृपालु महाराज के गोलोक गमन के बाद वह प्रतापगढ़ के मनगढ़ मंदिर के अलावा बेटियों की शिक्षा और लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं को देखती थीं। इसके अलावा वह जगद्गुरु कृपालु परिषद की चेयरमैन भी थीं। 1949 में हुआ था जन्म कृपालु महाराज की बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी जिन्हें बड़ी दीदी भी कहते थे का जन्म 1949 में भक्ति धाम से कुछ दूर लीलापुर गांव में हुआ था। जन्मी बड़ी दीदी बचपन से ही बहुत स्वतंत्र थीं; उनका स्वभाव बहुत मासूम था और हमेशा बहुत खुश रहती थीं। सबसे बड़ी होने के कारण, वह सबसे अनुशासित थीं और खुद को गरिमा के साथ पेश करती थीं, यहाँ तक कि कॉलेज के दिनों में भी वह साड़ी पहनती थीं। इस वजह से अक्सर लोग उन्हें क्लास टीचर समझ लेते थे। आर्ट्स से की मास्टर डिग्री विशाखा त्रिपाठी ने आगरा से कला में मास्टर डिग्री हासिल की। विशाखा त्रिपाठी को चित्रकला में महारथ हासिल था। उन्होंने कुछ दिन फोटो ग्राफी भी की। 1980 के बाद कुछ समय तक उन्होंने कृपालु महराज के वीडियो भी शूट किए। विशाखा त्रिपाठी को कृपालु महाराज ने वर्ष 2000 के आसपास जगद्गुरु कृपालु परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया था। वह जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालय और जगद्गुरु कृपालु परिषद शिक्षा का भी नेतृत्व करती थीं। मनगढ़ मंदिर की संभाल रही थी व्यवस्था 2013 में जगद्गुरु कृपालु महाराज के गोलोकवास होने के बाद उनकी विरासत की जिम्मेदारी तीनों बेटियों ने संभाल ली। सबसे बड़ी बेटी विशाखा को प्रतापगढ़ स्थित मानगढ़ मंदिर के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी दी गई। इसके साथ ही वह जगद्गुरु कृपालु परिषद ट्रस्ट की चेयरमैन भी थीं। वहीं कृपालु महाराज की दो अन्य बेटी ललिता और श्यामा वृंदावन का प्रेम मंदिर और बरसाना का कीर्ति मंदिर संभाल रही हैं। खबर अपडेट की जा रही है

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