चकेरी में बाथरूम के विवाद में चली थी गोली:एक की जान चली गई थी और एक साल चार माह चौदाह दिन बाद कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
कानपुर के चकेरी थाने में एक युवती ने पड़ोसी समेत आधा दर्जन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। युवती का आरोप है कि वह अपने घर में बाथरूम बनवा रही थी जिसका पड़ोसियों ने विरोध किया। इसमें पड़ोसियों ने गोली चला दी। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस मामले युवती सीएमएम कोर्ट गई जहां से आदेश होने के बाद चकेरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई। वहीं अधिकारी का दावा है कि जब घटना हुई थी। उसी समय आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लिखकर जेल भेजा गया था। युवती इस मामले में दूसरी एफआईआर लिखाना चाह रही थी। जबकि पुलिस ने उसी दर्ज मामले में उसे सम्मिलित होने को कहा था। पटेल नगर रेलवे क्रासिंग चकेरी निवासी युवती के मुताबिक उसके माता पिता अपने मकान में बाथरूम बनवा रहे थे। घर के सामने नाली व सीवर का चेम्बर है। जिसमें वह बाथरूम का पाइप चेम्बर में डला रही थी। इस पर पड़ोसी शिव सागर शुक्ला व उसके परिवार के लोगो ने विरोध करते हुये गाली गलौज और मारपीट की। शिव सागर शुक्ला अपनी लाइसेन्सी बंदूक को दिखाकर जान से मारने की धमकी दी।युवती की मां ने इस घटना की शिकायत 6 जुलाई 2023 को थाने में भी की थी। मगर पुलिस ने पड़ोसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। युवती से की अश्लील हरकत युवती के मुताबिक 10 जुलाई 2023 को पीड़िता ने सभासद से पूछकर फिर से काम शुरू कराया। सुबह ग्यारह बजे शिव सागर शुक्ला अपने अन्य लोगों के साथ उशके घर में जबरन घुस आया। उसने पीड़िता के साथ छेड़छाड़ की। जब वह चिल्लाकर बाहर भागी तो उसके कपड़े फाड़ दिए। इस दौरान शिव सागर के सभी परिजन पत्नी सरिता शुक्ला लाइसेन्सी बंदूक लेकर, कपिल उर्फ अनुराग, अवनीश व नित्या शुक्ला व अज्ञात ने लाठी डंडे के साथ मारपीट की। पत्नी ने दी पति को लाइसेंसी बंदूक पीड़िता के मुताबिक आरोपी शिव सागर की पत्नी ने उसे लाइसेंसी बंदूक देकर कहा कि सबको गोली मार दो। शिव सागर ने पीड़िता पर फायर किया। वह हटी तो वहां काम कर रहे आदम के पेट में गोली लग गई। दूसरे फायर में पीड़िता के भाई पर किया वह भी बच गया मगर गोली रोड से अपने बच्चे पार कराने वाले संदीप विश्वकर्मा को लग गई जिसके उसकी मौत हो गई। इसके बाद शिव सागर शुक्ला ने फायर किया तो गोली पड़ोसी निर्मला देवी के लग गई। इस मामले में डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार ने कहा कि मामला पुराना है। उस दौरान एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी शिवा सागर शुक्ला और उसके बेटे को जेल भेजा गया था। पीड़िता चाह रही थी कि उसकी तहरीर पर अलग से एफआईआर दर्ज हो। जबकि पुलिस का कहना था कि जो एफआईआर दर्ज है उसी में यह भी अपना बयान देकर वादी बन जाए।
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