''जिसका कोई गुरू नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं'':अमेठी में रामकथा का सातवां दिन, शांतनु महाराज ने सुनाया अहिल्या वृत्तांत

अमेठी के तिलोई स्थित आरबीएस इंटर कॉलेज में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के आयोजन में नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा का सातवां दिन भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ। कथा व्यास आचार्य शांतनु जी महाराज ने भगवान राम के जीवन प्रसंगों और भक्तों के प्रति उनकी कृपा का भावपूर्ण वर्णन किया। शबरी और अहिल्या की प्रतीक्षा का संदेश कथा व्यास आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि भगवान को पाने के लिए सच्चे मन से उनकी प्रतीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने माता शबरी और देवी अहिल्या के उदाहरण देते हुए बताया कि भगवान स्वयं अपने भक्तों के पास आते हैं, जब उनका समर्पण और प्रतीक्षा पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में भगवान के लिए गहरी ललक और प्यास बनाए रखनी चाहिए। गुरु महिमा का किया बखान आचार्य ने गुरु की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "जिसका कोई गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं।" उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस में गुरु महिमा के उल्लेख को रेखांकित किया। चित्रकूट की लीला और राजा दशरथ के महाप्रयाण का मार्मिक वर्णन श्रोताओं को भावुक कर गया। देखें 3 तस्वीरें... विशेष अतिथियों का सम्मान सप्तम दिवस पर कथा के दौरान पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह, सीओ अजय कुमार सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी हरिओम तिवारी सहित अन्य गणमान्य अतिथियों को अंगवस्त्र और प्रभु श्रीराम की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आयोजक मयंकेश्वर शरण सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए श्रीराम कथा की महत्ता पर प्रकाश डाला। भक्तों का उमड़ा जनसैलाब कार्यक्रम का संचालन धर्मेश मिश्रा ने किया। इस अवसर पर रानी उपासना सिंह, कुंवर मृगांकेश्वर शरण सिंह, उत्कर्ष शरण सिंह, ब्लॉक प्रमुख तिलोई अर्चना सिंह सहित हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।

Nov 28, 2024 - 20:40
 0  8.1k
''जिसका कोई गुरू नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं'':अमेठी में रामकथा का सातवां दिन, शांतनु महाराज ने सुनाया अहिल्या वृत्तांत
अमेठी के तिलोई स्थित आरबीएस इंटर कॉलेज में राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के आयोजन में नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीराम कथा का सातवां दिन भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ। कथा व्यास आचार्य शांतनु जी महाराज ने भगवान राम के जीवन प्रसंगों और भक्तों के प्रति उनकी कृपा का भावपूर्ण वर्णन किया। शबरी और अहिल्या की प्रतीक्षा का संदेश कथा व्यास आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि भगवान को पाने के लिए सच्चे मन से उनकी प्रतीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने माता शबरी और देवी अहिल्या के उदाहरण देते हुए बताया कि भगवान स्वयं अपने भक्तों के पास आते हैं, जब उनका समर्पण और प्रतीक्षा पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में भगवान के लिए गहरी ललक और प्यास बनाए रखनी चाहिए। गुरु महिमा का किया बखान आचार्य ने गुरु की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "जिसका कोई गुरु नहीं, उसका जीवन शुरू नहीं।" उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस में गुरु महिमा के उल्लेख को रेखांकित किया। चित्रकूट की लीला और राजा दशरथ के महाप्रयाण का मार्मिक वर्णन श्रोताओं को भावुक कर गया। देखें 3 तस्वीरें... विशेष अतिथियों का सम्मान सप्तम दिवस पर कथा के दौरान पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह, सीओ अजय कुमार सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी हरिओम तिवारी सहित अन्य गणमान्य अतिथियों को अंगवस्त्र और प्रभु श्रीराम की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आयोजक मयंकेश्वर शरण सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए श्रीराम कथा की महत्ता पर प्रकाश डाला। भक्तों का उमड़ा जनसैलाब कार्यक्रम का संचालन धर्मेश मिश्रा ने किया। इस अवसर पर रानी उपासना सिंह, कुंवर मृगांकेश्वर शरण सिंह, उत्कर्ष शरण सिंह, ब्लॉक प्रमुख तिलोई अर्चना सिंह सहित हजारों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow