कौशांबी में आयुर्वेद यूनानी अस्पताल जांच में मिला बंद:प्रभारी ने कहा- गांव में ऐसा कोई अस्पताल मौजूद ही नहीं

कौशांबी के मरदानपुर वर्जी गांव स्थित राजकीय आयुर्वेद यूनानी अस्पताल की जांच में दो अफसरों की अलग-अलग रिपोर्ट ने घन चक्कर पैदा कर दिया है। नायब तहसीलदार सिराथू अतुल कुमार वर्मा की रिपोर्ट में अस्पताल बंद मिला। जबकि आयुर्वेद यूनानी विभाग के प्रभारी डॉ. अक्षय लाल ने दावा किया कि गांव में ऐसा कोई अस्पताल मौजूद ही नहीं है। 7 नवंबर को डीएम मधुसूदन हुल्गी ने सभी अस्पतालों की स्थिति जांचने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को GPS लोकेशन के साथ निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। नायब तहसीलदार अतुल कुमार वर्मा ने हल्का लेखपाल द्वारा चिह्नित स्थान पर जाकर अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे बंद पाया और GPS लोकेशन व फोटो सहित रिपोर्ट भेजी। आयुर्वेद यूनानी विभाग के प्रभारी डॉ. अक्षय लाल की रिपोर्ट में कहा गया कि विभाग के रिकॉर्ड में गांव में ऐसा कोई अस्पताल है ही नहीं। साथ ही, वहां काम कर रहे कर्मियों को सरकारी वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। नायब तहसीलदार अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि "लेखपाल द्वारा बताई गई जगह पर निरीक्षण किया गया और रिपोर्ट भेजी गई। मुझे उस स्थान की विस्तृत जानकारी नहीं थी। आगे की जानकारी के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं। डॉ. अक्षय लाल ने कहा कि डीएम द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में उल्लेखित अस्पताल का अस्तित्व ही नहीं है। यह जानकारी हमने विभाग और डीएम कार्यालय को दे दी है।" डीएम मधुसूदन हुल्गी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीएम से स्पष्ट जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा, "अस्पताल के अस्तित्व और जांच में सामने आई विसंगतियों पर सटीक रिपोर्ट मिलने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने दोनों अफसरों की रिपोर्ट पर सख्ती दिखाते हुए एडीएम को मामले की गहन जांच का आदेश दिया है। स्पष्ट जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय हो सकेगा कि मरदानपुर वर्जी गांव में अस्पताल है या नहीं।

Nov 23, 2024 - 12:35
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कौशांबी में आयुर्वेद यूनानी अस्पताल जांच में मिला बंद:प्रभारी ने कहा- गांव में ऐसा कोई अस्पताल मौजूद ही नहीं
कौशांबी के मरदानपुर वर्जी गांव स्थित राजकीय आयुर्वेद यूनानी अस्पताल की जांच में दो अफसरों की अलग-अलग रिपोर्ट ने घन चक्कर पैदा कर दिया है। नायब तहसीलदार सिराथू अतुल कुमार वर्मा की रिपोर्ट में अस्पताल बंद मिला। जबकि आयुर्वेद यूनानी विभाग के प्रभारी डॉ. अक्षय लाल ने दावा किया कि गांव में ऐसा कोई अस्पताल मौजूद ही नहीं है। 7 नवंबर को डीएम मधुसूदन हुल्गी ने सभी अस्पतालों की स्थिति जांचने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को GPS लोकेशन के साथ निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। नायब तहसीलदार अतुल कुमार वर्मा ने हल्का लेखपाल द्वारा चिह्नित स्थान पर जाकर अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने इसे बंद पाया और GPS लोकेशन व फोटो सहित रिपोर्ट भेजी। आयुर्वेद यूनानी विभाग के प्रभारी डॉ. अक्षय लाल की रिपोर्ट में कहा गया कि विभाग के रिकॉर्ड में गांव में ऐसा कोई अस्पताल है ही नहीं। साथ ही, वहां काम कर रहे कर्मियों को सरकारी वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। नायब तहसीलदार अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि "लेखपाल द्वारा बताई गई जगह पर निरीक्षण किया गया और रिपोर्ट भेजी गई। मुझे उस स्थान की विस्तृत जानकारी नहीं थी। आगे की जानकारी के लिए मैं अधिकृत नहीं हूं। डॉ. अक्षय लाल ने कहा कि डीएम द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में उल्लेखित अस्पताल का अस्तित्व ही नहीं है। यह जानकारी हमने विभाग और डीएम कार्यालय को दे दी है।" डीएम मधुसूदन हुल्गी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एडीएम से स्पष्ट जांच रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा, "अस्पताल के अस्तित्व और जांच में सामने आई विसंगतियों पर सटीक रिपोर्ट मिलने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने दोनों अफसरों की रिपोर्ट पर सख्ती दिखाते हुए एडीएम को मामले की गहन जांच का आदेश दिया है। स्पष्ट जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय हो सकेगा कि मरदानपुर वर्जी गांव में अस्पताल है या नहीं।

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