गाजियाबाद में मुस्लिम समाज ने आतंकी हमले का विरोध किया:आतंकी हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए मस्जिद में रखा गया मौन, दरगाह में दुआएं
गाजियाबाद में मुस्लिम समाज ने पहलगाम आतंकी हमले का विरोध जताया है। मस्जिद में जौहर की नमाज से पहले इमाम ने हमले में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखने का ऐलान किया। नमाज में शामिल मोहम्मद यासीन ने कहा कि वे इस घृणित कार्य को पूरी तरह अस्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के व्यक्ति के लिए आतंकवाद को कोई जगह नहीं है। हर नमाजी और मुस्लिम इस कृत्य की निंदा करता है। डासना स्थित जमाल शाह दरगाह पर तारिक ने बताया कि वे पीड़ित परिवारों के लिए दुआ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। समाज ने सरकार से आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

गाजियाबाद में मुस्लिम समाज ने आतंकी हमले का विरोध किया
गाजियाबाद में हाल ही में हुए आतंकी हमले का मुस्लिम समाज ने जोरदार विरोध किया। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे समुदाय में शोक और रोष का माहौल है। हमले की निंदा करते हुए, स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने एक विशेष सभा का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने शांति और सामंजस्य का संदेश दिया।
मोहब्बत और एकता का संदेश
मस्जिदों में मौन रखकर मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए दुआ की गई। यह सभा मुस्लिम समुदाय की एकता और प्रेम को दर्शाने का एक महत्वपूर्ण अवसर था। समुदाय के नेताओं ने सामाजिक समरसता को बनाए रखने और एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया।
दरगाह में किया गया दुआ का आयोजन
सिर्फ मस्जिद ही नहीं, बल्कि दरगाह में भी विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया। स्थानीय इमामों ने एकजुट होकर मगफिरत और शांति की दुआ की। यह उस समय की आवश्यकता थी जब समाज को एकता के सूत्र में बांधना जरूरी था। विशेष रूप से बच्चों और महिलाओं ने भी इस मौके पर दुआ में शामिल होकर शांति की कामना की।
समुदाय का आह्वान
इस घटना ने समुदाय को एक सशक्त आह्वान करने का अवसर दिया। मुस्लिम समाज ने सभी लोगों से आग्रह किया कि वे इस तरह की हिंसा का समर्थन न करें और शांति का प्रचार करें। स्थानीय हस्तियों ने भी इस वारदात की कड़ी निंदा की और इसे दुनिया के सामने रखने का प्रयास किया।
गाजियाबाद में मुस्लिम समाज ने यह साबित कर दिया कि हमले के बाद भी वे एकजुटता और भाईचारे के साथ आगे बढ़ सकते हैं। इस तरह की गतिविधियों से समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलता है और लोग एक दूसरे के प्रति संवेदनशील बनते हैं।
आखिर में, यह महत्वपूर्ण है कि हम इस तरह की घटनाओं के खिलाफ एक साझा आवाज उठाएं और बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करें।
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