चंडीगढ़ में प्लास्टिक उत्पादन पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका:2 स्कूली छात्रों ने दाखिल की, कोर्ट ने केंद्र, पंजाब, हरियाणा सहित 65 को भेजा नोटिस
प्लास्टिक और इससे बने उत्पादों, खासकर सिंगल यूज प्लास्टिक और कैरी बैग के उत्पादन और इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बावजूद देशभर में इसका खुलेआम इस्तेमाल और बिक्री जारी है। इससे पर्यावरण पर खतरनाक असर पड़ रहा है और मानव स्वास्थ्य के साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इस मामले को लेकर दो स्कूली छात्रों भव्यम राज और तेजस्विन राज ने एडवोकेट हिमांशु राज के जरिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार के मुख्य सचिवों, चंडीगढ़ के गृह सचिव, पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग के निदेशक, पुलिस प्रमुख, नगर निगम कमिश्नर और प्लास्टिक उत्पादन और व्यापार से जुड़ी कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को 17 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। ऑनलाइन कंपनियों पर भी लगे आरोप याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि फ्लिपकार्ट, अमेजन, मीशो, मिंत्रा और स्विगी जैसी प्रमुख ऑनलाइन कंपनियां सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल का इस्तेमाल कर रही हैं। यह प्लास्टिक कचरा पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। कई बार पशु इन प्लास्टिक उत्पादों को निगल लेते हैं, जिससे उनके पेट में प्लास्टिक जमा हो जाता है और उनकी मौत हो जाती है। बाजारों में खुलेआम बिक रही प्लास्टिक सामग्री याचिका में कहा गया है कि बाजारों में प्लास्टिक उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं और हर दुकानदार पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जो प्रतिबंध के आदेशों की अवमानना है। याचिकाकर्ताओं की मांग याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से अपील की है कि प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री के उत्पादन, बिक्री और उपयोग को पूरी तरह रोका जाए। साथ ही, संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं कि प्लास्टिक पर लागू प्रतिबंध का सख्ती से पालन हो।
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