गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण में एक एसई समेत नौ इंजीनियर सस्पेंड:सड़क निर्माण में सरकार का बड़ा एक्शन, दस दिन पूर्व शुरू हुई थी जांच

लोक निर्माण विभाग PWD में मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़ा एक्शन हुआ है। हरदोई में घटिया सड़क निर्माण और विशेष मरम्मत कार्यों में लापरवाही के गंभीर आरोपों में बड़ी कार्रवाई की गई है। विभाग ने एक अधीक्षण अभियंता सहित कुल 9 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। इन सभी को निलंबन के दौरान मुख्यालय से अटैच किया गया है। मामले की जांच दस दिन पूर्व शुरू हुई थी। इनपर हुई कार्रवाई निलंबित अधिकारियों में उन्नाव वृत्त के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्र, हरदोई के अधिशासी अभियंता निर्माण खंड एक के सुमंत कुमार और प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता शरद कुमार मिश्रा शामिल हैं। इनके अलावा सहायक अभियंता रीतेश कटियार, कृष्णकांत मिश्रा, संतोष कुमार पांडे, जीएन सिंह और राजवीर सिंह को भी दोषी पाया गया है। इन सभी अभियंताओं को निलंबन अवधि में प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष योगेश पवार के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। गुणवत्ताविहीन निर्माण का आरोप सड़क निर्माण और विशेष मरम्मत में मानकों का उल्लंघन करने का आरोप है। निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग और अनुमन्य मानकों का पालन नहीं किया गया है।विशेष मरम्मत में निर्धारित सामग्री और मानक का उपयोग नहीं किया गया। विभाग में हड़कंप इस कार्रवाई से पीडब्ल्यूडी में हड़कंप मच गया है। प्रमुख अभियंता योगेश पवार ने स्पष्ट किया है कि विभाग में लापरवाही और भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच के बाद दोषियों पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये है मामला मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरदोई में लोक निर्माण विभाग PWD की बनाई गई सड़कों की जांच में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। विभागीय समीक्षा के बाद भेजी गई प्रमुख सचिव अजय चौहान और विभागाध्यक्ष योगेश पवार के नेतृत्व वाली जांच टीम ने निर्माण कार्य में मानकों के उल्लंघन को प्रमाणित किया। मुख्यमंत्री के आदेश पर दस दिन पहले हरदोई में दो टीमों ने चार सड़कों की जांच की। निर्माण सामग्री के नमूने जांच के लिए मौके से लिए गए जो फेल पाए गए। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद हुई कार्रवाई मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रदेश में बन रही सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शासन स्तर की टीमें भेजी जाएं। हरदोई में यह जांच टीम इन निर्देशों का हिस्सा थी। नमूने फेल होने और गुणवत्ता में गड़बड़ियां मिलने के बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी गई। उनके निर्देश पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। प्रमुख सचिव सख्त प्रमुख सचिव अजय चौहान ने कहा, "सरकार की प्राथमिकता जनता को बेहतर सड़कें मुहैया कराना है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी अधिकारियों पर और सख्त कार्रवाई होगी।

Nov 29, 2024 - 00:30
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गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण में एक एसई समेत नौ इंजीनियर सस्पेंड:सड़क निर्माण में सरकार का बड़ा एक्शन, दस दिन पूर्व शुरू हुई थी जांच
लोक निर्माण विभाग PWD में मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़ा एक्शन हुआ है। हरदोई में घटिया सड़क निर्माण और विशेष मरम्मत कार्यों में लापरवाही के गंभीर आरोपों में बड़ी कार्रवाई की गई है। विभाग ने एक अधीक्षण अभियंता सहित कुल 9 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। इन सभी को निलंबन के दौरान मुख्यालय से अटैच किया गया है। मामले की जांच दस दिन पूर्व शुरू हुई थी। इनपर हुई कार्रवाई निलंबित अधिकारियों में उन्नाव वृत्त के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्र, हरदोई के अधिशासी अभियंता निर्माण खंड एक के सुमंत कुमार और प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता शरद कुमार मिश्रा शामिल हैं। इनके अलावा सहायक अभियंता रीतेश कटियार, कृष्णकांत मिश्रा, संतोष कुमार पांडे, जीएन सिंह और राजवीर सिंह को भी दोषी पाया गया है। इन सभी अभियंताओं को निलंबन अवधि में प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष योगेश पवार के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। गुणवत्ताविहीन निर्माण का आरोप सड़क निर्माण और विशेष मरम्मत में मानकों का उल्लंघन करने का आरोप है। निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग और अनुमन्य मानकों का पालन नहीं किया गया है।विशेष मरम्मत में निर्धारित सामग्री और मानक का उपयोग नहीं किया गया। विभाग में हड़कंप इस कार्रवाई से पीडब्ल्यूडी में हड़कंप मच गया है। प्रमुख अभियंता योगेश पवार ने स्पष्ट किया है कि विभाग में लापरवाही और भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच के बाद दोषियों पर और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ये है मामला मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरदोई में लोक निर्माण विभाग PWD की बनाई गई सड़कों की जांच में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। विभागीय समीक्षा के बाद भेजी गई प्रमुख सचिव अजय चौहान और विभागाध्यक्ष योगेश पवार के नेतृत्व वाली जांच टीम ने निर्माण कार्य में मानकों के उल्लंघन को प्रमाणित किया। मुख्यमंत्री के आदेश पर दस दिन पहले हरदोई में दो टीमों ने चार सड़कों की जांच की। निर्माण सामग्री के नमूने जांच के लिए मौके से लिए गए जो फेल पाए गए। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद हुई कार्रवाई मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रदेश में बन रही सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शासन स्तर की टीमें भेजी जाएं। हरदोई में यह जांच टीम इन निर्देशों का हिस्सा थी। नमूने फेल होने और गुणवत्ता में गड़बड़ियां मिलने के बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी गई। उनके निर्देश पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। प्रमुख सचिव सख्त प्रमुख सचिव अजय चौहान ने कहा, "सरकार की प्राथमिकता जनता को बेहतर सड़कें मुहैया कराना है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषी अधिकारियों पर और सख्त कार्रवाई होगी।

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